Author: विजय शंकर सिंह
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नोटबंदी पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सार्वजनिक आश्वासन और उनकी अवहेलना
सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी से जुड़ी 58 जनहित और अन्य याचिकाओं पर, सुनवाई चल रही है। इन्ही याचिकाओं में एक याचिका है जिसमे, प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए, इस आश्वासन पर, एक कानूनी विंदु उठाया गया है कि, क्या प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए किसी आश्वासन को, सरकार, मानने से इंकार कर सकती है? क्या प्रधानमंत्री के…
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बिस्मिल, अशफाक और रोशन सिंह ने कोई माफीनामा नहीं भेजा था
पुरानी कहावत है, एक झूठ को छुपाने के लिए हजार झूठ बोलने पड़ते हैं। आज जब सावरकर के माफीनामे पर बहस छिड़ गई है तो, भाजपा, सावरकर के माफीनामे का औचित्य साबित करने के लिए, कभी शिवाजी के पत्रों तो कभी काकोरी के शहीद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह द्वारा एक दया…
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इतिहास की त्रुटिपूर्ण व्याख्या है सावरकर के बचाव में शिवाजी का उल्लेख
भाजपा के प्रवक्ता, सुधांशु त्रिवेदी ने यह कह कर कि, ‘शिवाजी ने भी औरंगजेब को पांच पत्र लिखे हैं तो क्या उसे, उनका माफीनामा कहा जायेगा,’ एक नया विवाद खड़ा कर दिया हे। शिवाजी ने निश्चित ही औरंगजेब को पत्र लिखे हैं, वे दिल्ली दरबार में भी हाजिर हुए थे, वहीं कैद भी हुए फिर…
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जन्मदिन पर विशेष: इंदिरा गांधी के उतार चढ़ाव भरे राजनीतिक जीवन से बहुत कुछ सीखा जा सकता है
आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्मदिन है। इंदिरा, जितनी सराही गयीं उतनी ही इनकी आलोचना भी हुयी। कांग्रेस सिंडिकेट ने गूंगी गुड़िया को कठपुतली की तरह अपने इशारे पर काम करने के लिये 1967 में प्रधानमंत्री मनोनीत कराया था। पर 1969 तक आते-आते यह गूंगी गुड़िया इतनी मुखर हो गयी कि कांग्रेस के पुराने…
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गांधी की दांडी यात्रा-16: और अंततः गिरफ्तार कर लिए गए गांधी
गांधी की दांडी यात्रा और नमक सत्याग्रह, एक प्रतीकात्मक आंदोलन था और उसका उद्देश्य, जनता को सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए एकजुट करना था। 6 अप्रैल, 1930 को, दांडी में ही, नमक कानून तोड़ने के बाद, फ्री प्रेस जर्नल, अखबार से बात करते हुये गांधी ने कहा था कि, “चूंकि नमक कानून का तोड़ना, कानून…
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नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा- सोच समझ कर लिया गया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट में, 8 नवंबर 2016 को रात, 8 बजे की गई नोटबंदी के बारे में दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई चल रही है। इसमें सरकार ने, अदालत से अपना पक्ष रखने को कहा था। सरकार ने अदालत को बताया है कि, “2016 में किया गया, करेंसी नोटों का विमुद्रीकरण (नोटबंदी), “नकली नोटों के खतरे, बेहिसाब…
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गांधी की दांडी यात्रा-15: गांधी के सत्याग्रह की व्यापकता और जिन्ना की असहमति
गांधी जी के लिए, अहिंसक प्रतिरोध, राजनीति के बड़े लक्ष्य तक पहुंचने का एक साधन भी था। सत्याग्रह को वह मनुष्य के उच्चतम धर्म, सत्य के मार्ग के रूप में देखते थे, और वह यह मानते थे कि, उच्चतम आध्यात्मिक सिद्धांत इस मार्ग में निहित हैं। इसलिए, गांधी का मानना था कि, जिन लोगों ने…
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बरसी पर विशेष: नोटबंदी को लेकर खुद अपराध बोध से ग्रस्त है मोदी सरकार
8 नवबर, 2016 को रात ठीक 8 बजे, जब टीवी चैनलों ने यह घोषणा की कि प्रधानमंत्री जी एक ज़रूरी संदेश देंगे तो हम भी करोड़ों देशवासियों की तरह टीवी की तरफ खिसक कर बैठ गए और उसका वॉल्यूम तेज़ कर दिया। 8 बजने के चंद सेकेंड्स पहले पीएम, टीवी स्क्रीन पर सेनाध्यक्षों से मिलते नज़र…
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गांधी की दांडी यात्रा-14: सरकार का दमन चक्र और पेशावर में सत्याग्रहियों पर गोली चलाने से चंद्र सिंह गढ़वाली का इनकार
गांधी ने अब लोगों को, नमक कानून तोड़ने और अदालती गिरफ्तारी के लिए राजी करते हुए, गांव-गांव जाने का फैसला किया। इस बीच, उन्होंने, अपने अखबार के माध्यम से, महिलाओं से नमक कानूनों के खिलाफ, आंदोलन में भाग नहीं लेने के लिए कहा, क्योंकि ‘वे पुरुषों के बीच कहीं खो जाएंगी। गांधी जी का महिलाओं के…
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गांधी की दांडी यात्रा-13: नमक उछाल कर दी ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती
गांधी और उनके स्वयंसेवकों ने, 6 अप्रैल 1930 को, सुबह साढ़े आठ बजे तक नमक कानून तोड़ने का कार्यक्रम पूरा कर लिया था। छोटे से गड्ढे में जमा प्राकृतिक नमक की एक गांठ उठा और, उसे भुरभुराकर गांधी ने आसमान में उछाल दिया। हवा में उछाला हुआ, वह एक चुटकी नमक, विश्व के सबसे बड़े…