राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक ने गुरुवार को एक तरफ बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि वह 9 दिसंबर, 2021 तक एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कोई बयान नहीं देंगे।यह तब था जब जस्टिस एसजे कथावाला और माधव जामदार की डिवीजन बेंच ने कहा कि या तो मलिक को कोर्ट को आश्वस्त करना होगा कि वह वानखेड़े के खिलाफ बयान देना बंद कर देगा या कोर्ट को इस आशय का आदेश पारित करना होगा।दूसरी और समीर समीर वानखेडे की मां के दो डेथ सर्टिफिकेट, एक में हिंदू और दूसरे में मुसलमान,जारी करके सनसनी फैला दिया।
मलिक का बयान वानखेड़े द्वारा दायर अपील में जस्टिस माधव जामदार की एकल पीठ के एक आदेश के खिलाफ दायर किया गया था, जिन्होंने वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में मलिक के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा देने से इनकार कर दिया था। वानखेड़े की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेंद्र सर्राफ ने तर्क दिया कि एकल-न्यायाधीश ने अंतरिम राहत से इनकार करते हुए भी अपने आदेश में कहा था कि वानखेड़े और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मलिक के ट्वीट दुर्भावनापूर्ण इरादे से किए गए थे।उन्होंने यह भी बताया कि समीर वानखेड़े के अलावा, परिवार का कोई अन्य सदस्य सार्वजनिक अधिकारी नहीं था और इसलिए राहत से इनकार नहीं किया जा सकता था।
सराफ ने यह भी कहा कि एकल-न्यायाधीश इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि मलिक ने तथ्यों को उचित रूप से सत्यापित नहीं किया था और इस कारण से एकल-न्यायाधीश मलिक को अपने ट्वीट जारी नहीं रखने दे सकते थे।सराफ ने कहा कि आदेश को पढ़ने से पूरी तरह पता चलेगा कि अंतरिम राहत के पक्ष में एक मजबूत प्रथम दृष्टया मामला मौजूद है।
एकल पीठ ने इस बात पर विचार किया कि नवाब मलिक वानखेड़े और उनके परिवार से संबंधित दस्तावेज क्यों ट्वीट कर रहे हैं।पीठ ने मलिक की ओर से पेश वकील कार्ल तंबोली से कहा कि वह मलिक से निर्देश लें कि क्या वह मुकदमे के लंबित रहने तक ट्वीट करना बंद करना चाहते हैं।पीठ ने कहा, या तो वह बयान देंगे या हम उन्हें रोकेंगे।
मलिक से निर्देश लेने के बाद तंबोली ने कहा कि मलिक 9 दिसंबर, 2021 तक वानखेड़े और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कोई भी बयान देने से परहेज करेंगे, जब तक कि मुकदमा अगली बार सूचीबद्ध नहीं हो जाता।
उन्होंने यह भी कहा कि मलिक एकल पीठ द्वारा उनके खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियों के खिलाफ अपील दायर करेंगे।
इस आश्वासन के पहले ही नवाब मलिक ने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े पर एक और बड़ा खुलासा कर दिया है।नवाब मलिक की मानें तो समीर वानखेड़े की मां जाहिदा की मौत साल 16 अप्रैल 2015 में हुई थी। उनका पहला डेथ सर्टिफिकेट इसी दिन बनवाया गया था और इस पर इनका धर्म मुस्लिम लिखा गया था। इसके बाद अहले दिन यानी 17 अप्रैल को एक और सर्टिफिकेट भी बनवाया गया जिसमें धर्म को बदलकर हिंदू करवा दिया गया था।
नवाब मलिक ने दावा किया है कि वानखेड़े परिवार ने जाहिदा के दो डेथ सर्टिफिकेट भी बनवाए हैं, एक में वे मुस्लिम हैं जबकि दूसरे में उन्हें हिंदू बना दिया गया है। नवाब मलिक ने समीर की मां जाहिदा का डेथ सर्टिफिकेट भी साझा किया है।नवाब का दावा है कि उनकी मां मुसलमान थीं और उन्हें ओशिवारा के कब्रिस्तान में दफनाया गया था। नवाब मलिक की मानें तो समीर वानखेड़े की मां जाहिदा की मौत साल 16 अप्रैल 2015 में हुई थी। उनका पहला डेथ सर्टिफिकेट इसी दिन बनवाया गया था और इस पर इनका धर्म मुस्लिम लिखा गया था। इसके बाद अहले दिन यानी 17 अप्रैल को एक और सर्टिफिकेट भी बनवाया गया जिसमें धर्म को बदलकर हिंदू करवा दिया गया था।उन्होंने दोनों डेथ सर्टिफिकेट भी जारी किये हैं।
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने दावा किया है कि वानखेड़े परिवार ने न सिर्फ नौकरी के लिए समीर का धर्म छुपाकर फर्जीवाड़ा किया है बल्कि मां की मौत के बाद भी फर्जीवाड़ा कर दो अलग-अलग दस्तावेज बनवाए थे।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मलिक और उनके परिवार को वानखेड़े परिवार के खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी करने पर रोक लगाई है। कोर्ट ने साफ शब्दों ने कहा कि मलिक अब वानखेड़े फैमिली के खिलाफ किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं करेंगे। सुनवाई के दौरान दोनों के वकीलों के बीच खूब बहस चली।कोर्ट की तरफ से कहा गया कि उन्हें शोभा नहीं देता है कि वो इस तरह की बयानबाजी करें। सुनवाई के दौरान जस्टिस जाधव ने कहा कि नवाब मलिक वीआईपी हैं इसलिए उन्हें इतने आसानी से सभी दस्तावेज मिल जाते हैं। वहीं, जस्टिस कथावाला ने कहा कि वे एक मंत्री हैं और उन्हें ये सब क्या शोभा देता है? हालांकि, इस मामले में पूरी सुनवाई 9 दिसंबर को होगी। इसके बाद नवाब मलिक के वकील ने कोर्ट में यह कहा कि उनके मुवक्किल समीर वानखेडे और उनके परिवार के खिलाफ अगली सुनवाई यानी 9 दिसंबर तक कोई भी ट्वीट नहीं करेंगे।
समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका डाली थी। इसमें उन्होंने नवाब मलिक द्वारा उन पर और उनके परिवार के खिलाफ गलत बयानबाजी पर रोक लगाने की अपील की थी। अब वे समीर वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं कर पाएंगे। गौरतलब है कि जब से क्रूज ड्रग्स केस मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का नाम आया तब से मलिक समीर वानखेड़े पर लगातार हमलावर थे। एनसीपी नेता हर दिन अलग अलग खुलासा करते थे।
(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं।)
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