Author: अनिल जैन

  • हिन्दी की रात की सुबह कब होगी?

    हिन्दी की रात की सुबह कब होगी?

    भाषा की गुलामी बाकी तमाम गुलामियों में सबसे बड़ी होती है। दुनिया में जो भी देश परतंत्रता से मुक्त हुए हैं, उन्होंने सबसे पहला काम अपने सिर से भाषाई गुलामी के गट्ठर को उतार फेंकने का किया है। यह काम रूस में लेनिन ने, तुर्की में कमाल पाशा ने, इंडोनेशिया में सुकर्णो ने और एशिया,…

  • कांग्रेस ही नहीं, भाजपा भी कई राज्यों में है अंदरूनी कलह की शिकार

    कांग्रेस ही नहीं, भाजपा भी कई राज्यों में है अंदरूनी कलह की शिकार

    राज्यों में कांग्रेस में जारी अंदरुनी कलह को लेकर तो मीडिया में यह प्रचार आम है कि कांग्रेस का नेतृत्व कमजोर है और पार्टी पर उसकी पकड़ खत्म हो गई है। इस प्रचार को हवा देने में भारतीय जनता पार्टी भी पीछे नहीं रहती है और उसके शीर्ष नेतृत्व से लेकर नीचे तक के नेता…

  • कश्मीर के गुनहगारों में से एक थे गिलानी

    कश्मीर के गुनहगारों में से एक थे गिलानी

    कश्मीर घाटी के अमन पसंद बाशिंदों ने उस वक्त निश्चित ही राहत की सांस ली होगी जब उन्होंने यह खबर सुनी होगी कि अली शाह गिलानी नहीं रहे। सोते-जागते कश्मीर को भारत से अलग करने का ख्वाब देखने वाले जम्मू कश्मीर के दुर्दांत अलगाववादी नेता का 92 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के बाद…

  • कृषि कानूनों और किसान आंदोलन पर अब क्यों चुप है सुप्रीम कोर्ट?

    कृषि कानूनों और किसान आंदोलन पर अब क्यों चुप है सुप्रीम कोर्ट?

    केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन को नौ महीने पूरे होने वाले हैं। यह आंदोलन न सिर्फ मोदी सरकार के कार्यकाल का बल्कि आजाद भारत का ऐसा सबसे बड़ा आंदोलन है जो इतने लंबे समय से जारी है। देश के कई राज्यों के किसान तीनों कानूनों को…

  • अंतिम किस्त: भारत को नए विभाजन की ओर धकेल रहे हैं मोदी

    अंतिम किस्त: भारत को नए विभाजन की ओर धकेल रहे हैं मोदी

    आरएसएस ने अपने को आज़ादी की लड़ाई से सिर्फ अलग ही नहीं रखा, बल्कि आजादी के लिए बलिदान करने वाले लोगों की तिरस्कारपूर्वक खिल्ली भी उड़ाई। संघ की निगाह में ऐसे लोग बहुत ऊंचा स्थान नहीं रखते। संघ का मानना है कि जिन लोगों ने संघर्ष करते हुए अपना बलिदान कर दिया है, निश्चित रूप…

  • दूसरी किस्त: हेडगेवार-गोलवलकर ने स्वाधीनता संग्राम के प्रति अपनी नफरत को कभी नहीं छुपाया!

    दूसरी किस्त: हेडगेवार-गोलवलकर ने स्वाधीनता संग्राम के प्रति अपनी नफरत को कभी नहीं छुपाया!

    जिस तरह भारत-विभाजन की ऐतिहासिक विभीषिका इतिहास में अमिट है और जिसे कोई भुला या झुठला नहीं सकता, उसी तरह इस हकीकत को भी कोई नहीं नकार या नजरअंदाज कर सकता है कि मौजूदा सत्ताधीशों के वैचारिक पुरखों का भारत के स्वाधीनता संग्राम से कोई सरोकार नहीं था। यही नहीं, धर्म पर आधारित दो राष्ट्र…

  • पहली किस्त: ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ यानी भारत की पराजय का उत्सव!

    पहली किस्त: ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ यानी भारत की पराजय का उत्सव!

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 74 वर्ष पुरानी भारत-विभाजन की विभीषिका तो याद है और और वे देशवासियों को भी हर साल उस विभीषिका की ‘समारोहपूर्वक’ याद दिलाना चाहते हैं, लेकिन चार महीने पहले ऑक्सीजन की कमी से मरते लोग और गंगा में तैरती लाशों की विभीषिका उन्हें याद नहीं है और न ही वे यह…

  • सरकार भी चाहती है कि संसद में हंगामा जारी रहे

    सरकार भी चाहती है कि संसद में हंगामा जारी रहे

    संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही को लेकर मीडिया में जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उससे लग रहा है कि विपक्ष फालतू मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहा है, जिसके चलते संसद में कोई काम नहीं हो पा रहा है। सरकार की ओर से भी कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया आ रही है…

  • राहुल गांधी पर हमले के क्रम में असभ्यता और कुतर्क की हर सीमा पार कर गए हैं बीजेपी नेता

    राहुल गांधी पर हमले के क्रम में असभ्यता और कुतर्क की हर सीमा पार कर गए हैं बीजेपी नेता

    भारतीय जनता पार्टी और उसकी अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने अपने प्रचार तंत्र और कॉरपोरेट नियंत्रित मीडिया के जरिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लंबे समय से ‘पप्पू’ के तौर पर प्रचारित कर रखा है। इस प्रचार की निरंतरता बनाए रखने के लिए भाजपा की ओर से काफी बड़ी धनराशि भी खर्च की…

  • राज्यसभा की एक ही सीट के लिए उपचुनाव क्यों, सीटें तो 8 खाली हैं!

    राज्यसभा की एक ही सीट के लिए उपचुनाव क्यों, सीटें तो 8 खाली हैं!

    पिछले छह-सात सालों के दौरान वैसे तो देश के हर प्रमुख संवैधानिक संस्थान ने सरकार के आगे ज्यादा या कम समर्पण करके अपनी साख और विश्वसनीयता पर बट्टा लगवाया है, लेकिन चुनाव आयोग की साख तो लगभग पूरी तरह ही चौपट हो गई है। हैरानी की बात यह है कि अपने कामकाज और फैसलों पर…