थाईलैंड में उद्योगपति किशोर मारिवाला के सामने पेश आया अजीबोगरीब वाकया, कहा- घटना से मैं बेहद शर्मिंदा हूं

(बिस्कुट बनाने वाली कंपनी मैरिको के मालिक किशोर मारीवाला ने यह पोस्ट लिखा है। उद्योग जगत में उनकी छवि गंभीर उद्योगपति की रही है। उनके पोस्ट का हिंदी अनुवाद पढ़ें। पढ़ें और सोचें कि हम कहां आ गये हैं: संपादक)
मैं शर्मिंदा हूं।
मैं फुकेट,थाईलैंड आया हूं। छुट्टी मनाने के लिए। मैंने एक हफ्ते के लिए पहले से बुक कर रखा था। जब मैं पहुंचा तो उसके ऑफिस में जरूरी सूचना देनी थी जिसके बाद सैर का मजा ले सकूं। ऑफिस के स्टॉफ प्यार से सभी इंतजाम को पूरा कर रहे थे। इसी दौरान उनमें से एक ने मुझसे पूछा-क्या आप भारत से हैं? क्या आप हिंदू हैं? मैं सवालों पर हैरान हुआ और हां कहते हुए पूछा कि यह मुझसे क्यों पूछ रहे हैं। तब तक उसने अपने बॉस को जानकारी दी। चंद मिनटों में उसका बॉस घबराते हुए आया। वे आपस में कुछ देर तक थाई भाषा में बात करते रहे। फिर उनका बॉस मेरी तरफ मुखातिब हुआ। उसने सहमे अंदाज में कहा-नौका तो है लेकिन उनके पास उन्हें देने के लिए सिर्फ एक स्टॉफ है और वह मुस्लिम है। क्या वह उनके साथ जाना पसंद करेंगे? उसने कहा-आप बुरा नहीं मानेंगे।


मैं हतप्रभ था। मैं पूछा- आप यह क्यों कह रहे हैं? मैं क्यों बुरा मानूंगा?
उसने कहा-मैंने कहीं पढ़ा। हिंदुओं को मूसलमान पसंद नहीं है। वे उनके साथ रहना पसंद नहीं करते हैं।
मेरे सामने कोई शब्द नहीं थे। मैं खुद से शर्मिंदा था। मैंने उसे समझाया-हिंदू ऐसे कतई नहीं है। वे सभी को पसंद करते हैं।
क्या विदेशों में वहां आम लोगों के बीच हमारी छवि ऐसी बनी रही है ?
मैं वास्तव में बहुत शर्मिंदा हूं।

उधर उनके भतीजे और मारिवाला के चेयरमैन हर्ष मारिवाला ने जेएनयू में हुई हिंसा की निंदा की है। उन्होंने ट्विटर की एक पोस्ट में कहा कि अहिंसा की धरती से आने के चलते इस तरह की हिंसा को प्रोत्साहन मिलना और उनका गवाह बनना किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। कल की खबर को देखकर मन बेहद आहत हुआ है।

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