बिजली संशोधन विधेयक से उपभोक्ताओं की होगी लूट और निजी कंपनियों को होगा भारी मुनाफा

किसान संघर्ष समिति की 296वीं किसान पंचायत पूर्व विधायक डॉ सुनीलम की अध्यक्षता में संपन्न हुई। किसान पंचायत में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं पर प्रस्ताव पर चर्चा कर प्रस्ताव पारित किए, जिसमें अग्निपथ योजना रद्द करने, अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में नष्ट हुई फसलों का सर्वे एवं रीवां और आसपास के जिलों में सूखे से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराने, प्याज सोयाबीन की भावांतर राशि और गेहूं का बोनस का बकाया भुगतान करने, इंदौर के 186 किसानों का गेहूं का बकाया भुगतान मंडी निधि से करने, भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का तत्काल नगद भुगतान करने, इकोनामिक कॉरिडोर योजना में और लैंड पुलिंग एक्ट में उपजाऊ भूमि के अधिग्रहण का विरोध करने, इंदौर के कृषि कॉलेज की भूमि अधिग्रहण की कोशिश का विरोध करने, नकली खाद बीज कीटनाशक के कारोबार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने, अवैध रेत खनन पर प्रतिबंध लगाने, खेतों में जंगली जानवरों के आतंक से मुक्ति दिलाने संबंधी प्रस्ताव शामिल हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लखीमपुर खीरी में 18-19-20 अगस्त को 75 घंटे का पक्का मोर्चा आयोजित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के किसानों का एक जत्था लखीमपुर खीरी जाएगा। रीवां से किसान संघर्ष समिति के संयोजक इंद्रजीत सिंह शंखू ने 22 सितंबर को रीवां में शहीद राघवेंद्र सिंह के स्मृति दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की।  

किसान पंचायत को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे उससे वह पूरी तरह मुकर गई है। ना तो एमएसपी पर कमेटी का गठन हुआ है और ना ही आंदोलन के दौरान किसानों पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लिए गए हैं। सरकार ने किसान संगठनों से बिना बातचीत किए बिजली संशोधन (विधेयक) 2022 को संसद में लाया है। यह विधेयक केंद्र सरकार द्वारा किसानों से बड़ा विश्वासघात है। इस विधेयक का उद्देश्य बिजली वितरण के क्षेत्र में निजी कंपनियों का प्रवेश सुगम करना है। यह हमारे देश के किसानों और अन्य सभी वर्गों के लोगों के लिए बिजली दरों में बढ़ोत्तरी करके निजी कंपनियों को भारी मुनाफा देगा।खेती का घटा और अधिक बढ़ जाएगा।

उन्होंने कहा कि पूरे देश की बिजली अडानी को सौंपने की साजिश चल रही है। मध्यप्रदेश में तो यह काम बहुत आगे बढ़ चुका है।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अब एक नए दौर में पहुंच गया है। किसानों और बेरोजगारों की एकजुटता बन रही है। संयुक्त किसान मोर्चा को पूर्व सैनिकों का मोर्चा “यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन” ने भी अपना समर्थन देकर  एकजुटता जाहिर की है। 

अग्निपथ योजना का पर्दाफ़ाश करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 7 अगस्त से 14 अगस्त तक देश भर में “जय जवान, जय किसान” सम्मेलन आयोजित किए जा रहे है। मध्यप्रदेश के इंदौर, रीवां तथा सागर में सम्मेलन आयोजित किए गए है। उन्होंने अन्य जिलों में भी इस योजना के खिलाफ एकजुट होकर कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की।

 उन्होंने कहा कि आज समाज में व्याप्त नफरत को खत्म करने की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि किसान प्रतिनिधियों का एक दल 19 अगस्त को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो अभियान की बैठक में भागीदारी करेंगे।

किसान पंचायत को भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष अनिल यादव, किसान जागृति संगठन के प्रदेश अध्यक्ष इरफान जाफरी, अखिल भारतीय किसान महासभा के प्र.महासचिव प्रहलाद दास बैरागी, भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप ठाकुर, अखिल भारतीय किसान सभा के जिला संयोजक धर्मदास वासनिक, अखिल, इंदौर संभाग से किसंस के संयोजक रामस्वरूप मंत्री, रीवां संभाग के संयोजक इंद्रजीत सिंह शंखु, सिवनी से जबलपुर संभाग के संयोजक राजेश पटेल, सागर से जिलाध्यक्ष अभिनय श्रीवास, ग्वालियर से किसंस के संयोजक एड विश्वजीत रतौनिया, सिंगरौली से किसंस के संयोजक निसार आलम अंसारी, जिलाध्यक्ष एड अशोकसिंह पैगाम, अलीराजपुर से जिलाध्यक्ष नवनीत मंडलोई, मुलताई से किसंस के महामंत्री भागवत परिहार आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन किसान संघर्ष समिति की उपाध्यक्ष आराधना भार्गव द्वारा किया गया।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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