साप्ताहिकी: लोकसभा चुनाव के पहले का “सेमी फाइनल”

सीपी झा

नवम्बर-दिसंबर 2018 में भारत के पांच राज्यों- राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम की नई विधान सभा के चुनाव तथा कर्नाटक में लोकसभा की तीन सीटों- शिमोगा, बेल्लारी और मांड्या के लिए उपचुनाव होने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 18 सीटों पर अधिसूचना 16 अक्तूबर को जारी होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इन सभी चुनावों और उपचुनावों के लिए वोटिंग ‘मार्क-3’ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से कराई जाएगी। राजनीति और मीडिया हल्कों में इन चुनावों को लोकसभा के मई 2019 से पहले निर्धारित नए चुनाव के पहले का सेमीफाइनल मुकाबला माना जा रहा है। अगले बरस कई राज्यों की विधान सभा के भी चुनाव होने हैं।

लोकसभा उपचुनाव

मौजूदा लोकसभा में कर्नाटक की मांड्या सीट, जनता दल (सेकुलर) के सीएसपुट्टाराजू के इस्तीफा से रिक्त  है जो उन्होंने विधानसभा चुनाव में निर्वाचित होने के बाद दिया। उपचुनाव के लिए वोटिंग 3 नवंबर को होगी। शिमोगा सीट कर्नाटक के पूर्व मुख्यमन्त्री एवं भाजपा नेता बीएस येड्डी के इस्तीफा से रिक्त है। उन्होंने विधान सभा चुनाव बाद नई सरकार बनाने के बाद सदन की सदस्यता की शपथ लेने के पहले लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा के श्रीरामिलू ने भी विधान सभा की सदस्यता की शपथ लेने के पहले बेलारी (सुरक्षित) लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। सुरक्षा कारणों से अनंतनाग में अभी तक उपचुनाव नहीं कराया गया है जो जम्मू-कश्मीर की छह लोकसभा सीटों में शामिल है।  

अनंतनाग सीट 2016 में महबूबा मुफ़्ती के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस सीट से दिए इस्तीफे के कारण रिक्त है। वह राज्य में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भाजपा की साझा सरकार में मुख्यमंत्री रहे अपने पिता मुफ़्ती मोहम्मद सईद के निधन से उत्पन्न परिस्थियों में उनकी जगह 4 अप्रैल 2016 को उसी साझा सरकार की मुख्यमंत्री बनी थीं। नज़ीर तो यह है कि जिन सीटों पर नए चुनाव छह माह के बाद होने हैं, वहां उपचुनाव कराये जाते रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर विधान सभा के नवम्बर-दिसंबर 2014 में हुए पिछले चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। तब भाजपा ने कुछ अप्रत्याशित रूप से पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाई थी। पीडीपी नेता मुफ़्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने। उनके निधन के बाद उनकी पुत्री, महबूबा मुफ़्ती ने दोनों के गठबंधन की दूसरी सरकार की मुख्यमंत्री चार अप्रैल 2016 को दोनों दलों के बीच कभी कोई चुनावी गठबंधन नहीं रहा। 

दोनों ने सिर्फ राज्य की सत्ता पर काबिज होने के लिए चुनाव-पश्चात गठबंधन किया। यह गैर-चुनावी गठबंधन अगले चुनाव के पहले ही टूट गया। हाल में भाजपा ने अपनी ही उस साझा सरकार से समर्थन वापस ले लिया और महबूबा मुफ़्ती सरकार अपदस्थ हो गई। जम्मू-कश्मीर में अभी विधान सभा निलंबित है और राष्ट्रपति की संस्तुति से 19 जून से गवर्नर रूल लागू है। जम्मू-कश्मीर विधान सभा का कार्यकाल छह वर्ष का होता है। पिछला चुनाव हुए छह वर्ष पूरे होने में अभी दो बरस का समय बाकी है।

वीवीपीएटी

ईवीएम से युक्त ‘वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिटट्रेल‘ (वीवीपीएटी) मशीनों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। वीवीपीएटी के जरिये वोटर अपना वोट डालने के बाद कुछेक सेकंड तक उसके स्क्रीन पर देख कर यह संतुष्टि कर सकता है कि उसने जिस कैंडिडेट को वोट दिया है वह उसी को गया है या नहीं। स्क्रीन पर दृश्यमान विवरण की सॉफ्ट कॉपी, वीवीपीएटी मशीन  में संरक्षित रहेगी। अभी मतगणना, वीवीपीएटी पर्ची से नहीं ईवीएम से ही कराई जाती है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सांसद नीलोत्पल बसु  समेत कई नेताओं और चुनाव विशेषज्ञों ने भी मांग की है कि ईवीएम पर लोगों के बढ़ते अविश्वास के मद्देनज़र कुछ परिवर्तन किये जाएं।

