Tag: Dalit
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गार्डों की मौजूदगी में लखनऊ विश्वविद्यालय के दलित प्रोफेसर रविकांत पर फिर हमला
नई दिल्ली/लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के दलित प्रोफेसर रविकांत चंदन पर फिर हमला हुआ है। आज दोपहर जब वह प्रॉक्टर आफिस के सामने से गुजर रहे थे तभी एक छात्र नेता ने गालियां देते हुए उनके ऊपर हमला बोल दिया। हमलावर का नाम कार्तिक पांडेय बताया जा रहा है। आज से एक सप्ताह पहले भी उनके…
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बस्तर का बहिष्कृत भारत-3: धर्मान्तरण बनाम घर वापसी
छत्तीसगढ़ के दक्षिण में स्थित बस्तर संभाग में आज “धर्मान्तरण बनाम घर वापसी” का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है। देश भर के हिंदू संगठनों का मानना है कि बड़ी संख्या में दलित, आदिवासी, गरीब और दूर-दराज इलाकों में रहने वाले लोग ईसाई धर्म को अपना रहें हैं। अगर इनकी बात को मानें तो ईसाई मिशनरियों…
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जिग्नेश को जमानत, असम पुलिस को मिली फटकार
बरपेटा/अहमदाबाद। शुक्रवार को चर्चित विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी को बरपेटा सेशन कोर्ट ने एक हज़ार रुपये के मुचलके पर ज़मानत दे दी है। बरपेटा सेशन कोर्ट के न्यायाधीश ने पुलिस को झूठी प्राथमिकी दर्ज करने और कोर्ट और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए फटकार भी लगाई। इसके साथ ही कोर्ट ने…
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भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के विरुध्द संघर्ष के सर्वश्रेष्ठ अगुआ हैं आंबेडकर
डॉ. भीमराव आंबेडकर एक बहुजन राजनीतिक नेता और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी होने के साथ-साथ, भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार भी थे। आंबेडकर का जन्म एक गरीब अस्पृश्य परिवार में हुआ था। आंबेडकर ने अपना सारा जीवन हिंदू धर्म की भेदमूलक वर्ण व्यवस्था, और भारतीय समाज में सर्वव्याप्त जाति व्यवस्था के विरुध्द संघर्ष में बिताया। यह…
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जयंती पर विशेष:अबूझ क्यों हैं आम्बेडकर बहुतेरों के लिए
आम्बेडकर कम्युनिस्टों के लिए ही नहीं बल्कि बहुतेरे दलितों के लिए भी अबूझ हैं।हाल कुछ उस कथा जैसी है जिसमें किसी हाथी को नेत्रहीन लोग उतना ही बूझ पाए जितना वे हाथी को स्पर्श कर सके। जिसने सूंड़ स्पर्श किया वो हाथी के दांत नहीं समझ सका। जिसने कान स्पर्श किया वो हाथी के पैर…
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ज्योतिबा के जन्मदिन पर विशेष: निरक्षरता है सारी विपत्तियों की जड़
सारी विपत्तियों का आविर्भाव निरक्षरता से हज्योतिबा फुले ने अपनी पुस्तक ‘गुलामगिरी’ (स्लेवरी) में स्पष्ट लिखा है कि वे अपने देश से अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंकना चाहते थे l ज्योतिबा के छात्र जीवन से ही अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध छिटपुट घटनाएं होने लगी थीं l ज्योतिबा के साथ एक घटना घटित हुई जिसने उनके…
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इतिहास की बेईमानी का शिकार हो गया अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ आदिवासी-दलित नायकों का चुहाड़ विद्रोह
अंग्रेजों के विरुद्ध चुहाड़ विद्रोह के नायक रघुनाथ महतो का जन्म पुराने समय के बंगाल के जंगल महल (छोटानागपुर) अंतर्गत मानभूम जिले के नीमडीह प्रखंड के एक छोटे से गांव घुंटियाडीह में हुआ था। उनकी पैदाइशी की तारीख 21 मार्च 1738 है। अपने गुरिल्ला युद्ध नीति से अंग्रेजों पर हमला करने वाले इस विद्रोह को…