दो साथियों की रिहाई के लिए अड़े रावण आखिर आए जेल से बाहर

भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को दिल्ली के साकेत कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। जमानत मिलने के बाद चंद्रशेखर रावण ने जेल से बाहर आने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक उनके साथ इसी मामले में बंद उनके दो अन्य सहयोगियों को रिहा नहीं किया जाएगा। वह जमानत पर बाहर नहीं आएंगे। विरोध में वह जेल में धरने पर बैठ गए। बाद में जेल कर्मियों के समझाने-बुझाने के बाद जेल से बाहर आने पर राजी हुए। रावण का जेल से बाहर आने के बाद समर्थकों ने जबरदस्त स्वागत किया।

बता दें कि दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में रविदास मंदिर के विध्वंस के खिलाफ 21 अगस्त को रावण और उनकी भीम आर्मी ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ करने के आरोप में उनके साथ ही 96 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दो महीने बाद अदालत ने चंद्रशेखर रावण को सशर्त जमानत दे दी। अदालत ने रावण से कहा है कि वह कोर्ट की इजाजत के बेगैर देश छोड़कर नहीं जाएंगे। साथ ही वह सुबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे। इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए 96 लोगों में से 94 लोगों को को जमानत मिल चुकी है। रावण के बाकी दो साथी अभी भी भी जेल में बंद हैं। उन्हीं की रिहाई के लिए वह जेल में धरने पर बैठ गए थे।

चंद्रशेखर को इससे पहले भी काफी दिन जेल में बिताने पड़े थे। मई 2017 में सहारनपुर के शब्बीरपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद रावण को सहारनपुर जेल में बंद कर दिया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रावण को जमानत भी दे दी थी, लेकिन सहारनपुर डीएम की अनुशंसा पर उनके खिलाफ रासुका लगने की वजह से रिहाई नहीं हो पाई थी। कुछ दिनों बाद किसी बखेड़े से बचने के लिए उन्हें रात 2:30 बजे जेल से रिहा किया गया था।

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