सीपी कमेंट्री: चे ग्वेरा की क्रांतिकारी विरासत का नया चेहरा हैं चिली के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक

चिली में युवा वामपंथी, गेब्रियल बोरिक की राष्ट्रपति चुनाव में जीत अमेरिका जैसे साम्राज्यवादियों को चौंकाने वाली नहीं है, चिंताजनक भले हो। ये जीत दुनिया भर में तानाशाही, सैन्यवाद, फासीवाद के खिलाफ और लोकतंत्र की हिफाजत के लिए अरसे से लड़ रही अवाम के लिए निश्चय ही आह्लादकारी है।  बोरिस महान क्रांतिकारी चे ग्वेरा की विरासत की लैटिन अमेरिकी धरती का नया नेतृत्व हैं।

चिली की राजधानी सैंटियागो से खबर मिली कि वहाँ 19 दिसंबर 2021 को 35 बरस के बोरिक ने राष्ट्रपति चुनाव में 56 फीसद वोट हासिल कर दक्षिणपंथी नेता जोस एंतोनियो को परास्त कर दिया। 2012 में वोटिंग अनिवार्य होने के बाद से वहाँ और किसी को चुनाव में इतना अधिक समर्थन नहीं मिला है।

बोरिक ने उनकी जीत पर रविवार को बधाई देने पहुंचे हजारों लोगों को अपनी मात्रभाषा ‘मैपुचे’ में संबोधित कर कहा: हम ऐसी पीढ़ी हैं जो खुले जीवन में पली-बढ़ी है। हम लोकतांत्रिक अधिकारों के पक्षधर हैं। हम गरीबों के लिए न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे। हम चाहते हैं अब गरीबों को असमानता की कोई कीमत ना चुकानी पड़े। हम महिला अधिकारों की हिमायत करते हैं। हमारी सरकार पितृसत्तात्मक सोच को कामयाब नहीं होने देगी।  

चिली गणराज्य, दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी भाग में प्रशांत महासागर और इंडीज द्वीपों के बीच लंबी संकरी भूमि पर अंटार्कटिका से लगा विश्व का सबसे दक्षिणी देश है। इसकी सीमा पेरू, बोलीविया और अर्जेंटीना से लगी है। चिली की राष्ट्रीय भाषा स्पेनिश है। चिली में 1973 से 17 बरस तक क्रूर तानाशाही रही थी।

साल्वाडोर अलेंदे

2011 में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की सहायता से चिली की एक अदालत द्वारा की गई जांच के अनुसार 11 सितंबर, 1973 को अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेन्स एजेंसी (सीआईए) समर्थित तख्तापलट में चिली के 28वें राष्ट्रपति साल्वाडोर अलेंदे को अपदस्थ करके सेना ने राष्ट्रपति भवन, ला मोनेडा पैलेस को घेर लिया। अलेंदे ने आत्महत्या कर ली। तब जनरल ऑगस्टो पिनोशे ने नागरिक सरकार बहाल करने से इंकार कर सत्ता हथिया कर 1990 तक सैन्य हुकूमत की। सैन्य सत्ता ने चिली की संसद को भंग कर संविधान को निलंबित कर दिया। विरोधी नागरिकों का उत्पीड़न किया जिसमें कम से कम 3,095 नागरिक गायब हो गए या मारे गए।

अलेंदे चिली की कांग्रेस के उन 76 सदस्यों में थे जिन्होंने यहूदियों के उत्पीड़न की निंदा में एडॉल्फ हिटलर को तार भेजा था। दस्तावेजों से पता चलता है सीआईए ने 1962 से 1964 तक चिली में हस्तक्षेप कर के 2.6 मिलियन डालर खर्च किए और अलेंदे विरोधी प्रचार में अलग से 3 मिलियन खर्च किए। अलेंदे के चिली कम्युनिस्ट पार्टी के साथ घनिष्ठ संबंध थे। चिली ने क्यूबा के साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर उसे अलग-थलग करने के अमेरिकी कदमों का विरोध किया। 

राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान अलेंदे, चिली कांग्रेस के साथ रहे जिस पर क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी का वर्चस्व था। अलेंदे पर चिली को क्यूबा की ओर ले जाने का आरोप लगा। क्यूबा के साथ उनके संपर्कों से अमेरिका नाराज हो गया था। डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के दूसरे कार्यकाल के दौरान सीआईए ने स्वीकार किया कि उसने चिली में सैन्य तख्तापलट में सियासी भूमिका निभाई थी।

जोस अंटोनियों

पेशे से वकील ही जोस अंटोनियों ने राष्ट्रपति चुनाव प्रचार में बोरिक को रेडिकल कम्युनिस्ट कह कर दावा किया था वह चिली की 190 लाख आबादी  की अर्थव्यवस्था तबाह कर उसे वेनेजुएला की तरह कंगाल बना देंगे। लेकिन चुनाव में बोरिक का बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और कम्युनिस्ट पार्टी ने भी समर्थन किया।

चिली पर भारी कर्ज है। चिली के सेंट्रल बैंक के पिछले बरस के सर्वे के मुताबिक तीन चौथाई आबादी भारी कर्ज के बोझ से दबी है। सार्वजनिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। पेंशनयाफ़्ता अधिकतर लोगों को ढलती उम्र में भी काम करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र के लैटिन अमेरिका आर्थिक आयोग के मुताबिक चिली के सकल घरेलू उत्पाद का एक चौथाई हिस्सा आबादी के एक प्रतिशत अमीर लोगों के पास है।

सन 1980 का पिछला संविधान पिनोशे द्वारा नियुक्त आयोग ने गुपचुप रूप से तैयार किया था जिसमें अब कई बदलाव लाए जा चुके हैं। निवर्तमान राष्ट्रपति सेबास्तियन पिनेरा ने नया संविधान रचने में अपनी ही पार्टी के सदस्यों के होने के बावजूद इसका समर्थन किया था। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव परिणाम का स्वागत कर कहा कि आज चिली ने शांति और लोकतंत्र को चुना है। नए संविधान का मसौदा एक निर्वाचित निकाय द्वारा तैयार किया जा रहा है जिसे स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए सितंबर 2022 में वोटिंग होनी है। संविधान सभा के प्रतिनिधियों का चुनाव अगले बरस अप्रैल में किया जाएगा। इसके आधा प्रतिनिधि कांग्रेस (संसद) सदस्य होंगे।

बोरिक ने सबको समान और मुफ्त शिक्षा सुलभ कराने के लिए छात्र आंदोलन किया। उनका जन्म और पालन-पोषण मैगलन में हुआ था। वे हाई स्कूल में ही छात्र आंदोलन में शामिल हो गए। उन्हें 2011 में चिली विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई के दौरान छात्रसंघ अध्यक्ष चुना गया।

पेशे से वकील बोरिक पर चिली के प्रस्तावित नए संविधान के मसौदा को अंतिम रूप देने की जिम्मेवारी भी है। उनकी जीत नया इतिहास है जो दशकों पहले चिली में अमेरिका की शह पर तानाशाह जनरल ऑगस्तो पिनोशे द्वारा थोपे ‘फ्री मार्केट‘ का प्रबल क्रांतिकारी प्रतिरोध मॉडल का आगाज माना जा सकता है।

(चंद्रप्रकाश झा स्वतंत्र पत्रकार और लेखक हैं।)

चंद्र प्रकाश झा
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