योगी के यूपी के बलरामपुर में भतीजे ने कोरोना संक्रमित चाचा का शव राप्ती नदी में फेंका

उत्तर प्रदेश में शव योगी आदित्यनाथ का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। ताजा मामला बलरामपुर में कोरोना पीड़ित का शव परिजनों द्वारा तुलसीपुर हाईवे पर से राप्ती नदी में फेंकने का है। कोरोना संक्रमित चाचा का शव भतीजे ने एक साथी की मदद से शनिवार दोपहर सिसई घाट स्थित तुलसीपुर हाईवे से राप्ती नदी में फेंक दिया। नदी में शव फेंकते समय का वीडियो वायरल होने पर अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कराई। दरअसल एल-टू अस्पताल में 25 मई को भर्ती हुये प्रेमनाथ मिश्रा की 28 मई शुक्रवार को देर शाम मौत हुई थी। शनिवार दोपहर उसका भतीजा शव को अंत्येष्टि के लिए ले गया था।

सीएमओ डॉ. विजय बहादुर सिंह ने मीडिया मे दिया बयान में बताया है कि जांच में पता चला है कि शुक्रवार शाम एल-टू में भर्ती मनकौरा काशीराम गांव निवासी 68 वर्षीय कोरोना संक्रमित प्रेमनाथ मिश्रा की मौत हुई थी। परिजनों को सूचना देने की कोशिश की गई, लेकिन फोन बंद था। शनिवार दोपहर सूचना पाकर मनकौरा काशीराम निवासी संजय शुक्ला अपने को मरहूम प्रेमनाथ का भतीजा बताकर शव ले गया।

एल-टू के नोडल डॉ. एपी मिश्रा के मुताबिक संजय ने बौद्ध परिपथ स्थित राप्ती नदी घाट तक शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी थी। कुछ लोग स्कार्पियो गाड़ी में बैठकर शव लेने आए थे। एंबुलेंस चालक को शव राप्ती नदी तक पहुंचाने की अनुमति दी गई थी।

वहीं सीएमओ विजय बहादुर सिंह ने बताया कि मनकौरा काशीराम निवासी संजय शुक्ला व एक अन्य के विरुद्ध शनिवार देर रात कोतवाली देहात में महामारी अधिनियम व आपदा प्रबंधन ऐक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया है। देहात कोतवाली में संजय कुमार तथा उनके एक अज्ञात साथी के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज करा दिया गया है। देहात कोतवाल विद्यासागर वर्मा ने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है।

विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने लाशों को झुठलाने वाले योगी सरकार को निशाने पर लेते हुये कहा है- “शर्मनाक! प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के बदहाली की पोल खुल चुकी है। बलरामपुर में राप्ती नदी में PPE किट में सरेआम डेड बॉडी फेंकी जा रही है। योगी आदित्यनाथ जी टीम लगा दीजिये इसको भी झूठा साबित करने के लिये।”

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