Author: त्रिलोचन भट्ट
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ग्राउंड रिपोर्ट: अग्निपथ ने तोड़ दिये पहाड़ के युवाओं के सपने
देहरादून। आर्मी में भर्ती होना उत्तराखंड के 80 प्रतिशत युवाओं का सपना होता है और राज्य की अस्थाई राजधानी देहरादून सपनों की नगरी। पहाड़ के हर युवा को लगता है कि वह किसी न किसी तरह देहरादून पहुंच जाए तो उसके सपनों को पंख लग जाएंगे। दरअसल देहरादून के इस मोह के दो-तीन कारण हैं।…
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अग्निपथ के खिलाफ सड़कों पर उत्तराखंड की महिलाएं
वर्ष 1994 के उत्तराखंड आंदोलन के तात्कालिक कारणों का विश्लेषण करें तो यह वास्तव में रोजगार से जुड़े मुद्दे को लेकर शुरू हुआ था। हालांकि अलग राज्य का मुद्दा आजादी के पहले से उठता रहा था और कई बार छिटपुट आंदोलन, पदयात्राएं आदि भी आयोजित किये गये थे। लेकिन, 1994 में अलग राज्य आंदोलन एक…
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चार धामा यात्रा: इन मौतों के लिए कौन है जिम्मेदार
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा नये रिकॉर्ड बनाने जा रही है। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट खुलने से लेकर अब तक इन धामों में पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या पर गौर करें तो स्पष्ट हो जाता है कि इस बार पिछला रिकॉर्ड, जो 2019 में बना था, वह न सिर्फ टूट जाएगा, बल्कि तीर्थयात्रियों…
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भ्रष्टाचार में नाम कमा रहा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय
रेगुलर पढ़ाई करने में असमर्थ नौकरीपेशा लोगों और आम नागरिकों की सुविधा के लिए नैनीताल जिले के हल्द्वानी में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय स्थापित किया गया था। उम्मीद की गई थी कि यह विश्वविद्यालय उत्तराखंड के लोगों के लिए उतना ही सुविधाजनक और महत्वपूर्ण साबित होगा, जितना कि देशभर के लिए इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय। शुरुआती…
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ग्राउंड रिपोर्ट: सजल नेत्रों से अपने गांव को डूबते देख रहे हैं लोहारी के लोग
लोहारी (देहरादून)। बिजली के लिए देहरादून जिले के सुदूरवर्ती लोहारी गांव को बांध के पानी में जलसमाधि दे दी गई है। वह भी गांव वालों को बिना पूरा मुआवजा दिये और बिना उनके रहने की व्यवस्था किये। इस तरह विकास के नाम पर एक और जनजातीय गांव और वहां की अनूठी संस्कृति को हमेशा के…
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पांच सौ से ज्यादा लोग जुटे आशारोड़ी को बचाने के लिए
देहरादून। देहरादून के जंगलों को काटने का जो आंदोलन शुरू में बहुत कमजोर प्रतीत हो रहा था, वह अब मजबूत रूप ले रहा है। हालांकि अब तक शासन-प्रशासन की ओर से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है। रविवार 10 अप्रैल को एक बार फिर देहरादून के आशारोड़ी में प्रदर्शन किया गया। इस बार…
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देहरादून में सौ साल पुराने साल के जंगल का सफाया
देहरादून। विकास के नाम पर एक बार फिर से उत्तराखंड में विनाश का खेल शुरू कर दिया गया है। चार धाम सड़क परियोजना के नाम पर हजारों पेड़ों की बलि देने और पर्यावरण प्रभावों का अध्ययन करने वाली कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार करने के बाद जिस अवैज्ञानिक तरीके से राज्य में चारधाम सड़क परियोजना…
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उत्तराखंड: महिलाशक्ति फिर बनी निर्णायक
उत्तराखंड में महिला शक्ति समय-समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने के साथ ही विभिन्न आंदोलनों में निर्णायक भूमिका निभाती रही है। विश्व प्रसिद्ध चिपको आंदोलन हो या नशा विरोधी आंदोलन या फिर उत्तराखंड राज्य आंदोलन, सभी जगह महिलाएं निर्णायक भूमिका में रही हैं। हाल में राज्य में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी भारतीय जनता…