क्या शहीदों की लाशों पर सिर्फ़ भाजपा का पेटेंट है?

क्या देश के शहीदों की लाशों पर सिर्फ़ भाजपा का पेटेंट है। जिन्हें अपने फायदे और नुकसान की स्थिति में वो हथियार की तरह इस्तेमाल करती आई है। पुलवामा हमले के शहीदों की लाशों पर वोट मांगकर 2019 लोकसभा चुनाव जीतने वाली भाजपा क्या सीडीएस बिपिन रावत की मौत का इस्तेमाल आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करना चाहती है।

भाजपा आईटी सेल चीफ अमित मालवीय और राकेश टिकैत के ख़िलाफ़ मुर्दाबाद के नारे लगाने वाले भाजपाई इसी मंसूबे के तहत काम कर रहे हैं।

कल अंतिम संस्कार से पहले सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके सरकारी आवास पर रखा गया। इस दौरान कई गणमान्य लोग उनको श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर पहुंचे। किसान नेता राकेश टिकैत भी जनरल रावत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस दौरान बाहर खड़े लोगों ने राकेश टिकैत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों ने राकेश टिकैत मुर्दाबाद जैसे नारे भी लगाए। इतना ही नहीं बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके आवास के बाहर खड़े कई लोगों ने किसान नेता के खिलाफ अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया।

वहीं दूसरी ओर भाजपा आईटी सेल मुखिया अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के गोवा दौरे की तस्वीर साझा करके ट्वीटर पर लिखा है कि जब देश सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोक में डूबा हुआ था, प्रियंका गांधी गोवा में डांस कर रही थीं।

इतना ही नहीं भाजपा के प्रोपेगेंडा हेड अमित मालवीय ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी ऊल जलूल आरोप लगाते हुये कहा है कि ” जब 26/11 का हमला हुआ था, उस दिन सुबह काफी देर तक राहुल गांधी पार्टी करते रहे थे”।

जबकि हक़ीक़त यह है कि प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को गोवा में लोक कलाकारों से मुलाकात की। प्रियंका ने अपने कार्यक्रम की विभिन्न तस्वीरें भी ट्वीट की हैं। एक ट्वीट में उन्होंने एमीलिया फर्नांडिस नाम की लोक कलाकार से मिलने का जिक्र किया है। प्रियंका ने लिखा है कि मोरपिला में एक शानदार लोक नृत्य कलाकार एमीलिया फर्नांडिस से मुलाकात हुई। उनके साथ खाना खाते वक्त संस्कृति, लोकनृत्य व गांव की हरियाली से जुड़ी ढेर सारी बातें की। एमीलिया मेरी दादी स्वर्गीय इंदिरा गांधी जी व मेरे पिता स्वर्गीय राजीव गांधी से भी मिल चुकी हैं।

चुनाव, शहादत और भाजपा की जीत का बड़ा गहरा रिश्ता है। हालांकि कारगिल एक अपवाद रहा है।

पुलवामा हमले के वक्त खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेयर ग्रिल्स के मशहूर शो ‘मैन वर्सेस वाइल्ड’ के लिये वीडियो शूट कर रहे थे।

सिर्फ़ इतना ही नहीं देश शोक में डूबा था और नरेंद्र मोदी घूम घूमकर देश भर में उद्घाटन और शिलान्यास करते हुये फोटो खिंचवा रह थे। उन्हें पुलवामा के शहीदों से ज़्यादा आचार संहिता लागू होने से पहले शिलान्यासों और उद्घाटनों की फ़िक्र थी।

चुनावी मंचों से उन्होंने पुलवामा के शहीदों की लाशों पर वोट मांगते हुये कहा था कि “‘मैं पहली बार वोट देने जा रहे लोगों से पूछता हूं, क्या आपका वोट उन सैनिकों को समर्पित हो सकता है जिन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी? क्या आपका पहला वोट उन्हें समर्पित हो सकता है जो पुलवामा हमले में शहीद हो गए?’

16 अप्रैल 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के भाटापाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ‘एक वोट’ की ताकत से पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक संभव हुए। आज के भारत ने सीमा पार सर्जिकल और एयर स्ट्राइक की और अंतरिक्ष में उपग्रह को मार गिराया। यह जनता के ‘एक वोट’ की वजह से है।

वहीं सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 11 सैनिकों की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत को फासीवादी कार्पोरेट मीडिया, चीन पाकिस्तान और लिट्टे के स्लीपर खेल की साजिश बताकर आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले माहौल बनाने में लग गई है।

दरअसल भाजपा, सैनिकों की शहादत और चुनावी जीत का गहरा संबंध है। हालांकि कारगिल अपवाद रहा है। जब 527 से ज्यादा सैनिकों की शहादत के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी सत्ता में वापसी नहीं कर पाये थे।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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