वाराणसी में कहर बरपा रहा डेंगू, बेपटरी स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच सांसत में मरीजों की जान!

वाराणसी (उत्तर प्रदेश )। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शहरी और ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी होती दिख रही है। सिर्फ, वाराणसी जिला अस्पताल, मंडलीय अस्पताल और राजकीय महिला हॉस्पिटल को मिलकर रोजाना तकरीबन चार हजार पेशेंट इलाज को पहुंच रहे हैं, तो प्राइवेट अस्पतलों में भी मरीजों का बोझ बढ़ गया है। बाढ़ के उतरने और मौसम के करवट लेने भर से बच्चे, युवा, पुरुष, महिलाएं और बुजुर्ग तरह-तरह की गंभीर बीमारी के चपेट में आ रहे हैं।

इन दिनों तो जैसे डेंगू ने जिले में कहर बरपाया हुआ है। तिस पर स्वास्थ्य महकमा अपने लापरवाही वाले ढर्रे से बाहर निकलने को तैयार नहीं। नतीजन, जनता सब को कारगर इलाज और दवा के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। मसलन, बड़ा सवाल यह है कि डबल इंजन की सरकार और खुद पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में जब जनता बेड, दवा, प्लेटलेट्स व अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं लिए तरस रही है। ऐसे में सरकार सब कुछ ठीक-ठाक होने का ढोंग क्यों कर रही है ? वो भी बनारस मॉडल में।

मंडलीय अस्पताल के डेंगू वार्ड के बाहर बैठे तीमारदार।

वाराणसी जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा जारी आंकड़े में अब तक 229 लोग डेंगू से पीड़ित हैं और एक बच्चे समेत दो की मौत भी हो चुकी है। यूपी और केंद्र में डबल इंजन सरकार के दावों की हकीकत यह है कि कई दशकों पुराने बनारस की स्वास्थ्य के ढांचे में सुधार नहीं किये जाने से मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ओपीडी में डॉक्टरों की कमी, पुरानी मशीनों के भरोसे जांच लैब, स्थूल और गैरजिम्मेदार अधिकारी मिलकर सरकार की मंशा की पलीता लगा रहे हैं। अस्पतालों के डेंगू और सामान्य मरीज भर्ती वार्ड फुल हो गए हैं। वहीं, तीमारदार प्लेटलेट्स आदि के लिए शहर भर के ब्लड बैंक की ख़ाक छान रहे हैं।

अस्पतालों में छटपटा रहे मरीज

मारकंडे महादेव इलाके की शिल्पी का प्लेटलेट्स डाउन है। वे तीन दिन से यहां भर्ती है। उनके पति मिस्टर गुप्ता बताते हैं कि “मेरी वाइफ की तबियत बहुत खराब थी। यहां लेकर आया, तो बहुत भागदौड़ करने के बाद चार घंटे बाद बेड मिला। भर्ती के बाद डॉक्टर आते हैं तो पर्ची देखते हैं। रविवार को डॉक्टर आए और देखकर बगैर कुछ बताए चले गए। दोपहर के बारह बजने वाले हैं क्या दवा लाना है, क्या खाना है कोई जानकारी देने वाला नहीं है।”

जिला अस्पताल में भर्ती शिल्पी।

बड़ागांव के अनिल प्राइवेट अस्पताल का चक्कर काट कर आए हैं और जिला अस्पताल के पुरुष वार्ड में भर्ती हैं। दर्द और थकान से कराह रहे आनंद बताते हैं कि “उनको डेंगू है। प्लेटलेट्स तेजी से गिरता जा रहा है। इमरजेंसी में एक बार डॉक्टर देखने आए थे। अभी सुबह में डॉक्टर आए और देखने के बाद बिना कुछ बताए ही चले गए। शनिवार की रात में नर्स आई थी। आज रविवार को दोपहर के बारह बजने वाले हैं। अभी तक नर्स नहीं आ सकी है। इस वजह से दवा आदि नहीं चढ़ पा रहा है। मेरा दम घुट रहा है और घबराहट हो रही है।”

