भारत जोड़ो न्याय यात्रा: राहुल बोले-भाई-भाई के लड़ने से परिवार मजबूत नहीं कमजोर होता है

नई दिल्ली। भारत जोड़ो न्याय यात्रा शनिवार को वाराणसी में प्रवेश कर गई है। इस दौरान राहुल गांधी ने विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए एक साल पहले के ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल गया। 4,000 किलोमीटर मैं पैदल चला, हजारों लोगों से मिला और आपने देखा होगा कि लाखों लोग उस यात्रा में चले।

किसान आए, मज़दूर आए, छोटे व्यापारी आए, बेरोज़गार युवा आए… उन्होंने अपनी बात रखी। उनके दिल में जो डर था, उसके बारे में उन्होंने मुझसे मिलकर बताया… छोटे व्यापारी कहते थे हमें डर लगता है, कल का नहीं पता क्या हो जाए। ऐसा माहौल बन गया है। पूरी यात्रा में मैंने नफ़रत कहीं नहीं देखी। बीजेपी के लोग भी आते थे, आरएसएस के लोग आते थे… जैसे ही वो यात्रा में आ जाते थे, वो प्यार से बोलते थे। तो ये देश मोहब्बत का देश है, ये देश नफ़रत का देश नहीं है और ये देश तब ही मज़बूत होता है जब ये एक साथ मिलकर काम करता है।

राहुल गांधी भीड़ में से एक व्यक्ति (प्रभात सिंह, बलिया) से सवाल पूछा कि, जैसे कोई भी परिवार में… अगर आपके परिवार में भाई-भाई के बीच में लड़ाई हो जाती है तो परिवार मज़बूत होता है या कमजोर होता है… तो अगर देश में भाई-भाई से लड़ जाए तो देश मज़बूत होगा या कमजोर होगा? … तो सबसे बड़ी देशभक्ति क्या होती है … तो देश को एक साथ करना, एकजुट करना, जोड़ना ही देशभक्ति है।

देखिए… अजीब सी बात थी, इस देश की मैं आपको शक्ति बताना चाहता हूं। जैसे मैं अभी यहां आया, मंदिर में मैंने मत्था टेका। गंगा जी को प्रणाम करने आया हूं मैं। उनके सामने, गंगा जी के सामने मैं यहां अहंकार से नहीं आया हूं। मैं सिर झुकाकर, सिर नीचे झुकाकर… ऐसे मैं गंगा जी के सामने आया हूं। वैसे ही जब मैं ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में चल रहा था, मैं सिर झुकाकर जो भी मेरे सामने आता था… मैंने अपनी टीम से कह दिया, आप इनसे पूछिए… ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले इन्होंने मुझसे पूछा – राहुल जी, हमें करना क्या है? मैंने इनको कहा – देखो, यात्रा में बहुत सारे लोग मुझसे मिलने आएंगे, ग़रीब लोग आएंगे, अमीर लोग आएंगे, सब के सब लोग आएंगे, सब बोलेंगे… जो भी आएगा, उसे ऐसा लगना चाहिए कि मैं अपने घर आया हूं, अपने भाई से मिलने आया हूं और प्यार से उसकी मुलाकात होनी चाहिए और प्यार से वो बाहर जाए।

तो जब हम ये कर रहे थे (राहुल गांधी ने जनसमूह में उपस्थित एक अन्य व्यक्ति से उसका नाम पूछा) (उपस्थित व्यक्ति ने कहा – राहुल) आ जाओ, ऊपर आ जाओ राहुल… तो जब हम चल रहे थे, हमें कोई थकान ही नहीं हुई। सुबह छह बजे शुरू, शाम के सात बजे ख़त्म होती थी… 12 घंटे चलते थे, कोई थकान नहीं। क्यों… क्योंकि देश की शक्ति हमारे साथ उस यात्रा में थी। (राहुल गांधी ने जनसमूह में से उपस्थित उस व्यक्ति से पुन: उसका नाम पूछा) (उपस्थित व्यक्ति ने कहा – राहुल) ये देखो, एक राहुल दूसरे राहुल से बात करेगा।

अब देखो, देश में जो नफ़रत फैल रही है, उसका मैं आपको कारण दिखाता हूं। राहुल, आप कितने समय से रोज़गार ढूंढ रहे हो ( राहुल ने कहा – हमने 2018 में इंटर का एग्जाम दिया है, मगर यूनिवर्सिटी में तीन साल की ग्रेजुएशन पांच साल में करवाई, अभी तक भटक रहा हूं। यूपी पुलिस का एग्जाम देने आया हूं यूपी में। 65 लाख यहां का फॉर्म गया हैं, सीट हैं उसमें मात्र 60 हजार; एएलपी में वेकेंसी आई मात्र 5600, सीट खाली हैं अभी 80 हजार। सारे रोज़गार छीन रहे हैं, हम छात्र पढ़ रहे हैं 20 साल से, क्या करेंगे)…. अच्छा एक बात बताओ, तुम कॉलेज गए, यूनिवर्सिटी में आपने कितना पैसा डाला है, कितना खर्चा किया पढ़ाई में, शुरुआत से लेकर आज तक कितना पैसा दिया आपने, आपके पापा ने?

