हर बार दिल्ली नहीं, एक बार लाखों किसानों के ट्रैक्टरों का मुंह बनारस भी हो सकता है: राकेश टिकैत

वाराणसी। वाराणसी में गुरुवार की सुबह से ही आसमान में बादल छाए हैं। हवा शांत होने से उमस और गर्मी महसूस की जा रही है। ग्यारह बजते बारिश शुरू हो गई। रास्तों में मिले लोग भींगने और कपड़े ख़राब होने से बचने के लिए दुकानों व मकानों के छज्जों जहां-तहां शरण ले लिए। लेकिन बीच शहर में कचहरी के पास दक्षिण दिशा में बहने वाली वरूणा नदी के किनारे स्थित शास्त्री घाट पर तकरीबन पांच सौ से अधिक नागरिक खुले आसमान के नीचे भीग रहे थे। सामने सफेद और गुलाबी रंग के परदों से सजे मंच पर दो दर्जन से अधिक लोग बैठे हुए थे। ऐसा क्या था, सैकड़ों, महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग और नौजवान बारिश में भीगकर भी बैठे रहे?

ये लोग वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, बलिया, बस्ती, गोरखपुर, भदोही, सोनभद्र, मिर्जापुर, मध्य प्रदेश, भभुआ, आरा, बक्सर, बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, मुजफ्फनगर, उत्तराखंड, तमिलनाडु, दिल्ली समेत देशभर से पहुंचे थे। आधे लोग कुर्सी पर तो आधे से अधिक लोग पत्थर के घाट की सीढ़ियों पर और शेष आसपास बैठे और खड़े थे। बारिश बारह बजने के साथ बंद हो गई। इसके बाद खिली हलकी धूप और चली ठंडी हवा ने मौसम को नाम के अनुरूप सावन में सदाबहार बना दिया। देखते-देखते समूचा शास्त्री घाट हजारों नागरिकों से पट गया, जिसको जहां भी स्थान मिला मंच के सामने, दाएं-बाएं और ऊपर सीढ़ियों पर जम गया। अब तमाम शोरगुल के बाद लाउड स्पीकर से तेज आवाज में वक्ताओं की आवाज गूंज रही थी।

चूंकि, बनारस, पूर्वांचल के बारह जनपद, सीमावर्ती बिहार के आधा दर्जन जनपद, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, झारखंड और देश के कोने-कोने से रोजाना लाखों लोग व्यापार, शिक्षा, दवा-चिकित्सा, सैर-सपाटा और दर्शन और पूजापाठ के लिए आते हैं। गंगा नदी से लगे हुए राजघाट के पास सर्व सेवा संघ का परिसर और दफ्तर है, जिस पर बीते दिनों बलपूर्वक प्रशासन और रेलवे पुलिस ने कब्ज़ा कर लिया। कार्यालय और पुस्तकालय को तहस-नहस कर दिया। इस रूट से लाखों लोगों का रोजाना आवागमन होता है। इस मार्ग या रूट से गांधी-जेपी-भावे के विचार, साहित्य और विरासत को लगभग उजाड़ ही दिया गया है, ताकि आम नागरिकों में प्रचार-प्रसार न हो सके।

उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज ने “जनचौक” को बताया कि गांधी, जेपी और भावे के विचारों के केंद्र सर्व सेवा संघ और उसकी साढ़े तेरह एकड़ की जमीन पर वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होटल्स, मॉल्स और पिकनिक प्लेस बनाने जा रहे हैं। इसकी रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है। पूर्वांचल और समीप के राज्यों में गांधी, जेपी और भावे के विचारों को मिटाने के लिए यह षड़यत्र रचा गया है। लेकिन, आरएसएस और बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए हजारों लोग बारिश की परवाह किये बगैर जुटे हैं। यह आगाज है, आने वाले दिनों में सैकड़ों गांव में जाकर इस दमनकारी सरकार के खिलाफ जन जागरण और गांधी-भावे के विचारों का प्रचार-प्रसार करेंगे।”

