छत्तीसगढ़ के क्वारंटाइन केंद्रों में जारी है आत्महत्याओं का सिलसिला

रायपुर। छत्तीसगढ़ के लुंड्रा स्थित क्वारंटाइन सेंटर से ज़िला अस्पताल के क्वारंटाइन सेंटर लाए गए युवक ने वार्ड में फाँसी लगा ली। यह युवक श्रमिक था जो सीधी और दिल्ली से लौटा था। युवक को पेट दर्द की शिकायत पर ज़िला अस्पताल के क्वारंटाइन सेंटर शिफ़्ट किया गया था। शाम चार बजे के आस-पास यह मरीज़ फांसी लगे हालत में पाया गया है।

प्रदेश में इस मौत को मिलाकर क्वारंटाइन सेंटरों में अब तक इस तरह की नौ मौतें हो चुकी हैं। प्रदेश के क्वारंटाइन सेंटर में लगातार लोग आत्महत्या कर रहे हैं। 

प्रदेश में अब तक 1.25 लाख प्रवासी मजदूरों की वापसी हो चुकी है, जिन्हें प्रदेश के अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। इनमें से अधिकांश सेंटर गांवों के स्कूल और छात्रावास भवनों में बनाए गए हैं। कुछ सेंटर सुनसान जंगली क्षेत्रों में हैं। 14 से 20 मई के बीच क्वारंटाइन किए गए दो लोगों की सांप काटने से मौत हो गई, जबकि दो ने आत्महत्या कर ली। वहीं, कई जगहों पर मजदूरों ने व्यवस्था को लेकर हंगामा भी किया है। सवाल यह है कि आखिर क्यों मजदूर शारीरिक या फिर मानसिक रूप से परेशान हैं? या फिर क्वारंटाइन सेंटर में सुविधाओं का अभाव है?

दूसरे हादसों का ब्यौरा निम्नलिखित है-

1-14 मई 2020: सारंगढ़ क्वारंटाइन सेंटर-अर्जुन निषाद, 27 साल, फांसी से मौत।

2-17 मई 2020: किरना, मुंगेली क्वारंटाइन सेंटर-पुणे से पैदल लौटे 31 साल के योगेश वर्मा की सांप काटने से मौत।

3-18 मई 2020: परसवानी क्वारंटाइन सेंटर, बालोद-सूरज यादव, 29 साल, फांसी से मौत।

4-18 मई 2020: सीताकसा क्वारंटाइन सेंटर, राजनांदगांव-बुधारु राम, 28 साल, सांप काटने से मौत।

5- 19 मई 2020: सेमली लेंजुवा पारा क्वारंटाइन सेंटर, बलरामपुर-ड्यूटी कर रहे शिक्षक सियारत भगत की मौत।

6- 20 मई 2020: सेमरिया क्वारंटाइन सेंटर, बेमेतरा- राजू ध्रुव 35 साल की मौत।

7- 24 मई 2020: पुणे से लौटे युवक की तबीयत बिगड़ी, मस्तुरी ब्लॉक के क्वारंटाइन सेंटर में मौत।

8- 25 मई 2020: अंबिकापुर, लुंड्रा स्थित क्वारंटाइन सेंटर के वार्ड में श्रमिक युवक ने फांसी लगा ली, दिल्ली से लौटा था युवक।

(बस्तर से जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

तामेश्वर सिन्हा
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