बंगाल पंचायत चुनाव: मतदान के साथ हिंसा-हत्या और खूनी खेल

सुंदरबन। पश्चिम बंगाल में तीन स्तरीय पंचायत चुनावों में हिंसा रोकने के तमाम प्रयास विफल हो गये और आज (8 जुलाई) को सुबह मतदान शुरू होने के पहले ही घंटे में राज्यभर में अलग-अलग हिंसक झड़पों में अब तक 11 लोगों की जान चली गयी और कई लोग घायल हो गये। वहीं, शनिवार सुबह मतदान शुरू होने के बाद पहले चार घंटे में कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी थी। इनमें से 7 मौतें मतदान के पहले तीन घंटे के भीतर हुई। दोपहर डेढ़ बजे तक मुर्शिदाबाद में 3, कूच बिहार 2, मालदा में 1 और  पूर्वी बर्दवान में 1 व्यक्ति की मौत हो गयी थी। मरने वालों में सबसे अधिक सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शामिल हैं।

ताजा सूचना के अनुसार, पूर्वी बर्दवान के कटवा में, एक टीएमसी कार्यकर्ता गौतम रॉय, जो स्थानीय पार्टी के उम्मीदवार का चुनाव एजेंट था, को कथित तौर पर सीपीआई-एम कार्यकर्ताओं द्वारा पीट-पीट कर मार डाला गया। कथित तौर पर रॉय को उनके मतदान केंद्र से बाहर खींच लिया गया और हमलावरों ने उनकी खोपड़ी तोड़ दी, जिससे उनकी तुरंत मौत हो गई।

विपक्षी भाजपा और सीपीआई (एम) ने आरोप लगाया कि राज्य चुनाव आयोग ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया है।

सत्तारूढ़ टीएमसी, जिसने चुनावी हिंसा में अपने पांच समर्थकों को खो दिया, ने चुनाव के लिए लाए गए केंद्रीय बलों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया।

वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य में टीएमसी के गुंडों द्वारा हत्याएं हो रही हैं, बम फेंके जा रहे हैं। वहीं टीएमसी ने हिंसा के लिए विपक्षी दलों को दोषी करार दिया है। सत्ताधारी टीएमसी ने कहा है कि चुनावी हिंसा के लिए बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस दोषी है। चुनाव कराना निर्वाचन आयोग का काम है, सरकार की इसमें कोई कोई भूमिका नहीं है।

गौरतलब है कि मतदान शुरू होने के पहले 7 जुलाई तक अलग-अलग हिंसक घटनाओं में राज्य में 18 मौतें हो चुकी थी। इस हिंसा के लिए सत्ता और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने पंचायत चुनावों को अमान्य घोषित करने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय से तत्काल सुनवाई की मांग की है।

राज्य में चुनावी हिंसा पर हाईकोर्ट के सख्त रुख और मतदान के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश के बाद भी हिंसा में कमी नहीं आई वह लगातार जारी रही और शनिवार को मतदान शुरू होने के साथ उसमें और तेजी आ गयी।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंदबोस ने इन हिंसक घटनाओं की निंदा की है। उन्होंने इन घटनाओं को लोकतांत्रिक व्यवस्था पर एक धब्बा कहा है। राज्यपाल ने कहा चुनाव मतपत्रों से होना चाहिए, गोली से नहीं।

शनिवार सुबह कूचबिहार के फलीमारी ग्राम पंचायत में भाजपा के एक पोलिंग एजेंट की कथित तौर पर हत्या कर दी गई, जिसकी पहचान माधव विश्वास के रूप में हुई है। वहीं मालदा के मानिकचौक में गोपालपुर ग्राम पंचायत में कांग्रेस समर्थित उपद्रवियों ने कथित तौर पर एक तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या कर दी, दोनों पक्षों के बीच झड़प में कम से कम आठ लोग घायल हो गए।

मुर्शिदाबाद में हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में दो टीएमसी कार्यकर्ता मारे गए, जिले के रेजीनगर पीएस क्षेत्र के बेलडांगा में एक स्थानीय टीएमसी उम्मीदवार के ससुर याशीन शेख की हत्या कर दी गई और खारग्राम में सहाबुद्दीन शेख की हत्या कर दी गई। उत्तर 24 परगना के कदंबगाछी में एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक की कथित तौर पर टीएमसी समर्थित गुंडों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

उत्तर दिनाजपुर के छपरा में एक टीएमसी कार्यकर्ता अमजद हुसैन की कथित तौर पर वाम-कांग्रेस गठबंधन के समर्थकों ने हत्या कर दी, 11 टीएमसी कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो गए। वहीं, कूचबिहार के दिनहाटा में ग्राम वन ग्राम पंचायत में दो बीजेपी कार्यकर्ताओं को गोली मार दी गई है।

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा पर सीपीआई (एम) नेता एमडी सलीम कहते हैं, “यह (पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा) केंद्रीय बल और राज्य बल पुलिस के साथ-साथ समन्वय विभाग और गृह मंत्रालय के बीच की गड़बड़ी है। आखिरकार लोगों को भेड़ियों के सामने फेंक दिया गया है।”

टेलीग्राफ के अनुसार, मुर्शिदाबाद के लालगोला में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और टीएमसी के बीच चल रही झड़प के दौरान तृणमूल समर्थकों द्वारा बुरी तरह पीटे जाने के बाद सीपीआई-एम कार्यकर्ता रौशन अली की मौत हो गई। अली ने कथित तौर पर दोनों पक्षों द्वारा बूथ कैप्चरिंग के प्रयासों को लेकर हुई हिंसा में हस्तक्षेप करने की कोशिश की और चोटों के कारण उनकी मौत हो गई।

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के मतदान के बीच टीएमसी नेता कुणाल घोष का कहना है, “एक बूथ पर केंद्रीय बलों के कुछ जवान लोगों के पास जा रहे हैं और उनसे बीजेपी को वोट देने की अपील कर रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के लोग उनकी अपील पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।”

दक्षिण 24 परगना के बसंती के फुलमलांचा इलाके में एक घटना में, एक टीएमसी कार्यकर्ता और स्थानीय पार्टी उम्मीदवार के भाई अनीसुर ओस्तागर की सिर में चोट लगने से मौत हो गई, यह घटना तब हुई जब मतदान केंद्र के बाहर दो पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर अंधाधुंध बम फेंके गए, जबकि लोग वोट डालने के लिए कतार में खड़े थे। वहीं, कूचबिहार के दिनहाटा में वन ग्राम पंचायत में दो बीजेपी कार्यकर्ताओं को गोली मार दी गई। राज्यभर में सुबह 11 बजे तक केवल 22 फीसदी मतदान होने की खबर है।

(पश्चिम बंगाल के सुंदरबन से नित्यानंद गायेन की रिपोर्ट।)

नित्यानंद गायेन
Published by
नित्यानंद गायेन