कांस्टीट्यूशन क्लब: किसान आंदोलन के पक्ष में राजनीतिक अभियान के लिए होगा मंथन

नई दिल्ली। कल दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में नेताओं, कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों का एक जमावड़ा होने जा रहा है। इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों और संगठनों के लोग शामिल होंगे। बैठक का उद्देश्य किसान आंदोलन के पक्ष में राजनीतिक अभियान संचालित करना है। इसके साथ ही जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों की रिहाई भी इसका एक प्रमुख एजेंडा होगा।

कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बैठक के संयोजक अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण समय पर हो रही है। एक ओर किसानों का आंदोलन चल रहा है तो दूसरी ओर उसे तोड़ने के लिए सरकार हर साजिश और कुचक्र रच रही है। ऐसे में इस आंदोलन को विभिन्न हिस्सों के समर्थन के साथ ही उसके पक्ष में बड़े स्तर पर राजनीतिक अभियान संचालित करना वक्त की जरूरत बन गयी है। उनका कहना था कि किसान आंदोलन भी अपने नये चरण में राजनीतिक हो गया है। जिस तरह से उसके नेताओं ने पश्चिम बंगाल में जाकर लोगों से बीजेपी के लिए वोट न करने की अपील की है वह अपने आप में अभूतपूर्व है।

उन्होंने बताया कि पूरा कार्यक्रम चार सत्रों में बांटा गया है। किसान आंदोलन और राजनीतिक विकल्प विषय पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कृषि विशेषज्ञ सोमपाल शास्त्री अपनी बातचीत रखेंगे। जबकि काले कानूनों के खात्मे और राजनीतिक बंदियों की रिहाई के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण अपनी बात रखेंगे। इसके साथ ही बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ कैसे राष्ट्रीय स्तर पर सफलता पूर्वक अभियान चलाया जाए इस विषय पर बुद्धिजीवी सुधींद्र कुलकर्णी बोलेंगे।

चौथे सत्र को पूर्व सांसद और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे युवा नेता अशोक तंवर के हवाले किया गया है। इसमें वह राष्ट्रीय राजनीतिक अभियान संचालित करने और राजनीतिक आंदोलनों से संवाद करने के उपायों पर अपनी बात केंद्रित करेंगे। इसके अलावा राजनीतिक प्लेटफार्म कैसे तैयार किया जाए इस विषय पर भी वह विस्तार से बोलेंगे। इसके साथ ही इस बैठक में शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के मुद्दों के साथ ही असंगठित मजदूरों के सवालों पर भी बात होगी। अखिलेंद्र ने बताया कि सुबह 10 बजे से कांस्टीट्यूशन क्लब में शुरू होने वाली यह बैठक शाम 5 बजे तक चलेगी।

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