खड़गे ने बोला बीजेपी-आरएसएस पर हमला, पूछा-क्यों नहीं अब तक कोई महिला बनी पार्टी या संघ की अध्यक्ष?

नई दिल्ली। महिला विधेयक पर मोदी सरकार की खिंचाई करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरएसएस भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जिन महिलाओं के सशक्तिकरण की बात कर रहे हैं उनके प्रति उनके पितृसंगठन की क्या सोच है? अभी तक महिलाओं के प्रति इन संगठनों का क्या रवैया रहा?

उन्होंने सवालिया अंदाज में पूछा कि “100 साल में आरएसएस हो, बीजेपी हो कोई महिला उनकी पार्टी की अध्‍यक्ष बनी है क्‍या? आरएसएस की महिला कोई ऊंचे पद पर गई क्‍या? तो आपके पास अपनी संस्‍था में नहीं दे सकते हो, तो यहां बोल रहे हो कि हम लाए। अरे हम लाए तो आप उसको इसलिए आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हो, क्‍योंकि चुनाव नजदीक आ रहा है और वो भी 10 साल के बाद आपके वायदे हैं, हमारा वायदा यही है कि 2024 में हमारी सरकार आएगी तो हम पहला काम करेंगे और अमेंडमेंट करके दिखाएंगे”।

उन्होंने कहा कि गांधीजी ने कहा था कि ‘मैं ऐसे भारत के निर्माण के लिए कोशिश करूंगा, जिसमें गरीब से गरीब आदमी भी महसूस करेंगे कि यह देश उनका है, इसमें उनकी आवाज का महत्व होगा। जहां ऊंच-नीच का भेद नहीं होगा तथा स्त्रियों को भी वही अधिकार मिलेंगे जो पुरुषों को प्राप्त होंगे।’ ये महात्‍मा गांधी जी ने बोला। क्‍या कभी गोलवलकर गुरुजी ने ये बोला है? क्‍या बीजेपी के लोग इससे पहले बोले हैं? जनसंघ के लोग बोले हैं? ये बात की समानता को माना है, पिछले कितने भी उनके भाषण निकालकर देखो, उसमें महिलाओं के लिए कुछ नहीं है। 

यहां पर कांग्रेस का जो अधिवेशन हुआ, शायद पहली अध्‍यक्ष यहां से जो चुनी गई सरोजनी नायडू को 1925 में ही अपना अध्यक्ष बना दिया था।

खड़गे ने कहा कि हम सिर्फ बीजेपी से ही नहीं लड़ रहे हैं, हमारी लड़ाई हमारे पास अगर कांग्रेस का एक कैंडिडेट है, बीजेपी का एक कैंडिडेट होगा, लेकिन यहां पर ऐसा नहीं है। मोदी जी क्‍या करते हैं हमारे खिलाफ 2-3 कैंडिडेट खड़े करते हैं। एक तो बीजेपी का कैंडिडेट, दूसरा ईडी का कैंडिडेट, तीसरा सीबीआई का कैंडिडेट, चौथा इनकम टैक्‍स का कैंडिडेट, इतने कैंडिडेट हमारे खिलाफ खड़े करते हैं। इन सबको मात करके हमको जीतना है, क्‍योंकि जब चाहे तब वो सीबीआई लगा देंगे, ईडी लगा देंगे, हमारे जब सम्‍मेलन होते हैं, हमारे जब कार्यक्रम होते हैं तो दूसरे दिन ही छापा पड़ता है या उसी दिन छापे डालते हैं। अगर कल हमारी एक संगठन के तौर पर मीटिंग है, तो तब उसके एक दिन पहले ही हमारे ऊपर छापे पड़ते हैं। ये क्‍या डेमोक्रसी है और ऊपर से बोलते हैं हम डेमोक्रटिक हैं, हम बहुत काम जो लोकतंत्र के अनुसार करते हैं। कहां है भाई लोकतंत्र के अनुसार आपका काम? हर जगह आप लोगों के ऊपर डरा-धमकाकर आप काम कर रहे हैं 

उन्होंने महिला बिल पर बीजेपी के पुराने रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि महिला बिल जब हम लाए थे, जब सोनिया गांधी जी, मनमोहन सिंह, महिला बिल लाए तो बीजेपी ने इसका विरोध किया। इससे पहले राजीव गांधी लाए थे, उसका भी विरोध बीजेपी ने किया था। दरअसल इनकी न नीयत साफ है, न इनकी नीति ठीक है, सिर्फ भाषण करना है।

खड़गे ने कहा कि इस बिल का हमने इस लिए समर्थन किया क्योंकि ऐसा करने पर ये कहते कि आप ने महिला बिल का विरोध किया। लेकिन इसके आगे अब क्या होगा? वो कब इम्‍प्‍लीमेंट होगा -2030 में, 2029 की जनगणना भी देखेंगे, उसके बाद डिलिमिटेशन देखेंगे, उसके बाद ये बिल इम्‍प्‍लीमेंट होगा, 10 साल की बात वो कर रहे हैं। 

