पीएम मोदी और अमित शाह हैं देश में मौजूदा हिंसा के सूत्रधार: सोनिया गांधी

(नागरिकता अधिनियम के खिलाफ देश में चल रहे आंदोलन के बर्बर दमन पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि छात्रों का यह दमन मोदी सरकार के अंत की शुरुआत है। पेश है उनका पूरा बयान-संपादक)

सरकार का काम है – शांति व सौहार्द्र बनाना, कानून का शासन चलाना व संविधान की रक्षा करना। पर भाजपा सरकार ने देश व देशवासियों पर हमला बोल दिया है।

मोदी सरकार स्वयं हिंसा व बंटवारे की जननी बन गई है। सरकार ने देश को नफरत की अंधी खाई में धकेल दिया है तथा युवाओं के भविष्य को आग की भट्टी में झुलसा दिया है। सरकार में बैठे हुक्मरान ही जब हिंसा करवाएं, संविधान पर आक्रमण करें, देश के युवाओं को बेरहमी से पिटवाएं, कानून की धज्जियां उड़ाएं, तो फिर देश चलेगा कैसे?

मोदी सरकार की मंशा साफ है – देश में अस्थिरता फैलाओ, देश में हिंसा करवाओ, देश के युवाओं के अधिकार छीनते जाओ, देश में धार्मिक उन्माद का वातावरण बनाओ और राजनैतिक रोटियां सेंकते जाओ। इसके सूत्रधार कोई और नहीं, स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और श्री अमित शाह हैं।

असम, त्रिपुरा व मेघालय जल रहा है। पुलिस की गोलियों से अकेले असम में चार युवा मारे गए हैं। दिल्ली से पश्चिम बंगाल तक हिंसा और विरोध फैला हुआ है। गृहमंत्री श्री अमित शाह की स्वयं ही हिम्मत नहीं कि वो उत्तर-पूर्व के प्रांतों का दौरा कर सकें। यहां तक कि पहले बांग्लादेश के विदेशमंत्री और फिर जापान के प्रधानमंत्री का हिंदुस्तान दौरा रद्द करना पड़ा।

पूरे देश में छात्र आंदोलन की राह पर हैं। सरकार के अत्याचार, बेतहाशा बेरोजगारी, फीस वृद्धि, अधिकारों का हनन तथा संविधान को तोड़ने की भाजपाई साजिश के खिलाफ युवा और छात्र सड़कों पर विरोध कर रहे हैं।

पर मोदी सरकार और उसके मंत्री पूरे देश के युवाओं को उग्रवादी, नक्सलवादी, अलगाववादी, देशद्रोही साबित करने में व्यस्त हैं। कारण साफ है – मोदी सरकार शासन देने में पूरी तरह फेल साबित हुई है। महंगाई चरम सीमा पर है, बेरोजगारी सर चढ़कर बोल रही है, अर्थव्यवस्था ठप्प है, शिक्षा और शिक्षण संस्थानों का बुरा हाल है व देश का आमजन गरीबी से ग्रस्त है। ऐसे में, मोदी सरकार केवल धार्मिक उन्माद फैला, हिंसा करवा, अफरा-तफरी का आलम पैदा कर खुद की नाकामी से ध्यान बांटने का प्रयास कर रही है। नागरिकता संशोधन बिल हो या NRC सब इसी विघटनकारी तथा विभाजनकारी ध्यान बांटने की नीति का हिस्सा हैं।

मोदी जी यह जान लें कि युवा शक्ति-छात्र शक्ति जब जागती है, तो देश में एक नया बदलाव आता है। भाजपाई अहंकार व पुलिस की लाठियों से युवाओं व छात्रों पर चलाया गया यह दमनचक्र मोदी सरकार के अंत की शुरुआत साबित होगी।

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