Tag: दलित

  • झुग्गी गिराने को लेकर हुआ विवाद, कांग्रेस पार्षद पर आप नेता का हमला

    झुग्गी गिराने को लेकर हुआ विवाद, कांग्रेस पार्षद पर आप नेता का हमला

    कांग्रेस नेता और दिल्ली कैंट से नगर निगम पार्षद संदीप तंवर पर हमला करके लहूलुहान कर दिया गया है। उन्हें दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया है। वहां उनके सर में आठ टांके लगे हैं। इस मामले में कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ट्वीट किया है। संदीप तंवर का आरोप है कि उन पर…

  • हकीकत और फसाने के बीच ऑनलाइन की फसंत

    हकीकत और फसाने के बीच ऑनलाइन की फसंत

    इस लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई, ऑनलाइन काम, डिजिटल भुगतान, ट्विटर आंदोलन, वेबिनार जैसे शब्द तेजी से हमारी भाषा का हिस्सा हो गए। ट्रोल जैसे शब्द तो पहले से ही चल रहे हैं, लेकिन जब इन शब्दों का प्रयोग सरकार कर रही थी तब उसके अर्थ अलग किस्म के थे। जैसे ऑनलाइन काम। यह सिर्फ…

  • जन्मदिन विशेषः पेरियार ललई सिंह यादव थे बुद्ध, पेरियार और आंबेडकर की वैचारिकी के वाहक

    जन्मदिन विशेषः पेरियार ललई सिंह यादव थे बुद्ध, पेरियार और आंबेडकर की वैचारिकी के वाहक

    कांग्रेस (1885) द्वारा ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ संघर्ष शुरू करने से करीब एक दशक पहले जोतीराव फुले (11 अप्रैल, 1827-28 नवंबर, 1890) ने वर्ण-जाति व्यवस्था और पितृसत्ता के खिलाफ संघर्ष की शुरुआत कर दी थी। 1873 में प्रकाशित फुले की किताब ‘गुलामगिरी’ वर्ण-जाति व्यवस्था को पोषित करने वाले ब्राह्मणवाद से मुक्ति का पहला घोषणा-पत्र थी।…

  • नयी शिक्षा नीतिः दलित-गरीब बच्चों को कामगार बनाने की कवायद

    नयी शिक्षा नीतिः दलित-गरीब बच्चों को कामगार बनाने की कवायद

    राइट टू एजुकेशन फोरम, बिहार की कोर कमिटी ने नयी शिक्षा नीति को जिस तरह से लागू किया गया है, उसकी तीखी आलोचना की है। कोर कमेटी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि शिक्षा नीति जैसे विचार और बहस के महत्वपूर्ण विषय को संसद में बिना किसी बहस के इस अभूतपूर्व संकट और लॉकडाउन की अवधि…

  • देश के 32 लाख हथकरघा कामगारों के सामने भुखमरी के हालात

    देश के 32 लाख हथकरघा कामगारों के सामने भुखमरी के हालात

    वो मई का महीना था, जब दिल्ली के सीलमपुर से आशा नाम की एक महिला ने मेरे मोबाइल नंबर पर फोन कर कहा था, “राशन दिलवा दीजिए नहीं तो हम भूखे मर जाएंगे। मेरे बच्चे तीन दिन से भूखे हैं।”  आशा दिल्ली की एक धागा कंपनी में काम करती थी। फैक्ट्री लॉकडाउन के बाद बंद…

  • भारतीय समाज में जारी सतत हिंसा अब बन गयी है सभ्यता का हिस्सा

    भारतीय समाज में जारी सतत हिंसा अब बन गयी है सभ्यता का हिस्सा

    “मैं राइटर बनना चाहता था….और साइंटिस्ट भी… फिर सोचा कि शायद साइंस का राइटर बन जाऊंगा। कुछ भी न हुआ साला! क्योंकि पैदा जहां हुआ वहां पैदा होना ही एक भयानक एक्सीडेंट जैसा था।”ये ‘आर्टिकल 15’ के एक अहम किरदार दलित नेता निषाद (जीशान अयूब) के भीतर चल रहा संवाद है। जिसे अभी-अभी बंदूकों के…