पूर्व आईपीएस अधिकारी ने पत्र लिखकर मुकेश अंबानी से अपने चैनल पर लगाम की लगाई गुहार

नई दिल्ली। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी विजय शंकर सिंह ने एक पत्र लिखकर मुकेश अंबानी को उनके चैनल न्यूज-18 द्वारा परोसे जा रही घृणा पर रोक लगाने की गुहार लगायी है। उन्होंने पत्र से पहले के अपने वक्तव्य में बताया है कि यह पत्र टीवी चैनल News 18 के मालिक, मुकेश अंबानी के नाम है। पिछले 8 साल से उनके स्वामित्व वाले न्यूज चैनल के नियमित कार्यक्रमों का यदि सर्वेक्षण किया जाय तो आप इस निष्कर्ष पर पहुंचेंगे कि, इस न्यूज चैनल का एक उद्देश्य यह भी है, देश में सांप्रदायिक एजेंडा चलाना और एक ऐसा मानसिक अनुकूलन करना जो देश को विभाजनकारी एजेंडे की ओर ले जाए। खंड-खंड भारत की ओर ले जाने की यह निंदनीय कोशिश, ‘या तो आर या पार’ के संकल्प के साथ नित नए शीर्षक, बहसें और गोएबलिस्ट खबरों के रूप में परोसी जा रही है। उस पर तुर्रा यह है कि उसके सद्यः पुरस्कृत एंकर खुद को देशभक्त का  सुपर्लेटिव डिग्री वाला प्रमाणपत्र अंगीकृत किए बैठे हैं। 

उन्होंने घृणा और नफरत के फैलते कारोबार का असर खुद न्यूज़-18 पर किस तरह से पड़ा है उसका उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसी पत्रकारिता के असर का स्वाद खुद इनके ही एक बड़े पत्रकार ने चखा है, पर वे भी तो एक वेतनभोगी कर्मचारी ही हैं तो उनसे क्या गिला किया जाय, पर हां, उनसे, उनकी पत्नी और उनके बेटे जिसे लेकर उनके भी हजारों खूबसूरत सपने होंगे, से मेरी पूरी सहानुभूति है।

उनका कहना था कि मुझे नहीं पता मुकेश अंबानी जी, अपना न्यूज चैनल कभी देखते भी हैं या नहीं पर मैं उनसे यह अनुरोध करूंगा कि, वे इस चैनेल के कुछ प्रोग्राम जरूर देखें और वे न्यूज चैनल क्या परोस रहे हैं, उससे भी रूबरू हों। हर टीवी चैनल के अपने नियम कायदे होते हैं, उनकी नीतियां होती हैं। वे सरकार के पक्ष में भी हो सकती हैं और सरकार के विरोध में भी। सरकार से उनका जो भी समीकरण हो, इस पर भी किसी को आपत्ति नहीं है और न होनी चाहिए, पर जब संविधान के मूल उद्देश्यों के खिलाफ देश में धर्म के आधार पर विभाजनकारी बहसें कराना ही मकसद बन जाय तो, यह जरूरी हो जाता है कि न्यूज चैनल के मालिक तक यह बात पहुंचा दी जाय।

पत्र के विस्तार में उन्होंने कहा कि यह पत्र, देश में आजकल बढ़ रही, सांप्रदायिक उथल-पुथल और न्यूज-18 के पत्रकार श्री सौरभ शर्मा को प्राप्त धमकी भरी एक प्रतिक्रिया के संबंध में है, जो नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का एक लोकप्रिय समाचार चैनल है, जो आप के स्वामित्व वाले एक भारतीय मीडिया समूह का अंग भी है।

विजय शंकर सिंह का कहना था कि आप वर्तमान में सबसे अधिक ट्रेंडिंग होने वाले समाचारों के बारे में शायद अवगत होंगे, जिसमें नोएडा उत्तर प्रदेश में हुई एक घटना, जिसमें कुछ लोगों ने सौरभ शर्मा, उनकी पत्नी और बेटे को सार्वजनिक रूप से मारने पीटने और उनकी पत्नी के कपड़े फाड़ने की धमकी भी दी थी, क्योंकि सौरभ शर्मा ने नोएडा स्थित अपनी सोसाइटी में आयोजित जगराता में लाउड स्पीकर की आवाज धीमी करने का सुझाव दिया था। तब कुछ हिंदू संगठनों द्वारा उन्हें “राष्ट्र-विरोधी” और “पाकिस्तानी” भी कहा गया।