उनका सुझाव है कि वोटिंग बेशक ईवीएम से हो पर मतगणना वीवीपीएटी की कागजी पर्ची से कराई जाए, ताकि लोगों का चुनाव व्यवस्था पर विश्वास बना रहे। इस मांग पर अभी तक कोई अदालती कार्यवाही नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट के ही निर्देश पर निर्वाचन आयोग को वीवीपीएटी मशीनों का उपयोग करना पड़ा है। वीवीपीएटी मशीनों की खरीद के वास्ते धन मुहैया कराने में मोदी सरकार की शुरुआती सुस्तई पर अदालती खिंचाई के बाद आवश्यक वित्त आवंटित कर दिया गया।

मतगणना

इन विधान सभा चुनाव और लोकसभा उपचुनाव के लिए भी मतगणना ईवीएम से ही मंगलवार 11 दिसंबर को होगी। उसी दिन शाम तक सारे परिणामों की आधिकारिक घोषणा हो जाने की उम्मीद है। छत्तीसगढ़,  मध्यप्रदेश और राजस्थान में अभी भाजपा की सरकार है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा पिछले लगातार 15 बरस से सत्ता में है। भाजपा, राजस्थान में भी लम्बे अर्से से सत्ता में आती रही है। तेलांगाना में अभी भाजपा का ‘मित्र दल’, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सत्ता में है।   मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है। विधानसभाओं की सीटें मध्य प्रदेश में 230, राजस्थान में 200, छत्तीसगढ़ में 90, तेलंगाना में 119 और मिजोरम में 40 है।

चुनाव कार्यक्रम

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने शनिवार 6 अक्टूबर को बुलाई प्रेस कांफ्रेस में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम की विधान सभाओं के नए चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा की। खबर थी कि निर्वाचन आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस अपराह्न साढ़े बारह बजे होगी। बाद में उसका समय कोई कारण बताये बिना अपराह्न तीन बजे कर दिया गया। समय में फेरबदल पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आपत्ति कर कहा कि ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान में उसी दिन जयपुर और अजमेर में तीन बजे से पहले आयोजित जनसभा में लोकलुभावन घोषणा करने देने की सुविधा के लिए किया गया। निर्वाचन आयोग के इस  कदम पर बयानबाज़ी से आगे की कोई खबर नहीं है।

मिजोरम

मिजोरम में अभी कांग्रेस की सरकार है। 50 सीटों की मिजोरम विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 15 दिसंबर को खत्म होगा। मिजोरम में आगामी चुनाव में कुल 7.68 लाख मतदाता के लिए 1164 पोलिंग स्टेशन  होंगें। कांग्रेस ने 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए अपने 36 उम्मीदवारों की प्रथम सूची जारी कर दी। वहां 28 नबंवर को मतदान  होना है। मुख्यमंत्री ललथनहवला ने 11 अक्टूबर को आइजोल में पार्टी राज्य मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं की बैठक में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की।

वह खुद दो सीटों- सेरछिप और चंफाई दक्षिण से चुनाव लड़ेंगे। 2012 के पिछले चुनाव में भी वह दो सीटों पर चुनाव लड़े थे और जीते थे। सिहा जिले की दो सीटे, लुंगलेई जिला और लवांगतलाई जिला की एक- एक सीट समेत शेष चार सीटों के लिए कांग्रेस  उम्मीदवारों के नाम बाद में तय किये जाएंगे। कांग्रेस की प्रत्याशी सूची में सात मौजूदा विधायकों के नाम नहीं हैं। उसके 12 उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ेंगे। नए चेहरों में करीब एक तिहाई 40 साल से कम उम्र के हैं। 20 निवर्तमान विधायकों को उनकी पुरानी सीटें दी गई हैं। पार्टी में हाल में भर्ती राज्य के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एलटीहरांगचल को चलफिल सीट से खड़ा किया जा रहा है।

