टीआरपी स्कैम: लीक वाट्सऐप चैट में अर्णब और बार्क के बीच हुई सौदेबाजी आई सामने

रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी और बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की कथित व्हाट्सऐप चैट्स के स्क्रीनशॉट लीक होने से दोनों के बीच हुई सौदेबाजी सामने आ गई है। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी गोस्वामी और दासगुप्ता की इस बातचीत के स्क्रीनशॉट्स ट्विटर पर शेयर किए हैं। इन चैट्स से प्रतीत हो रहा है कि बार्क के पूर्व सीईओ रिपब्लिक को फायदा पहुंचाने की बातचीत कर रहे हैं और अर्णब, सरकार में अपनी पहुंच से बार्क को फायदा पहुंचाने को कह रहे हैं। ये चैट मुंबई पुलिस की चार्जशीट का भी हिस्सा हैं।

टीआरपी स्कैम मामले में मुंबई पुलिस ने इसी हफ्ते चार्जशीट दायर की है। पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ ये चार्जशीट दायर की है।

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी गोस्वामी और दासगुप्ता की इस बातचीत के स्क्रीन शॉट्स ट्विटर पर शेयर किए हैं। भूषण ने लिखा, “ये बार्क सीईओ और अर्णब गोस्वामी की लीक व्हाट्सएप चैट्स के कुछ स्नैपशॉट्स हैं। ये इस सरकार में कई साजिशें, ताकत तक अभूतपूर्व पहुंच, पॉवर ब्रोकर के तौर पर अपनी पोजीशन और मीडिया का गलत इस्तेमाल को दिखाते हैं। कानूनी नियमों वाले किसी भी देश में ये इंसान लंबे समय के लिए जेल में होता।”
प्रशांत भूषण, वरिष्ठ वकील

टीआरपी स्कैम मामले की जांच मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट कर रही है। इस केस को संभाल रहे असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वाजे ने कहा कि चार्जशीट में 59 गवाहों के बयान हैं, जिसमें 15 एक्सपर्ट्स और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स शामिल हैं।

पुलिस ने चार्जशीट में रिपब्लिक टीवी की सीओओ प्रिय मुखर्जी को भी आरोपी बताया है। पुलिस ने दावा किया है कि बार्क के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया ने रिपब्लिक टीवी के लॉन्च के करीब 40 हफ्तों के करीब उसके राइवल चैनलों की TRP रेटिंग से छेड़छाड़ की थी, जिससे रिपब्लिक की टीआरपी बढ़ जाए। पुलिस ने आरोप लगाया है कि पार्थो दासगुप्ता इसमें शामिल थे और उन्होंने व्हाट्सएप चैट्स और आधिकारिक ईमेल आईडी के जरिए रिपब्लिक टीवी के पदाधिकारियों से संपर्क किया था।

पुलिस ने हाई कोर्ट में अभी इनके खिलाफ और सबूत जुटाने के लिए और वक्त मांगा है। कोर्ट ने अर्णब के खिलाफ 29 जनवरी तक एक्शन न लेने का आदेश दिया है। यानी 29 तक अब उनके खिलाफ कोई एक्शन या यूं कहें कि उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और इलाहाबाद में रहते हैं।)

जेपी सिंह
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