वाराणसी: जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान ढोल-नगाड़े और गाजे-बाजे के साथ पीएम मोदी का करेंगे विरोध

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वाराणसी। पीएम मोदी चुनाव जीतने के बाद जब पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जा रहे हैं तो किसान उनका विरोध प्रदर्शन के साथ स्वागत करेंगे। और यह विरोध पूरे ढोल नगाड़े के साथ होगा। इसकी तैयारी के सिलसिले में किसानों ने बाकायदा बैठक की और सबको अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गयीं। इस पूरे आयोजन में मुसलमानों के बकरीद का खास ख्याल रखा गया और उसके मुताबिक किसानों के कार्यक्रम तय किए गए। गौरतलब है कि पीएम मोदी कल वाराणसी के दौरे पर हैं।

संयुक्त किसान-मजदूर मोर्चा के तत्वावधान में 16 जून, 2024 को सुबह 08 बजे बैरवन में ट्रांसपोर्ट नगर, रिन्ग रोड फेज 2, स्पोर्ट्स सिटी, जीटी रोड आवासीय, काशी द्वार, वैदिक सिटी, वर्ल्ड सिटी एक्सपो, वरुणा विहार, विद्या निकेतन एवं मेडिसिटी योजना से प्रभावित किसानों की बैठक हुई, जिसमें बकरीद जैसे संवेदनशील त्योहार को देखते हुये विविध योजनाओं के नेतृत्वकर्ताओं द्वारा 17 जून को होने वाले कचहरी मुख्यालय के प्रदर्शन को परिवर्तित कर अब उसे प्रभावित 11 क्षेत्रों के किसान 17 जून को शाम 5 बजे एक साथ मशाल जुलूस निकाल कर आयोजित करेंगे। इसके अलावा 18 जून को वाराणसी के उक्त 11 योजनाओं से प्रभावित किसान अपना-अपना खसरा, खतौनी एवं जोतबही लेकर असली किसान संवाद राजातालाब तहसील मुख्यालय पर अपने-अपने क्षेत्र से ढोल नगाड़ा के साथ जुलूस लेकर पहुंचेंगे। और इस तरह से भाजपा सरकार के किसान विरोधी चेहरे का सबूत के साथ पर्दाफाश करेंगे। 

बैठक की अध्यक्षता करते हुए किसान नेता विनय शंकर राय “मुन्ना” ने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी को वाराणसी के किसानों ने उनके किसान विरोधी कर्मों का जवाब उनके लोकसभा चुनाव में उनके खिलाफ मतदान करके दिया। लेकिन वे सबक लेने की जगह असली किसानों से संवाद न कर उनकी समस्या समाधान की जगह तुरंत इवेन्ट मैनेजमेन्ट शुरू कर किसानों के जले पर नमक लगाने का कार्य कर रहे हैं। जिसका जवाब वाराणसी का किसान 18 जून को सड़क पर उतरकर दिखायेगा और भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर उनके कुकृत्यों को दिखाते हुये सच्चाई बताने हेतु असली किसान संवाद का आयोजन राजातालाब तहसील मुख्यालय में करके संयुक्त किसान मजदूर मोर्चा के माध्यम से आईना दिखायेगा। ट्रांसपोर्ट नगर की महिला किसान छन्नी देवी, सुनीता देवी, अर्चना पटेल एवं निर्मला देवी ने कहा कि हमें राशन, निधि एवं कोई सब्सिडी नहीं चाहिये हम सबको अपनी पुस्तैनी जमीन पर मालिकाना हक के साथ वैधानिक हक चाहिये।

काशी द्वार के किसान पिण्ड्रा, रिन्ग रोड फेज 2 के किसानों ने हरसोस, स्पोर्ट्स सिटी के किसान गंजारी, जीटीरोड आवासीय योजना के किसान नकाई ग्राम , वैदिक सिटी के किसान हृदयपुर, गोबर गैस प्लांट के किसान शाहंशाहपुर , वरूणा विहार के किसान खेवसीपुर एवं वर्ल्ड सिटी एक्सपो के किसान हरहुआ में चौपाल लगाये और योजनाओं के भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के आधार पर रद्द करने या निस्तारण करने की मांग किये।

बैठक, चौपाल एवं हस्ताक्षर अभियान में प्रमुख रूप से छेदी पटेल, अमलेश पटेल, हृदय नारायण उपाध्याय, दिनेश तिवारी, मेवा पटेल, सतीश पटेल, राजेश सिंह, प्रेम शाह, फतेनरायन सिंह पटेल, संतोष कुमार पटेल, राजीव कुमार (राजूराम), मेवा लाल, रतन लाल सेठ,राजेन्द्र पाल, नरायणी सिंह, रामजी सिंह, राधेश्याम पाल, खटाई लाल शर्मा, उदय प्रताप, रमेश पटेल, अंशु उपाध्याय, बब्लू पटेल, जय प्रकाश, राहुल पटेल, कृष्णा प्रसाद पटेल, छन्नी देवी, सुनीता देवी, लालमनी देवी, अर्चना पटेल, निर्मला देवी, दुलारी,  चमेली देवी, मनभावती देवी सहित इत्यादि किसान शामिल थे।

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