प्रदेशव्यापी बंद: आंध्र प्रदेश में धारा 144 लागू, टीडीपी नेताओं-कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी जारी

नई दिल्ली। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू के गिरफ्तार होने के बाद से आंध्र प्रदेश में कुछ चीजें के निय़ंत्रण से बाहर जाने की आशंका थी। जिसके मद्देनजर वहां पर धारा 144 लागू कर दिया गया है। कथित भ्रष्टाचार के गिरफ्तारी और फिर 14 दिन के न्यायिक हिरासत में लेने के बाद से प्रदेश में तनाव का माहौल है। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के कार्यकर्त्ताओं ने चंद्रबाबू की गिरफ्तारी के विरोध में राजव्यापी बंद का आह्वान किया है।

ऐसी परिस्थिति में टीडीपी के विरोध प्रदर्शन से राज्य में किसी तरह के अनहोनी न हो पुलिस ने टीडीपी कार्यकर्ताओं पर अभूतपूर्व कार्रवाई की। जिससे उनके विरोध प्रदर्शन को बढ़ने से रोक दिया है और साथ ही टीडीपी के कई नेताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस ने राज्य भर से प्रदर्शनकारियों को पकड़ कर पुलिस स्टेशनों में ले गई।

आपको बता दें कि चंद्रबाबू नायडू को मुख्यमंत्री रहने के दौरान (2014-19) कथित तौर पर करोड़ों रुपये के कौशल विकास निगम घोटाले के सिलसिले में शनिवार नंदयाल से गिरफ्तार किया था। विजयवाड़ा की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत ने रविवार शाम नायडू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अदालत के आदेश के बाद उन्हें विजयवाड़ा से 200 किमी दूर राजमुंदरी सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले टीडीपी प्रमुख की गिरफ्तारी ने आंध्र की राजनीति हलचल मचा दी है। टीडीपी पार्टी ने दावा किया है चंद्रबाबू कि गिरफ्तारी सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के द्वारा “राजनीतिक प्रतिशोध” है। अभी हाल के समय में दोनों सुप्रीमो विभिन्न मुद्दों पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े दिखे हैं।

टीडीपी सुप्रीमो के गिरफ्तार होने के बाद रविवार की रात, टीडीपी प्रदेश अध्यक्ष के. अत्चन्नायडू ने पूरे राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं से नायडू की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए सोमवार को बंद का आह्वान किया था। टीडीपी के प्रदेश अध्यक्ष के अत्चन्नायडू ने कहा कि “यह गिरफ़्तारी गलत और राजनीतिक साजिश है। जो लोग लोकतंत्र का समर्थन करते हैं उन्हें विरोध के लिए सामने आना चाहिए और बंद को सफल बनाना चाहिए।

हालांकि, बंद के आह्वान के बाद पुलिस एक्शन में आ गई है। बड़ी संख्या में राज्य और जिला स्तर के टीडीपी नेताओं को पुलिस ने घर में नजरबंद रखा है। पार्टी अब तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन आयोजित कर पाने में नाकाम साबित हुई है। सभी 21 टीडीपी विधायकों को घर से निकलने से रोकने के लिए उनके घरों के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।

प्रदेश में किसी तरह का हिंसा न हो, इसलिए शहरों में पुलिस आयुक्तों और जिलों में अधीक्षकों ने रैलियों और जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रदर्शनों को रोकने के लिए राज्य भर में बड़े पैमाने पर पुलिस तैनात है। सबसे बड़े विरोध की सूचना चंद्रबाबू नायडू के गृह क्षेत्र कुप्पम से हुई। चंद्रबाबू नायडू इस निर्वाचन क्षेत्र से 1989 से लगातार चुनाव जीतते आए हैं।

सोमवार को बंद का आह्वान करते हुए, टीडीपी कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और उन्होंने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और टायरों में आग लगा दी। लेकिन बाद में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। विभिन्न राज्य परिवहन बसों की सुविधाओं पर विरोध प्रदर्शन किया गया। क्योंकि टीडीपी कार्यकर्ताओं ने बसों को जाने से रोकने की कोशिश की। पुलिस ने विशाखापत्तनम, विजयनगरम, तिरूपति, अनंतपुर, गुंटूर और अन्य स्थानों पर गिरफ्तारियां कीं। विभिन्न स्थानों पर गिरफ्तार किए गए लोगों में कई महिला टीडीपी सदस्य भी शामिल हैं।

कई जगहों पर जन सेना पार्टी (जेएसपी) के समर्थक भी विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए। जेएसपी प्रमुख और अभिनेता पवन कल्याण ने नायडू की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे “राजनीतिक साजिश” बताया है।

इस बीच, राज्य सीआईडी भी टीडीपी शासन के दौरान अमरावती राजधानी शहर की आंतरिक रिंग रोड के निर्माण में कथित अनियमितताओं पर नायडू से पूछताछ करना चाहती है। जगन सरकार का दावा है कि नायडू ने कथित तौर पर टीडीपी नेताओं के स्वामित्व वाली भूमि के मूल्य को बढ़ाने के लिए इनर रिंग रोड के मूल डिजाइन में फेरबदल किया।

सीआईडी ने 2020 में अमरावती रोड मामले में एफआईआर दर्ज की थी। सूत्रों ने कहा कि एजेंसी इस मामले में नायडू से पूछताछ करने के लिए पीटी (ट्रांजिट पर कैदी) वारंट की मांग कर रही है। सीआईडी ने एसीबी कोर्ट में याचिका दायर कर नायडू की पांच दिन की हिरासत की मांग की है। नायडू के वकीलों ने याचिका दायर कर उन्हें जेल के बजाय घर में ही नजरबंद रखने की मांग की है। ये याचिकाएं सोमवार को एसीबी कोर्ट में लगेंगी।

सीआईडी के अनुसार, नायडू कथित एपी कौशल विकास निगम घोटाले में मुख्य आरोपी हैं, जिसमें 371 करोड़ रुपये का सरकारी फंड शामिल है। जिसे कथित तौर पर शेल कंपनियों को हस्तांतरित किया गया था। सीआईडी ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में कहा कि नायडू ने धोखाधड़ी में शामिल होने के अलावा, सरकारी धन को अपने निजी उपयोग के लिए धोखाधड़ी कर गबन करने या अन्यथा परिवर्तित करने, एक लोक सेवक के नियंत्रण में संपत्ति का निपटान करने के इरादे से आपराधिक साजिश रची थी।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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  • रावणी दृष्टिकोण वाले उधम मचाने लगे हैं तो इलाज किया जाना आवश्यक है ही

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