10 साल में न मोदी रहेंगे, न बाकी के लोग रहेंगे। आज इसीलिए राहुल गांधी जी बोले, सोनिया जी बोलीं, मैंने बोला कि पार्लियामेंट में उसको अभी लागू करो, क्‍योंकि उसमें कोई बहुत बड़ा कानूनी पेंच नहीं है, तो सीधा-सीधा जितने लोग हैं पार्लियामेंट में और राज्य सभा में से निकालो और उसे 2024 में लागू कर दो। लेकिन उन्‍होंने नहीं किया, वो टालते गए, दिखाना-दिखाना, जो हाथी के दांत होते हैं न दिखाने के एक और खाने के एक। वैसा मोदी जी का हो गया है कि मैंने लाया और क्‍या जश्‍न मना रहे हैं उसका, औरतें आ रही हैं, कोई फूल डाल रहा है, कोई पैर पड़ रहा ये भी पैर पड़ रहें किसी के, यानी जो चीज हम 30 साल पहले 1989 में किए थे और उन्‍हीं की वजह से ये रुक गया था और वही लोग आज हीरो बनकर फिर रहे हैं। लेकिन शायद उन्हें नहीं पता कि लोग होशियार हैं, बुद्धिमान हैं, ये कभी उनके झांसे में नहीं आएंगे और जो कुछ किया है ये हमने किया है, आपको वोटिंग का अधिकार भी कांग्रेस ने दिया है। 

उन्होंने नई पार्लियामेंट में राष्ट्रपति को न बुलाए जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि आप सिनेमा वालों को बुलाते हो, आप अपने लोगों को बुला-बुलाकर दिखाते हैं, तो वो उद्घाटन के लिए आपने मुर्मू को क्‍यों नहीं बुलाया? वो तो राष्‍ट्रपति हैं और राष्‍ट्रपति का अपमान करते हैं और ऊपर से बोलते हैं, हमने ये सब बनाया, देखिए उनको अध्‍यक्ष बनाया, इनको ये बनाया, क्‍या बनाया – नाम के वास्‍ते बनाते हैं और दूसरी चीज जब उसका फाउंडेशन हुआ, उसके फाउंडेशन के वक्‍त भी हमारे जो कोविंद हैं, राष्‍ट्रपति थे उनको फाउंडेशन के वक्‍त भी नहीं बुलाया गया, क्‍योंकि वो अछूत हैं, अगर अछूत के हाथ से फाउंडेशन करेंगे तो नेचुरली फिर वो गंगा जल से लाकर धोना पड़ता। 

तो इसीलिए क्‍या शेड्यूल कास्‍ट, शेड्यूल ट्राइब्‍स को आपने अहमियत दी, इम्‍पोर्टेंन्‍स दी। मुझे बोलिए, मैं ये सवाल शेड्यूल कास्‍ट के लोगों से पूछता हूं, शेड्यूल ट्राइब्‍स के लोगों से पूछता हूं, बैकवर्ड क्‍लास के लोगों से पूछता हूं ये मर्यादा है। आप राष्‍ट्रपति को वह सम्मान नहीं दते हैं जिसकी दरकार है।

उन्‍होंने नाम लिया कित्तूर रानी चेन्नम्मा का लिया ठीक है, झांसी की रानी का लिया ठीक है, ये तो इतिहास के पन्‍नों में ये सब हैं, लेकिन आधुनिक शताब्‍दी में और आजादी के वक्‍त जो महिलाएं लड़ी थीं, वो सब कांग्रेस से हैं और कांग्रेस की महिलाएं सब कुछ अपना जीवन छोड़कर आजादी के लिए लड़ी हैं। 

यहां पर मैं समझता हूं 10 को आईं थीं अपनी प्रियंका गांधी जी, हर जगह वो जाते हैं, जहां-जहां बुलाते हैं, आज राहुल जी भी विद्यार्थियों के पास गए थे और रेलवे कुलियों के पास भी जाकर उनकी मुश्किलों को उन्‍होंने पूछा। क्‍या ऐसा कोई नेता करता है? अरे मेरे कपड़े खराब होते बोलकर कोई नजदीक नहीं जाता है। तो वहां कुलियों के पास, रेलवे में बैठकर राहुल गांधी जी ने बताया कि उनका क्‍या कष्‍ट है, उसको ठीक करने के लिए और हमारे को महिलाओं को सबसे बड़ी इज्‍जत देने वाली पार्टी अगर कोई है तो वो कांग्रेस है। 

