पंजाबः किसानों ने तीन दिन के लिए रेलवे ट्रैक पर डाला डेरा, पहली अक्टूबर से अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन का एलान

केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानून का पूरे देश में ही विरोध हो रहा है। सबसे ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में देखने को मिल रहा है। पंजाब में आंदोलित किसानों ने रेलवे ट्रैक पर ही डेरा डाल दिया है। धूप से बचने के लिए बाकायदा तंबू भी लगा दिया गया है। किसान साथ में गद्दे लेकर आए हैं और वहीं पर रात में सो भी रहे हैं। भोजन के लिए लगातार लंगर चलाया जा रहा है। 1 अक्टूबर से 31 किसान संगठनों ने अनिश्चितकालीन ‘रेल रोको’ आंदोलन की घोषणा की है।

राज्यसभा से अनैतिक तरीके से कृषि विधेयकों को पास कराने के बाद किसानों का गुस्सा बढ़ गया है। उन्होंने 25 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया था, लेकिन पंजाब के किसान गुरुवार को ही रेल ट्रैक पर बैठ गए हैं। पंजाब के किसानों के रेल ट्रैक जाम करने के बाद अब हरियाणा में किसानों और आढ़तियों ने राजमार्ग और रेल मार्ग जाम करने की चेतावनी दी है।

पंजाब में किसान मजदूर संघर्ष समिति ने तीन दिन का रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया था। उनके इस आंदोलन को कई दूसरे किसान संगठनों ने भी समर्थन दिया है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहन) के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को सुबह से ही बरनाला और संगरूर में रेल पटरियों पर धरना दे दिया है। तीन दिन के आह्वान के मुताबिक आज शनिवार को उनके आंदोलन का तीसरा और आखिरी दिन है। पंजाब में रेल रोकने के अलावा कई स्थानों पर धरना भी चल रहा है।

पंजाब में किसान यूनियनों ने राज्य के छह अलग-अलग स्थानों पर रेलवे ट्रैक जाम किया है। प्रदर्शनकारियों ने अमृतसर, फिरोजपुर, संगरूर, बरनाला, मनसा और नाभा समेत कई दूसरे स्थानों पर रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया है। किसान-मजदूर संघ के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि हमारा रेल रोको आंदोलन शनिवार तक जारी रहेगा।

भारतीय किसान यूनियन (उग्रहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि अगर रेलवे ने अपनी ट्रेनों को पहले ही रद्द कर दिया है, तो यह सिस्टम पर हमारा दबाव दिखाता है। हालांकि, इसके बावजूद हमारे कार्यकर्ता रात भर पटरियों पर सो रहे हैं। हम अपने साथ गद्दे भी लाए हैं। कार्यकर्ता धरना स्थल के पास लंगर भी चला रहे हैं।

कोकरी कलां ने कहा, “हमने लोगों से कहा है कि हमारे धरनों में किसी भी राजनेता का स्वागत नहीं है और यदि कोई किसान शामिल होना चाहता है, तो उसे बिना किसी पार्टी के झंडे के आना चाहिए। हालांकि, किसी भी नेता या चुने हुए प्रतिनिधि को ध्वज के साथ या उसके बिना अनुमति नहीं है।”

रेलवे ने आज शनिवार तक पंजाब की ओर जाने वाली कई ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। कई ट्रेनों को अंबाला कैंट, सहारनपुर और दिल्ली स्टेशन पर ही टर्मिनेट किया जा रहा है। किसान आंदोलन को देखते हुए अंबाला-लुधियाना, चंडीगढ़-अंबाला रेल रूट बंद कर दिया गया है। इस वजह से रेलवे ने करीब दो दर्जन ट्रेनों को निरस्त कर दिया है।

उत्तर और उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने कहा कि रेल सेवाओं के बाधित होने से माल ढुलाई के साथ ही यात्रियों की आवाजाही पर भी गंभीर असर पड़ेगा। यह आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को प्रभावित करेगा। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है, वैसे-वैसे यह आंदोलन माल ढुलाई की गति को बुरी तरह प्रभावित करेगा।

उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा समय है, जब लोग आपातकालीन उद्देश्यों के लिए यात्रा कर रहे हैं और यह उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाएगा क्योंकि हमें विशेष रेलगाड़ियों को रद्द या डायवर्ट करना पड़ा है। दिल्ली और पंजाब में रेलवे अधिकारियों ने भी कहा है कि रेल रोको आंदोलन ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को प्रभावित किया है।

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