शाहीन बाग की महिलाओं को ‘पांच सौ रुपये वाली’ बताने वाले बीजेपी आईटी सेल के वीडियो का सच आया सामने

नाजी हिटलर ने जर्मनी में एक प्रोपगंडा सेल बना रखा था। इस सेल का काम झूठ फैलाना था। नरेंद्र मोदी की भाजपा ने भी ऐसा ही सेल बना रखा है, जिसे नाम दिया गया है आईटी सेल। पिछले कई साल से इसका काम झूठ और सिर्फ झूठ फैलाना है। इसका एक झूठ फिर बेनकाब हो गया है। आईटी सेल ने शाहीन बाग की महिलाओं को ‘पांच सौ वाली’ बताया था, लेकिन अब उनका यह झूठ उलटा पड़ गया है।

तमाम हरबे-हथियार इस्तेमाल करने के बाद भी केंद्र की भाजपा सरकार सीएए और एनआरसी के खिलाफ जन आंदोलन को खत्म नहीं कर पा रही है। खास तौर से दिल्ली के शाहीन बाग की महिलाओं का आंदोलन पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन गया है। शाहीन बाग में महिलाएं एक महीने से धरना प्रदर्शन कर रही हैं। अब तो इस धरने से प्रेरित होकर देश के तमाम हिस्सों में भी महिलाएं धरने पर बैठने लगी हैं।

ऐसी सूरत में भाजपा की केंद्र सरकार के लिए यह धरना परेशानी का सबब बन गया है। अभी तक जन भावनाओं को नकारती आ रही मोदी सरकार किसी भी सूरत में देश की जनता से संवाद करने की जगह झूठ-फरेब और पुलिस दमन का सहारा ले रही है। शाहीन बाग के धरना प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए इस बार मोदी सरकार पुलिस दमन का सहारा लेने से हिचक रही है। पहला तो यह कि पूरा आंदोलन बहुत ही शांतिपूर्ण चल रहा है। दूसरे देश ही नहीं पूरी दुनिया से इसे समर्थन मिल रहा है।  

अब इससे निपटने के लिए भाजपा के आईटी सेल ने प्रोपगंडा फैलाना शुरू कर दिया है। बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने एक फर्जी वीडियो पोस्ट करते हुए यह बताने की कोशिश की कि यहां की महिलाएं पांच सौ रुपये रोज के हिसाब से प्रदर्शन में शामिल हो रही हैं।

इस वीडियो में कुछ लड़के बात कर रहे हैं कि जो भी महिलाएं धरने पर बैठी हैं उन्हें खाने-पीने के अलावा 500 रुपये रोज के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि जो महिला जितने अधिक घंटे बैठती है, उसे उतना अधिक पैसा मिलता है। वीडियो में एक शख्स कहता है कि लोग शिफ्ट में आते हैं। धरना स्थल पर लोग कम नहीं होने चाहिए। उसी हिसाब से पेमेंट भी किया जाता है। महिलाएं पैसे कमा रही हैं। महिला एक-एक साल के बच्चे को लेकर बैठती हैं।

यही नहीं अमित मालवीय ने देश के बाकी भाजपा के आईटी सेल को एक्टिव कराया और ट्विटर पर इसे #बिकाऊ_औरते_शाहीनबागकी ट्रेंड कराने लगे। भाजपा के आईटी सेल का यह पुराना हरबा है। इससे पहले भी यह ‘देशभक्त गोडसे’ ट्रेंड करा चुके हैं। अहम बात है कि सवा अरब की आबादी वाले देश में दस-बीस हजार लोगों के ट्विटर पर राय जाहिर कर देने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

अमित मालवीय का ट्विट आने के बाद हर तरफ इसकी आलोचना शुरू हो गई। उसकी वजह यह है कि शाहीन बाग में पिछले एक महीने से जबरदस्त सर्दी में आंदोलन पर बैठी महिलाओं का अपमान किया गया है। यह महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ यहां पूरी रात धरने पर बैठ रही हैं। अमित मालवीय की इस हरकत को उन महिलाओं का अपमान बताया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी की सोच महिलाओं के बारे में ऐसी ही है जो अब खुलकर सामने आ गई है।

24 घंटे भी नहीं बीते थे कि अमित मालवीय का दांव उलटा पड़ गया। भाजपा के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय के पोस्ट किए वीडियो में दिख रहा कथित युवक अंकुर पंडित का ट्विटर वायरल हो गया। इसमें अंकुर पंडित नाम के ट्विटर हैंडलर ने कहा है कि उन्हें यह कहने के लिए अमित मालवीय ने पांच हजार रुपये ऑफर किए थे, लेकिन बाद में पूरे पैसे नहीं दिए। उसने अमित मालवीय से बकाया के 4800 रुपये देने की भी ट्विटर पर अपील की है।  

यह ट्विटर सामने आने के बाद कई लोगों ने इसे रिट्विट भी किया है। यह साफ नहीं हो सका है कि वीडियो में फर्जी तौर पर पांच सौ रुपये देने की बात कहने वाला युवक और ट्विट करने वाला एक ही व्यक्ति है, लेकिन अमित मालवीय को उन्हीं के पैटर्न पर जवाब तो मिल ही गया है।

कुमार रहमान
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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