मणिपुर हिंसा के खिलाफ पंजाब में महिला किसानों का प्रदर्शन, दोषियों को सजा की मांग

मणिपुर में जारी हिंसा, महिलाओं को निर्वस्त्र करके उनका जुलूस निकालने और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्रहां) की अगुवाई में महिला किसानों ने 6 अगस्त को चंडीगढ़ में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और राजभवन की ओर मार्च किया।

पंजाब भर से बड़ी तादाद में किसान और खेत मजदूर महिलाएं मोहाली के ऐतिहासिक अंब साहिब गुरुद्वारा के सामने पुड्डा मैदान में इकट्ठा हुईं। उन्होंने मणिपुर के घटनाक्रम और ज्वलंत मुद्दों पर सभा करने के बाद दोपहर को राज्यपाल को मांग पत्र देने के लिए राजभवन की ओर कूच किया, लेकिन पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के पास उन्हें मोहाली-चंडीगढ़ सरहद पर पुलिस ने बैरीकेटिंग लगाकर रोक लिया।

भारी तादाद में तैनात पुलिस फोर्स ने महिला किसानों को राजभवन नहीं जाने दिया। लंबी बहस के बाद जत्थेबंदी की प्रधान की अगुवाई में 20 सदस्यों के शिष्टमंडल को राज्यपाल के साथ मुलाकात करवाने के लिए आगे ले जाया गया। जहां उन्होंने दोषियों को संविधान के अनुसार सजा देने की मांग की।

इस मौके पर जोगिंदर सिंह उग्रहां, सुखदेव सिंह कोकरी कलां, कमलजीत कौर बरनाला, जसवर कौर, गुरमेल कौर, सरोज रानी मानसा, हरिंदर कौर और देवेंद्र कौर गुरदासपुर ने धरना-प्रदर्शन के लिए सूबे से आईं महिलाओं को संबोधित करते हुए मणिपुर घटनाक्रम की बाबत विस्तार से जानकारी दी और कहा कि इस हुकूमत में एक भी महिला महफूज नहीं है। इसके लिए केंद्र सरकार जवाबदेह है।

महिला किसान नेताओं ने पुरजोर मांग की कि ‘महिलाओं को निर्वस्त्र करके बेइज्जत करने वाले दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि हम खुद को बहुत बड़ी सैन्य शक्ति कहते हैं लेकिन मणिपुर के गृह युद्ध को रोकने में सरासर नाकामयाब हैं। इन तमाम घटनाओं के पीछे बहुत गहरी साजिश है। मणिपुर के कबीलाई लोगों के जल, जंगल और जमीन हथियाने वाले फैसले वापस लिए जाएं। सांप्रदायिक अमन-सद्भाव को कायम रखना यकीनी बनाया जाए। जंगल संभाल (संशोधित) 2023 का कानून वापस लिया जाए’।      

किसान नेता हरिंदर कौर बिंदु ने कहा कि ‘भाजपा हुकूमत अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए समाज का ध्रुवीकरण कर रही है। कुलदीप कौर कुस्सा ने कहा कि सांप्रदायिकता के तहत अल्पसंख्यक कुकी आदिवासी कबीले को निशाना बनाकर सैकड़ों गांव और गिरजाघरों को आग के हवाले कर दिया गया। यह सिलसिला अब भी जारी है। केंद्र मूकदर्शक बना हुआ है। सैकड़ों लोगों को मार दिया गया या गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया। बच्चों, बुजुर्गों और औरतों तक को नहीं बख्शा गया’।

मनदीप कौर बारन ने कहा कि ‘ऐसे हिंसक तत्वों द्वारा सैकड़ों थानों से 4500 से ज्यादा आधुनिक हथियार, 5 लाख से अधिक गोली-बारूद और पुलिस वर्दियां लूट ली गईं, वहीं इन सब से पुलिस की ओर से आंखें बंद कर लेना सरकार की फासीवादी तरजीह का मुंह बोलता प्रमाण है’।

जोगिंदर सिंह उग्रहां ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि ‘अगर हिंसा का यह नंगा नाच बंद नहीं हुआ तो आने वाले समय में संघर्ष को और ज्यादा तीखा किया जाएगा’। इस मौके पर कई वरिष्ठ किसान नेता, महिला किसान नेता और खेत मजदूर नेता मौजूद रहे।    

(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं और पंजाब में रहते हैं।)

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