(राहुल ने कहा – शुरुआत से से तो काउंट ही नहीं कर सकते सर, पांच साल से तो पटना में रह रहे हैं, लगभग 5,000 रुपए लगते हैं वहां रहने-खाने में, कोचिंग छोड़कर) मगर कितने रुपए लगा दिए आपने? (राहुल ने कहा – बहुत, 5 से 10 लाख, हमारे जैसे कितने लोग हैं, हम एक ही भाई थोड़े ना हैं सर, घर में बहुत सारे लोग पढ़ने वाले रहते हैं) तो आपने दो-तीन लाख रुपए तो लगा दिए होंगे (राहुल ने कहा – बहुत ज्यादा, उससे पांच गुना ज्यादा) दस लाख रुपए लगा दिए होंगे (राहुल ने कहा – एकदम से आराम से बचपन से) तो आपने दस लाख रुपए रोज़गार पाने के लिए लगाए थे? (राहुल ने कहा – यस सर) और अब आपको पता लगा कि दस लाख रुपए प्राइवेट कॉलेज ने, यूनिवर्सिटी ने आपकी जेब से निकाल लिए और रोज़गार नहीं मिल रहा है? (राहुल ने कहा – नहीं मिल रहा है) आपको क्या लगता है, कितने सालों में मिलेगा रोज़गार? (दिल की बात बताना चाहता हूं सर, आज से एक-दो साल पहले, आपकी भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस को विलुप्त मान चुका था, कांग्रेस का कार्यकर्ता नहीं हूं, मैं इस देश का छात्र हूं, उसके नाते बोलना चाहता हूं, आज से एक-दो साल पहले कांग्रेस के लोग हल्के में लिए जा रहे थे क्योंकि बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकते थे लेकिन उसके बाद जैसे आपकी भारत जोड़ो यात्रा स्टार्ट हुई है, लोग आपको गंभीरता से लेते हैं) नहीं, सुनो वो सब ठीक है, मगर हम अभी बेरोज़गारी की बात कर रहे हैं (राहुल ने कहा – आपसे उम्मीद है सर, पूरी बात सुनिए सर, आपसे पूरे लोगों को उम्मीद है, बिहार के पूरे लोगों को उम्मीद आपसे है। जहां तक हम सुन पाते हैं, इस बार के इलेक्शन में आपसे पूरी उम्मीद है और चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी की सरकार बदले और छात्रों को रोज़गार मिले)। अच्छा एक बात बताओ, आपको नोटबंदी से फायदा हुआ? (राहुल ने कहा – नहीं सर, नोटबंदी से क्या फायदा होगा)… थैंक्यू ब्रदर, धन्यवाद।

अच्छा, नोटबंदी से यहां किसी को फायदा हुआ (जनसमूह ने कहा – नहीं हुआ)… तो देश में दो सबसे बड़े मुद्दे हैं। कौन से मुद्दे हैं – बेरोज़गारी और दूसरा (जनसमूह ने कहा – महंगाई)… महंगाई। अब जहां भी देखो, आपको दो हिंदुस्तान दिखेंगे। एक अरबपति वाला और एक ग़रीबों का हिंदुस्तान। सही? अब देखो, ये मीडिया वाले, ये सब कैमरा/माइक पकड़े हुए हैं यहां पर। इनको देखो, ये किसके हैं बताओ ज़रा? ये अडानी जी के, अंबानी जी के… ये उनके हैं। ये किसान के बारे में, मज़दूर के बारे में, ग़रीब के बारे में कभी नहीं दिखाने वाले। ये कर ही नहीं सकते, इनके मालिक कहते हैं – भईया, नहीं, हिंदुस्तान के ग़रीबों के बारे में मीडिया में नहीं दिखाना। मीडिया में कुछ दिखाना है तो ऐश्वर्या राय को नाचते हुए दिखाना है, नरेंद्र मोदी जी को 24 घंटे दिखाना है, अमिताभ बच्चन जी को वहां पर दिखाना है। जो देश के मुद्दे हैं, उनके बारे में नहीं बोलना।

यहां पर छोटे व्यापारी हैं, इनमें से एक को जीएसटी और नोटबंदी से फायदा नहीं हुआ। यहां एक भी नहीं हैं, जिनको नोटबंदी और जीएसटी से फायदा हुआ हो। मगर नोटबंदी और जीएसटी… और जो इनको कष्ट उठाना पड़ रहा है, इसके बारे में मीडिया में आपको कभी नहीं दिखाई देगा… हो ही नहीं सकता।

इस देश में अडानी जी को एयरपोर्ट, हवाई जहाज़… सारा का सारा एक के बाद एक, एक के बाद एक पकड़ाया जाएगा। जीएसटी आप दोगे, जीएसटी इस देश का ग़रीब व्यक्ति देगा। (श्री राहुल गांधी ने जनसमूह में उपस्थित एक और व्यक्ति से उसका नाम पूछा)। (व्यक्ति ने कहा – मीडिया से हूं) मीडिया के हो, क्या नाम है आपका? आपने जो ये शर्ट पहनी है, कितने की ली है आपने? (मीडिया वाले व्यक्ति ने कहा – 1100 रुपए की) इसमें आपने जीएसटी कितनी डाली? (व्यक्ति ने कहा – 18 प्रतिशत लगी) 1100 रु. में से 18 प्रतिशत आपने जीएसटी दी। अब अगर आपके मालिक जो अरबपति हैं, अगर वो यही शर्ट खरीदते तो वो कितनी जीएसटी देते… जितनी आपने दी, उतनी देते… 18 प्रतिशत देते। तो ये अन्याय है ना कि अरबपति भी उतना टैक्स दे रहा है, जितना हिंदुस्तान का सबसे ग़रीब दे रहा है। तो इसलिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में हमने ‘न्याय’ शब्द जोड़ दिया।

मणिपुर से महाराष्ट्र तक ये यात्रा जा रही है। आज हम उत्तर प्रदेश में हैं। आपने इतनी शक्ति हमें दी, इतनी मोहब्बत दी। इसके लिए दिल से आपका धन्यवाद करना चाहता हूं।

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