कागजों में उड़ाया जा रहा धुआं

बनारस में डेंगू के बढ़ते केसेज से आम पब्लिक डरी हुई है और एहतियात बरतने में जुटी हुई है। रात में बिजली के गुल होने से मच्छर पब्लिक की नींद हराम कर रहे हैं। शहर की चार दर्जन से अधिक कॉलोनियों में अब तक फांगिग मशीन द्वारा मच्छरों को भगाने के फागिंग नहीं किया जा सका है। लहरतारा, तेलियाबाग, जगतगंज, चौकाघाट, ढ़ेलवरिया, संजय नगर, नई बस्ती, पांडेयपुर, हरिनगर, अशोक नगर, एकता नगर, लंका, शिवपुर, गिलट बाजार, अर्दली बाजार, सिर गोर्वधन, छित्तूपुर, सरैया, और वरुणा पार के कई इलाकों में फॉगिंग की मशीन नहीं पहुंच सकी है। जबकि, इन इलाकों में से अधिकतर इलाके बाढ़ प्रभावित रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है नगर निगम के कर्मचारी सिर्फ कागजों में फागिंग करने में जुटे हुए हैं।

वाराणसी जिले में डेंगू के आंकड़े।

पुलिस महकमा में डेंगू मार रहा डंक

नागरिकों के साथ डेंगू मच्छर पुलिसकर्मियों के लिए आफत बने हुए हैं। अब तक कैंट थाना में तैनात तीन दरोगा सहित कुल 40 से अधिक पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। सभी के प्लेटलेट्स 30-40 हजार के करीब आ गए हैं। यहां दरोगा हिमांशु त्रिपाठी, विजय चौधरी, राकेश कुमार, सिपाही प्रमोद कुमार, देवेंद्र गुप्ता, राकेश कनौजिया, अनुज कुशवाहा, विकास चौरसिया, अभिषेक श्रीवास्तव, विपिन कुमार, अखिलेश यादव आदि डेंगू से पीड़ित हैं। जिनका उपचार शहर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

मंडलीय अस्पताल में भर्ती डेंगू पीड़ित किशोर।

आंकड़ों पर एक नजर

जिला अस्पताल में पहुंचे सभी तरह के पेशेंट- 1750

जिला अस्पताल में जांच – 15700

इमरजेंसी में भर्ती पेशेंट- 36

जनरल वार्ड में भर्ती पेशेंट- 200

मंडलीय अस्पताल में पहुंचे पेशेंट-1500

पेशेंटों के ब्लड जांच – 9000

इमरजेंसी में भर्ती पेशेंट- 29

जनरल वार्ड में भर्ती पेशेंट- 200

स्थानीय कृष्ण कुमार और जीतेंद्र कुशवाहा बताते हैं कि “बारिश के बाद से ही छित्तूपुर, हरिनगर, एकता नगर आदि में मच्छरों की तादाद बढ़ गई। इन इलाकों में अभी तक फॉगिंग नहीं किया गया है। मच्छरों ने मिडिल वर्ग के साथ गरीबों का जीवन मुश्किल में डाल दिया है। नगर निगम और प्रशासन जल्द से जल्द फागिंग की व्यवस्था कराए।”

जिला अस्पताल में उमड़े संक्रामक बीमारियों के मरीज।

वाराणसी जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ‘जनचौक’ को बताते हैं कि “प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर नजर रखी जा रही है। नगर निगम और डीपीआरओ फागिंग का काम देख रहे हैं। स्वास्थ्य महकमा द्वारा संचारी रोगों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया गया है। मामला पूरी तरह कंट्रोल में है।” जबकि जमीन पर संक्रामक बीमारी के फ़ैलने की दर से जनता में भय व्याप्त है।  

जिला मलेरिया अधिकारी एससी पांडेय के अनुसार शहर क्षेत्र में अब तक सबसे अधिक पांडेयपुर, पहड़िया, चितईपुर, सुंदरपुर, कंचनपुर, बीएलडब्ल्यू, शिवपुर, टकटकपुर,लंका आदि जगहों से मरीज मिले हैं। दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में लोहता, हरहुआ, रमरेपुर, सोयेपुर, तेवर आदि गांवों में रहने वाले मरीजों में भी डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।

कबीर चौरा के ब्लड टेस्ट सेंटर में उमड़े पेशेंट।

इन सभी जगहों पर लोगों को जागरूक करने के साथ ही नगर निगम, ग्राम पंचायत के स्तर पर विशेष स्वच्छता अभियान कराकर एंटी लार्वा का छिड़काव भी कराया जाएगा।

मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में प्लेटलेट्स जांच के लिए रैंडम डोनर प्लेटलेट्स जांच की खराब मशीन अब तक नहीं बन पाई है। ऐसे में अभी जांच के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ सकता है। मशीन के खराब होने की वजह से दीनदयाल अस्पताल के साथ ही लोग निजी जांच केंद्रों में भी जांच कराने को मजबूर हैं।

(वाराणसी से पीके मौर्य की रिपोर्ट।)

पीके मौर्या
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