पांचों तख्तों के सिंह साहिबान ने एकजुट होकर की लखीमपुर हिंसा की निंदा

अमृतसर में पांच तख्तों के सिंह साहिबान की संयुक्त बैठक हुई जिसमें लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड की कड़े शब्दों में निंदा की गई। इस अहम बैठक में जत्थेदार हरप्रीत सिंह, तख्त पटना साहिब के जत्थेदार रणजीत सिंह, तख्त केशगढ़ साहिब के जत्थेदार रघुवीर सिंह, अकाल तख्त के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी मलकीत सिंह ने शिरकत की। जबकि नांदेड़ से तख्त हजूर साहिब के जत्थेदार कुलवंत सिंह ऑनलाइन शामिल हुए।

अहम बैठक में लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। तमाम तख्तों के जत्थेदारों ने जोर देकर कहा कि विपक्ष को एकजुट होकर इस मामले पर सरकार के खिलाफ खुलकर लड़ना चाहिए ताकि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिल सके। सिंह साहिबान ने लोगों से आपसी सद्भाव बनाए रखने की भी पुरजोर अपील की। जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने लखीमपुर खीरी में हुईं किसानों की बेरहम हत्याओं को बेहद अफसोसनाक बताते हुए कहा कि सरकार का फर्ज बनता है कि वह अपनी पूरी मशीनरी दोषियों की गिरफ्तारी के लिए लगा दे, पर सरकार इससे भाग रही है। इस घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार और केंद्र सरकार का रवैया सरासर लोकतंत्र विरोधी है।

इस बैठक में समूह में सिख संस्थाओं, जत्थेबंदियों, सिंह सभाओं को हिदायत दी गई कि गुरुद्वारों के प्रबंध में सरकारी दखलंदाजी के खिलाफ आवाज बुलंद की जाए। जत्थेदारों ने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव के बाद कार्यसमति के गठन और तख्त पटना साहिब के प्रबंधकीय बोर्ड के मामले में सरकारी दखलअंदाजी की गई। ऐसा आरएसएस के एजेंडे के तहत किया जा रहा है और इसका खुला विरोध होना चाहिए।
(पंजाब से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक सिंह की रिपोर्ट।)

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