सर्व सेवा संघ की प्रतिरोध सभा में किसान नेता राकेश टिकैत ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि “कोई जरूरी नहीं है कि हर बार ट्रैक्टर का मुंह दिल्ली की ओर हो, एक बार देश के लाखों किसानों के ट्रैक्टरों का मुंह बनारस की ओर भी हो सकता है। आप लोग यहां एक तिथि निश्चित कीजिये। जिस तरह से दिल्ली को घेरा गया था। बनारस नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। किसानों की जमीन हड़पने वालों और संविधान को नहीं मानने वालों के खिलाफ बनारस में घेराव किया जाएगा। इसकी आप सभी लोग तैयारी रखिये। मौसम ठंडा और आंदोलन गरम होगा। बगैर आंदोलन के देश और संविधान बचने वाला नहीं है। किसानों और सर्व सेवा संघ की जमीन कहां जा रही है? कार्पोरेट्स और रेलवे को जा रही है। पूरा प्लान है इन्हें ठेके पर उद्योगपतियों को देकर इन पर होटल्स और बड़े-बड़े मॉल्स बनेंगे।”

मेधा पाटेकर ने कहा कि “सर्व सेवा संघ की जमीन को आरएसएस, केंद्र सरकार और प्रशासन ने षड्यंत्र रचकर हथिया लिया है। ऐसे दौर में कम से कम संविधान की कसम खाकर जनता की सेवा के लिए आये प्रशासन के लोगों में थोड़ी भी शर्म बची है तो ईमानदारी और कानूनी तरीके से काम करें। हर जगह लोगों को उजाड़ा जा रहा है। सर्व सेवा संघ को कब्जे में लेकर गांधी के विचारों पर कब्ज़ा करने की साजिश है। मोदी, दुनिया में जहां भी जाते हैं। वहां कहते हैं कि मैं गांधी के देश से आया हूं। यहां अपने वाराणसी में, जिसके वे सांसद भी हैं। गांधी, जेपी और भावे के विचारों व विरासतों पर हमला किया जा रहा है।”

पाटेकर आगे कहती हैं कि “इस संबंध में मैंने वाराणसी के प्रशासन और रेल अधिकारी से बात की। इन अधिकारियों का कहना था कि यह सब ऊपर से हो रहा है। वर्तमान सत्ता गरीब, मजदूर, किसान, छात्र-छात्राएं, महिला और नागरिक विरोधी है। हम लोग इनसे गांधीवादी तरीके से मुकाबला को तैयार हैं। वह समय भी आएगा, जब सर्व सेवा संघ कार्यालय पर तिरंगा लहरायेंगे। “

पूर्व विधायक और किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ सुनीलम ने कहा कि “नरेंद्र मोदी, अडानी-अंबानी को सौंपने की सुपारी लेकर काम कर रहे हैं। वे मोडानी मॉडल पर काम कर रहे हैं। देश को बचाने के लिए यहां आये लोग गांधी मॉडल को मानने वाले हैं। गांधी मॉडल से गांव, समाज और सर्व वर्ग सुखी रहेगा और प्रगति करेगा। लेकिन, इसके पहले इनको सत्ता से बेदखल करने के लिए प्रयास किये जाने चाहिए। आप लोग आंदोलन के लिए तैयार रहिये। आज नरेंद्र मोदी तानाशाह बन गए हैं। हिटलर भी तानाशाह था। मुसोलिनी भी था। इनका क्या हुआ? बताने की ज़रूरत है क्या कि इनका क्या अंजाम हुआ? एक ने आत्महत्या कर ली। सर्व सेवा संघ की जमीन भी आप लोग बचाइए नहीं तो वह जा रही है अडानी-अम्बानी के पास। आप लोग लड़ेंगे और इसे बचाएंगे। “

स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों और मजदूरों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस सरकार से अब कोई उम्मीद नहीं बची है। चुनाव नजदीक आते ही आरएसएस के लोग देश का माहौल फिर से ख़राब करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। इसी क्रम में सर्व सेवा संघ को भी निशाना बनाया गया है। हम और यहां उपस्थित हजारों लोग गांधी को मानने वाले लोग हैं। सत्याग्रह की आवश्यकता फिर महसूस होने लगी है। आंदोलन और सत्याग्रह कर सर्व सेवा संघ को कार्पोरेट्स के मुंह में जाने से बचाया जाएगा। “

इस सभा में हजारों नागरिकों की उपस्थिति में शेख हुसैन, अरुंधति धुरू, जागृति राही, सुधाकर सिंह, कुमार प्रशांत, चंदन पाल और अफलातून समेत दो दर्जन वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया। 

(वाराणसी से पवन कुमार मौर्य की रिपोर्ट।)

पवन कुमार मौर्य

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  • पहले पांच सौ फिर हजारों लोगों की भीड़। इन्ट्रो ही कमजोर कर दिया। लगभग पांच हजार लोगों की भीड़ रही होगी ।

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पवन कुमार मौर्य