‘तुमको अगला गांधी बना दिया जाएगा’: सनातन संस्था ने दाभोलकर को धमकी देते हुए कहा था

अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता और तर्कवादी डॉ नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मुक़दमे में गवाह के तौर पर पेश हुए उनके बेटे डॉ हामिद दभोलकर ने पुणे की एक अदालत को बताया कि उनके पिता ने एक कट्टरपंथी संगठन, सनातन संस्था की गतिविधियों के बारे में एक फाइल राज्य के आतंकवाद विरोधी दस्ते को सौंपी थी।

बतौर गवाह हामिद दभोलकर ने अदालत को यह भी बताया कि सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित एक दैनिक सनातन प्रभात के माध्यम से, डॉ दाभोलकर को धमकी मिली थी कि अगर उन्होंने अंधविश्वास उन्मूलन के क्षेत्र में अपना काम जारी रखा तो “तुमको अगला गांधी बना दिया जाएगा”।

शनिवार को सतारा स्थित मनोचिकित्सक हामिद गवाह के तौर पर अदालत में पेश हुये। अभियोजन पक्ष के वकील के मुताबिक डॉ हामिद ने अपनी गवाही के दौरान कोर्ट में कहा, “अंधविश्वास उन्मूलन के क्षेत्र में मेरे पिता के काम के कारण, कई अवसर थे जब उनके काम का विरोध करने वाले सनातन संस्था जैसे संगठनों के पदाधिकारियों के बीच बहस हुई थी”।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि “सनातन संस्था ने सनातन प्रभात नाम का एक दैनिक समाचार पत्र प्रकाशित किया, जिसने कई मौकों पर मेरे पिता और उनके काम के ख़िलाफ़ लेख प्रकाशित किए थे। उनमें यह धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने अंधविश्वास मिटाने का काम जारी रखा तो उन्हें अगला गांधी बना दिया जाएगा”।

इन धमकियों के बाद दाभोलकर ने क्या किया? कोर्ट में पूछे गये इस सवाल पर डॉ हामिद दभोलकर ने कहा, “मेरे पिता ने, महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के माध्यम से, सनातन संस्था के ख़िलाफ़ मुंबई में एटीएस को एक फाइल सौंपी। … उन्होंने कड़े विरोध के बावजूद अपना काम जारी रखा।”

बता दें कि 67 वर्षीय तर्कशास्त्री नरेंद्र दभोलकर की हत्या 20 अगस्त, 2013 को पुणे शहर में ओंकारेश्वर मंदिर के पास एक पुल पर दो व्यक्तियों द्वारा गोली मारकर कर दी गई थी। मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसआर नवंदर की विशेष अदालत द्वारा की जा रही है।

साल 2014 में नरेंद्र दभोलकर हत्याकांड की जांच की ज़िम्मेदारी पुणे सिटी पुलिस से लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI)  को सौंप दिया गया था। 

सीबीआई ने नरेंद्र दभोलकर हत्याकांड में पांच आरोपियों डॉ वीरेंद्र सिंह तावड़े, (ईएनटी सर्जन)  सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर (दोनों हमलावर) , संजीव पुनालेकर (वकील) और विक्रम भावे के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल किया है। ये सभी कथित तौर पर सनातन संस्था से जुड़े हुए हैं।  इनमें से तावड़े, अंदुरे और कालस्कर जेल में हैं जबकि पुनालेकर और भावे ज़मानत पर बाहर हैं।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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