राजस्थान

कुल  200 सीटों की राजस्थान विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 20 जनवरी तक है। राजस्थान में 7 दिसंबर को मतदान होगा। राजस्थान में   2013 के पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा ने कुल 200 में से 164 जीती थी। उसने 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 25 सीटें  जीती थी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राजस्थान में अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। क्षेत्रफल के लिहाज से भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में कुल मतदाताओं की संख्या 4.74 करोड़ से ज्यादा है। वोटिंग कुल 51796 पोलिंग बूथ पर होगी। भाजपा ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को राजस्थान का चुनाव प्रभारी बनाया है।

मध्य प्रदेश

230 सीटों की मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 7 जनवरी को  ख़त्म होगा। मध्यप्रदेश में चुनाव अधिसूचना दो नवम्बर को जारी होगी। नामांकन पत्र भरने की आखिरी तारीख 9 नवंबर है। नामांकन पत्रों की जांच 12 नवंबर को होगी। नामांकन-पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख 1 4 नवंबर है। वोटिंग 28 नवंबर को होगी। कुल मतदाता 5,03,34,260 हैं। कुल 65341 पोलिंग स्टेशनों के जरिए वोटिंग होगी। बसपा ने मध्य प्रदेश विधान सभा की 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से ही गठबंधन करेगी।

तेलंगाना

स्वतंत्र भारत गणराज्य के इस नए राज्य के प्रथम विधान सभा का कार्यकाल जुलाई 2019 में समाप्त होना था। लेकिन ‘तेलंगाना राष्ट्र समिति’ के सर्वेसर्वा और राज्य के मुख्ययमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने  विधान सभा भंग कर निर्धारित समय से पहले कराना श्रेयस्कर माना।   तेलंगाना में 7 दिसंबर को मतदान होगा। विधानसभा की 119 सीटें हैं।  कुल 32574 पोलिंग स्टेशनों के जरिए वोटिंग होगी। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइटेड प्रोग्रेसिव एलायंस के मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व के द्वितीय शासन-काल में कुछ हड़बड़ी में आंध्र प्रदेश से विभक्त कर सृजित किये गए इस नए राज्य की राजधानी हैदराबाद है। कांग्रेस ने तेलुगु देशम पार्टी और वामपंथी दलों के साथ “महा कुटुमी” मोर्चा बनाया है। कांग्रेस कहती रही है कि टीआरएस ने भाजपा के साथ गुप्त चुनावी समझौता कर लिया है। टीसीआर इसका खंडन कर कहते हैं कि वह आगामी आम चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस, दोनों के ही खिलाफ क्षेत्रीय दलों का एक ‘फेडरलफ्रंट’ बनाने के अपने इरादे को लेकर अटल हैं।

छत्तीसगढ़

निर्वाचन आयोग ने 90 सीटों की छत्तीसगढ़ विधान सभा के नए चुनाव के लिए कथित माओवाद-नक्सल प्रभाव के मद्देनज़र दो चरणों में वोटिंग कराने का निर्णय किया है। पहले चरण में माओवादी-नक्सली प्रभावित बताये जाने वाले दक्षिणी जिलों के 18 निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग 12 नवंबर को होगी। दूसरे चरण में शेष 72 सीटों पर वोटिंग 20 नवंबर को होगी। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी एवं सांविधिक अनुसूचित जाति -जनजाति आयोग के अध्यक्ष रहे पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने कहा, ” दो चरणों में चुनाव होने से सत्ता का दुरूपयोग होगा।”

उनके अनुसार चुनाव कार्यक्रम तैयार करने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर आये चुनाव आयुक्तों से कांग्रेस ने एक ही चरण में वोटिंग कराने का आग्रह किया था। लेकिन भाजपा ने दो चरण में वोटिंग कराने को कहा। राज्य में कुल पोलिंग स्टेशन 23632 होंगे। कुल मतदाताओं की संख्या 1.85 करोड़ है। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 5 जनवरी 2019 को समाप्त होना है। भाजपा पिछले लगातार तीन बार राज्य विधान सभा चुनाव में विजयी रही है। पेशे से चिकित्सक मौजूदा मुख्यमंत्री डा. रमण सिंह 15 बरस से इस पद पर विराजमान हैं। उनके पुत्र अभिषेक सिंह का नाम  स्वदेश में कर बचाने के लिए अपना धन गैर कानूनी तरीकों से विदेशी खातों, शेयर, बांड आदि में निवेश करने वालों के बारे में प्रकाशित ‘पनामा पेपर्स’ में शामिल बताया जाता है। 