उन्होंने इस मौके पर चैनल द्वारा भारत के संविधान और खुद पत्रकारीय नैतिकता की अवहेलना का जिक्र किया। उनका कहना था कि भारत के संविधान में, प्रेस को बोलने, लिखने और रिपोर्टिंग करने की स्वतंत्रता का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार एक गंभीर जिम्मेदारी के साथ भी है, जिसे समाचार रिपोर्टिंग के वर्तमान युग में लगभग नजरअंदाज कर दिया गया है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित जर्नलिस्टिक कंडक्ट एडिशन 2020 के मानदंडों के अनुसार, सांप्रदायिक शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए पत्रकारों की भी, अपने देश के प्रति एक विशेष जिम्मेदारी है। इसलिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि,  न्यूज चैनल जनता के लिए अपनी खबरों को सावधानी और संयम के साथ पहुंचाएं।

इस संदर्भ में उन्होंने कुछ घटनाओं की तरफ भी इशारा किया। उन्होंने बताया कि सांप्रदायिक विद्वेष की हाल की खतरनाक स्थितियों में मीडिया की भूमिका विशेष रूप से रामनवमी ‘2022 के अवसर पर हुई घटनाएं, शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से सकारात्मक रूप में होनी चाहिए थी, न कि भड़काऊ और उकसाने वाली। लेकिन न्यूज18 के समाचार प्रसारण की हालिया प्रवृत्ति, पत्रकारिता की इस नैतिक और निर्धारित मूल सिद्धांतों के विपरीत है। दुर्भाग्य से आपसी भाईचारे की भावना को उनकी रिपोर्टिंग में कम ही देखा गया है और न्यूज18 ने अपने खास तरीके से एक विशेष समुदाय को लगातार निशाना बनाकर और उनके खिलाफ राष्ट्र विरोधी होने का, एक कभी न खत्म होने वाला प्रोपेगेंडा चलाया है।

पत्र के आखिर में उन्होंने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि देश में सामाजिक सद्भाव बनाए रखने में, कल जब देश का इतिहास लिखा जायेगा तो, मीडिया की इस भूमिका का भी आकलन किया जाएगा। अतः साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखना, मीडिया का एक प्रमुख कर्तव्य भी है। पत्रकारिता आचरण, 2020 के मानदंडों के अनुसार सांप्रदायिक विवादों / झड़पों की रिपोर्टिंग करते समय सनसनीखेज, उत्तेजक और खतरनाक सुर्खियों से समाचार चैनलों को बचना चाहिए।

यह अत्यंत पीड़ा की बात है कि, आज हमें अधिक प्रचार और कम समाचारों के साथ, जानबूझकर विभाजनकारी एजेंडे के अनुसार खबरें परोसी जा रही हैं। हम आज उस मोड़ पर पहुंच गए हैं, जहां आपके अपने ही मीडिया चैनल के एक वरिष्ठ पत्रकार को, उस समुदाय के गुंडों द्वारा पीटा गया, जिसके बारे में दावा किया जाता है कि, वह नियमित रूप से आपके समाचार चैनल द्वारा लक्षित समुदाय के हाथों से ही पीड़ित है।

इस सिलसिले में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े कुछ प्रसंग का भी जिक्र किया। पत्रकारीय नैतिकता, किसी भी समुदाय या समुदायों और व्यक्तियों पर भद्दे और भड़काऊ अपमानजनक हमलों की अनुमति नहीं देती है। लेकिन हमारे देश के एक विशेष धार्मिक समुदाय को पिछले कुछ वर्षों से न्यूज़18 द्वारा बार-बार लक्षित और राष्ट्र-विरोधी समाज के रूप में दर्शाया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 26-29 जनवरी, 2001 को अंतर्राष्ट्रीय प्रेस संस्थान (आईपीआई) के विश्व कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में कहा था कि, “एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जैसा कि आवश्यक है विधायिका या न्यायपालिका की तरह ही एक स्वस्थ और स्वतंत्र प्रेस स्वस्थ लोकतंत्र के लिए भी आवश्यक है।”

इसलिए, उपरोक्त बातों के आलोक में, आप से, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक की हैसियत से, न्यूज-18 समाचार चैनल द्वारा प्रसारित समाचार रिपोर्टों द्वारा प्रेस नैतिकता और आचार संहिता को अपने प्रसारण में, सुधारात्मक उपाय लागू करने की पहल करने का अनुरोध करता हूं, ताकि यह न्यूज चैनल राष्ट्र के सांप्रदायिक सद्भाव की दिशा में सक्रिय रूप से, अपना योगदान दे सके, और वह किसी भी समूह विशेष के दुष्प्रचार का अंग न बने।

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