उन्होंने कहा कि BJP अपनी जानी मानी महिला नेताओं को कैसी इज्जत देती है, राजस्थान और पड़ोसी मध्य प्रदेश में महिलाओं का कैसा सम्‍मान करते हैं, वो आप लोगों ने देखा है, तो मैं उनकी बात नहीं करता।

सारा देश देख रहा है कि मणिपुर में क्या-कुछ घट रहा हैं। उसके बारे में हमारे प्रधानमंत्री सोचते नहीं हैं, सोचने का समय नहीं है और उनको अगर हम कुछ कहें तो सब छोड़कर, आपके जमाने में नहीं हुआ, इनके जमाने में, तो इसीलिए राहुल गांधी बोले कि ठीक है कि अगर कुछ नहीं हुआ, हम उसको मानते हैं, लेकिन आप क्‍यों नहीं कर रहे हैं? दूसरों को कहने वाले आप क्‍यों नहीं कर रहे हैं, जब हमें करना था हमने किया, लेकिन आज ये जो मोदी सरकार और बीजेपी कर रही है शायद समझूंगा ये वो कर नहीं सकते, लेकिन हमारी सरकार हर जगह अपना काम करती है। 

उन्होंने कहा कि “एक पूंजीवादी समाज की शक्तियों को अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाये तो वे अमीर को और अमीर तथा गरीब को और गरीब बना देती है”। ये है पंडित जवाहर लाल नेहरू की सोच, ये है कांग्रेस की सोच, ये है राहुल गांधी की सोच ये है, ये है सोनिया गांधी की सोच, ये सोच सब कांग्रेस के लोगों की है। 

मैं फिर एक बार कहूंगा कि “एक पूंजीवादी समाज की शक्तियों को अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाये तो वे अमीर को और अमीर तथा गरीब को और गरीब बना देती है”। तो मैं इसलिए कह रहा हूं कि आज अमीर और गरीब में बहुत बड़ी खाई है। इस देश के सिर्फ 5% लोगों के पास 62% दौलत है। वहीं नीचे के 50% लोगों के पास केवल 3% दौलत हैं। आप सोचिए गरीब और गरीब होता जा रहा है, अमीर और अमीर होता जा रहा है। एक आदमी जिसके पास 10-20 हजार करोड़ रुपए थे, आज लाखों करोड़ रुपए का मालिक हो गया और दुनिया का नंबर 2 अमीर बन गया है। ये कैसे बना – जैसे कि राहुल जी ने बोला चंद पूंजीपति लोगों को मोदी सरकार ने पाला है, उनको सब कुछ दिया है और सब कुछ सरकार का लेकर पब्लिक सेक्‍टर दमड़ी के दाम पर वो चले गए, दमड़ी के दाम पर बेचे गए, मैं समझता हूं राजस्‍थान का एअरपोर्ट भी अडानी के पास ही होगा, है कि नहीं। तो हर चीज अमीरों को बेची जा रही है तो फिर कहां गरीब बचेंगे। 

खड़गे ने कहा कि सिलेंडर पहले तो 500 रुपए में मिलता था, उसको 1,100 रुपए कर दिए, लेकिन ये राजस्‍थान वालों की किस्‍मत अच्‍छी है कि गहलोत ने उसको 500 रुपए में दिया और जो बेरोजगारी है उसके बारे में मोदी कभी नहीं सोचते, इंफ्लेशन है मोदी कभी नहीं उसके बारे में सोचते, महंगाई के बारे में नहीं सोचते। टमाटर, प्‍याज, दाल, तेल सब महंगे हो रहे हैं, उसकी तरफ उनका ध्‍यान नहीं, उनकी हर तरफ जय-जयकार होनी चाहिए। 

पब्लिक सेक्‍टर में आपको बहुत बड़ी जिम्‍मेदारी है, गरीबों को, लोअर मिडिल क्‍लास को और शेड्यूल ट्राइब्‍स को क्‍यों – क्‍योंकि अगर आप इसको देखेंगे नहीं तो आपको बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है, क्‍योंकि पब्लिक सेक्‍टर तो बेचकर खा रही है सरकार, आपको नौकरियां कहां से मिलेंगी, रिजर्वेशन कहां से मिलेगा, सरकारी नौकरियां भी कम हो रही हैं। जैसा कि राहुल गांधी जी बोले कि 90 सेक्रेटरी में से ओबीसी के सिर्फ 3 सेक्रेटरी, कितने हैं – सिर्फ 3। 90 में से 3 ओबीसी हैं तो एससी, एसटी का तो कुछ भी नहीं, वो तो साफ, उनको कोई पूछने वाला ही नहीं है। अगर ऐसा ही हुआ तो पुराने दिन आएंगे, मनु के दिन आएंगे और मनु के दिन अगर आ गए तो परमानेंटली आप गुलाम बन जाएंगे। 

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