ट्विटर ने केंद्र सरकार से कहा- वो अभिव्यक्ति की आज़ादी के साथ खड़ा है!

ट्विटर ने सरकार से कहा है कि किसी भी मीडिया संस्थान, पत्रकार, एक्टिविस्ट और नेता के अकाउंट के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। भारतीय कानून के तहत अभिव्यक्ति की आजादी के अंतर्गत उन्हें अपनी बात कहने का अधिकार है। केंद्र की मोदी सरकार ने ट्विटर को किसानों के प्रदर्शन और कृषि कानूनों को लेकर गलत सूचना और भड़काऊ कंटेंट फैलाने वाले 1178 ‘पाकिस्तानी-खालिस्तानी’ अकाउंट को हटाने का निर्देश दिया था। केंद्र ने 4 फरवरी 2021 को पाकिस्तान और खालिस्तानी लिंक वाले 1178 अकाउंट की लिस्ट ट्विटर को दी थी और उन्हें ब्लॉक करने का आदेश दिया था।

ट्विटर ने अपने बयान में कहा, ’26 जनवरी 2021 के बाद हमारी वैश्विक टीम ने 24/7 कवरेज प्रदान की है, और हमने कंटेंट, ट्रेंड्स, ट्वीट्स और अकाउंटों पर निष्पक्ष रूप से कार्रवाई की, जो कि ट्विटर के नियमों के उल्लंघन कर रहे थे। हमारी वैश्विक नीति की रूपरेखा हर ट्वीट को नियंत्रित करती है।’
1. ट्विटर नियमों का उल्लंघन करने वाले सैकड़ों खातों पर कार्रवाई की है, जो विशेष रूप से हिंसा, दुर्व्यवहार और नुकसान पहुंचाने के अलावा धमकियों को बढ़ावा दे सकते हैं।
2. हमने कुछ टर्म्स (शब्द) को रोका है, जो हमारे नियमों का उल्लंघन कर ट्रेंड सेक्शन में आ रहे थे।
3. गलत सूचना और भड़काऊ कंटेंट फैलाने वाले 500 से अधिक अकाउंट्स को निलंबित किया है।
4. गलत जानकारी फैलाने और नुकसान पहुंचाने वाले ट्वीट्स को भी हमने हटाया है, जो हमारी सिंथेटिक और मीडिया पॉलिसी का उल्लंघन कर रहे थे।

ट्विटर ने अपने बयान में भारत के संविधान का उल्लेख करते हुए कहा है कि वो भारत के संविधान में जनता को दिए गए अभिव्यक्ति की आज़ादी के पक्ष में खड़ा है न कि अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पाबंदी लगाने वाली सरकार के साथ। ट्विटर के इस ट्वीट पर कि वो अभिव्यक्ति की आज़ादी के साथ खड़ा है, भारत के संविधान के साथ खड़ा है, दो रुपये प्रति ट्वीट वाली ट्रोल आर्मी पिल पड़ी हैं। वह ट्वीटर पर #BanTwitter ट्रेंड करवाने में लगे हैं।

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