30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर ट्रैक्टर मार्च

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान 30 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन लाल ने मीडिया को बताया है कि 30 मार्च से हरियाणा और पंजाब के टोल प्लाजा स्थायी रूप से खोल दिए जाएंगे, जबकि 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर से ट्रैक्टर मार्च का आयोजन किया जाएगा।

वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसे देखते हुए बॉर्डर पर एक किसान पंजीकरण बूथ बनाया गया है। इसमें आंदोलन में शामिल सभी किसानों की जानकारी रखी जा रही है।

किसान आंदोलन को एक महीने पूरे हो गए हैं। इस बीच सरकार की ओर से लगातार किसान आंदोलन को बदनाम करने के हथकंडे अपनाए गए हैं। कभी किसानों को खालिस्तानी समर्थक कहा गया तो कभी आतंकवादी। और तो और किसान आंदोलन की फंडिंग पर भी लगातार सरकार की ओर से सवाल खड़ा किया जाता रहा है। किसानों ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि किसान आंदोलन की फंडिंग नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसान सम्मान योजना की राशि पंजाब के किसानों को भी मिली है। बैंक अकाउंट में पैसे आने के बाद पंजाब के किसानों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलन करने के लिए ही पैसा भेजा है। पीएम किसान सम्मान योजना के अंतर्गत कल पंजीकृत किसानों के खाते में 2000 रुपये भेजे गए हैं।

वहीं भाजपा के पूर्व लोकसभा सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों, उनकी पत्नियों और बच्चों की पीड़ा के प्रति पार्टी नेताओं और सरकार द्वारा दिखाई गई संवेदनहीनता के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव शनिवार शाम किसान आंदोलन के चलते सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने कहा कि यहां कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है। हम लोग सावधान हैं। स्थिति नियंत्रण में है। सुरक्षा बल पर्याप्त हैं।

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