भाजपा छोड़ने के 24 घंटे के भीतर स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ गिरफ्तारी वारंट जारी

एक दिन पहले मंगलवार को योगी कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले पूर्व श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है। उन्हें पडरौना-एमपीएमलए कोर्ट ने 24 जनवरी को पेश होने के आदेश दिए हैं।

बता दें कि यह वारंट 7 साल पुराने केस में जारी हुआ है जिसमें उन पर धार्मिक भावना भड़काने का आरोप है। स्वामी प्रसाद मोर्य के ख़िलाफ़ धार्मिक भावना भड़काने का ये मामला 7 साल पुराना साल 2014 का है, जब वो बहुजन समाज पार्टी में हुआ करते थे। उन्होंने अपने समर्थकों से देवी देवताओं की पूजा नहीं करने के लिए कहा था। तभी से उनके ख़िलाफ़ ये मामला चल रहा है। हालांकि ये वारंट नया नहीं है, ये पहले से जारी था, उन्होंने साल 2016 से इस पर स्टे ले रखा था। 12 जनवरी को उन्हें अदालत में पेश होना था, लेकिन जब वो हाजिर नहीं हुए तो ये वारंट पूर्ववत जारी कर दिया गया। इस मामले पर अगली सुनवाई 24 जनवरी को होनी है।

कल दिया था इस्तीफा

गौरतलब है कि कल योगी सरकार में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। मंत्री पद से इस्तीफे के बाद मंगलवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मौर्य के साथ अपनी एक तस्‍वीर ट्विटर पर साझा कर उनका सपा में स्वागत किया था। इस्तीफे के बाद मौर्य ने कहा था, ‘भाजपा नीत सरकार ने बहुतों को झटका दिया है, अगर मैं मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर उसे झटका दे रहा हूं तो इसमें नया क्या है? मैंने राज्यपाल को भेजे पत्र में उन सभी कारणों का उल्‍लेख किया है जिनकी वजह से भाजपा और मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का एलान कर दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं 14 जनवरी को समाजवादी पार्टी में शामिल होऊंगा। मेरे पास किसी छोटे या बड़े राजनेता का फोन नहीं आया है। अगर वे समय पर सतर्क होते और सार्वजनिक मुद्दों पर काम करते, तो भाजपा को इसका सामना नहीं करना पड़ता।

कल मीडिया से एक सवाल के जवाब में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था, ‘बीजेपी के जिस नेता ने मुझसे बातचीत की उनसे मैंने ससम्मान बातचीत की। मैंने आज सुबह उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और सुनील बंसल से बात की। मेरी नाराजगी स्वाभाविक है, पार्टी के उपेक्षात्‍मक रवैये के कारण यह निर्णय लेना पड़ा है और मुझे इसका दुख नहीं है। नाराज़गी की वजह जहां बतानी थी, बता दिया। मेरे इस्तीफे का असर 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद आपको नज़र आएगा। 10 मार्च को जो भी होगा, आपके सामने होगा।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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