छत्तीसगढ़ में चुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस को दो बड़े झटके लगे। पहला झटका तब लगा जब उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य मंत्री मायावती की अध्यक्षता वाली बहुजन समाज पार्टी  (बसपा) ने कांग्रेस से चुनावी किनाराकसी कर ली है। बसपा ने छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से गठबंधन कर लिया, जिसका गठन उन्होंने कुछ अर्सा पहले कांग्रेस से अलग होने के बाद किया था। कांग्रेस को दूसरा झटका तब लगा जब उसकी प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मौजूदा विधायक, रामदयाल उइके भाजपा पाले में चले गए। उइके भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री रमन सिंह की मौजूदगी में भगवा पाले में गए।

वह 4 बार विधायक रहे हैं। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भगवा पाला से कांग्रेस में लाये थे। उइके ने वर्ष 2000 में जोगी जी के लिए अपनी मरवाही विधान सभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। छत्त्तीसगढ़ राज्य का गठन केंद्र में नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस की सरकार के कार्यकाल में 1 नवम्बर 2000 को उसको, मध्य प्रदेश से पृथक कर दिया गया। छत्त्तीसगढ़ विधान सभा के चुनाव अभी तक मध्य प्रदेश विधान सभा के चुनाव के साथ ही कराये जाते रहे हैं।

छत्त्तीसगढ़ के कुल 90 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में से 29 अनुसूचित जनजाति के लिए और 10 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। शेष 51 सीटें सामान्य हैं। राज्य के अभी करीब एक करोड़ 81 लाख मतदाताओं में 90 लाख महिला और 810 ‘ट्रांसजेंडर’ मतदाता भी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पिछले चुनाव के लिए नवम्बर 2013 में मतदान हुआ था। उसमें भाजपा को 49, कांग्रेस को 39 और बसपा को एक सीट मिली थी। रमन सिंह ने 2004 के विधान सभा चुनाव के बाद नई सरकार बनाई थी। 15 अक्टूबर 1952 को पैदा हुए रमन सिंह 1990 और 1993 में मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे थे। 

वह 1999 में लोकसभा के भी सदस्य चुने गये थे। उन्होंने 1999 से 2003 तक  केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई सरकार में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री का पद संभाला था। वह पेशेवर डाक्टर हैं। उन्होंने 1975 में आयुर्वेदिक मेडिसिन में बीएएमएस की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने भारतीय जनसंघ के सदस्य के तौर पर राजनीति शुरू की थी।  छत्तीसगढ़ के नए राज्य के मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी के नेतृत्व वाली पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने विधानसभा चुनाव के लिए 11 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा पिछले बरस अक्टूबर में ही कर दी थी।   वह 9 नवम्बर 2000 से 6 दिसम्बर 2003 तक मुख्यमंत्री रहे थे। अजीत  जोगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहले भारतीय पुलिस सेवा और फिर भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहे थे।

बाद में वह मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री (अब दिवंगत) अर्जुन सिंह के कहने पर कांग्रेस में शामिल होकर राजनीति में आये। वह विधायक और सांसद भी रह चुके हैं। अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी ने कांग्रेस से बिलासपुर के कोटा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया है। इस पर अजीत जोगी का कहना है कि रेणु जोगी स्वतंत्र हैं, जहां और जिसके टिकट पर चाहें चुनाव लड़ सकती हैं। लेकिन वह खुद राष्ट्रीय पार्टी में शामिल होकर क्षेत्रीय पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ नहीं जाएंगे।

ओपिनियन पोल

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद एबीपीन्यूज-सी वोटर का ओपिनियन पोल सामने आया। इसमें भाजपा शासित तीनों राज्यों- राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में उसकी हार और कांग्रेस की जीत की संभावना व्यक्त की गई है। भाजपा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सत्ता पर लगातार 15 बरस से काबिज है।

भाजपा के शिवराज सिंह चौहान 12 साल से मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हैं। भाजपा के रमण सिंह भी 10 बरस से छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री हैं। एक सर्वे आकलन टाइम्सनाउ-वार रूम स्ट्रेटेजीज का भी सामने आया है। इसके अनुसार राजस्थान में कांग्रेस सबसे आगे रहेगी लेकिन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा आगे रहेगी।

(चुनावी ख़बरों की ये साप्ताहिकी वरिष्ठ पत्रकार सीपी झा ने लिखी है। इस लेखक-पत्रकार ने यू-ट्यूब पर अपना चुनावी चैनल शुरू किया है जिसका लिंक है- https://youtu.be/NV4LS82N7p0 ।)

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