फाराह बॉर्डर खुला, गाजा पट्टी में हो गयी रसद भेजने की शुरुआत

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नई दिल्ली। गाजा और मिस्र के बीच बहुप्रतीक्षित राफाह बॉर्डर खुल गया है। और खाद्य पदार्थों और दूसरी जरूरी सामग्रियों से लदे ट्रक बॉर्डर से गाजा इलाके में घुसना शुरू कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि अभी 20 ट्रकों को इजाजत दी गयी है। लेकिन तमाम मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे ऊंट के मुंह में जीरा बताया है। इसके पहले अमेरिकी राजदूत ने येरूशलम में कहा था कि उन्हें राफाह बॉर्डर क्रासिंग के स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 10 बजे खोले जाने की सूचना प्राप्त हुई है।

इस बीच हमास की ओर से रिहा की गयी दो अमेरिकी नागरिकों से राष्ट्रपति बाइडेन ने बात की है। छोड़ी गयी दोनों नागरिक मां और बेटी हैं। नाटाली रानान 17 साल की हैं जबकि उनकी मां जूडिथ की उम्र 59 है। इन सभी को राफाह बार्डर से मिस्र में भेज दिया गया है। जहां उनकी मुलाकात इजराइल के सुरक्षा बलों से हुई। उनको वहां से इजराइल के मिलिट्री अड्डे पर ले जाया गया जहां उनकी अपने रिश्तेदारों से मुलाकात हुई। 

इस बीच नाटाली के पिता यूरी रानान की अपनी बेटी और पत्नी से बात हुई। उन्होंने बताया कि मैंने अपनी बेटी से आज बात की। वह अच्छा महसूस कर रही है। वह बेहतर दिख रही है और घर आने के इंतजार में है। उसकी मां के सिर में एक चोट का निशान देखा गया लेकिन उनका कहना है कि वह बिल्कुल ठीक हैं।

यूनाइटेड नेशंस की फिलिस्तीन में शरणार्थियों के लिए काम करने वाली एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए ने एक बयान में कहा है कि अभी तक उसके 17 स्वयंसेवकों की मौत हो चुकी है।

वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने बताया कि इस झगड़े का नागरिकों पर भयंकर प्रभाव पड़ रहा है। चंद दिनों में ही खाद्य पदार्थ का संकट खड़ा हो जाएगा। साथ ही पानी, दवाएं और दूसरी जरूरी सामग्रियों की सप्लाई सबसे निचले स्तर पर पहुंच गयी है। उन्होंने कहा कि तकरीबन 5 लाख लोगों के भोजन की सामग्री राफाह बार्डर पर इंतजार कर रही है।

ऑक्सफैम और यूनाइटेड नेशंस की एजेंसियों ने पानी और सफाई की व्यवस्था के ध्वस्त होने के चलते गाजा इलाके में कॉलेरा और छुआछूत की बीमारियों के पैदा होने का खतरा बढ़ गया है। इजराइल ने पानी की सप्लाई को रोक दी है। इसके साथ ही तेल और बिजली का भी संकट खड़ा हो गया है। 

गाजा के खान यूनिस के रहने वाले वसीम मुस्तफा का कहना था कि वह रोजाना अपने चारों बच्चों को कहते हैं कि “प्रत्येक दिन हर बच्चे के लिए हम एक पानी का बोतल भरते हैं और मैं उन्हें बताता हूं कि इसी में काम चलाने की कोशिश करो।”

इस बीच इजराइल ने अपने नागरिकों को जॉर्डन और मिस्र को तुरंत छोड़ देने की अपील की है। इजराइल की नेशनल सिक्योरिटी कौंसिल ने कहा है कि इजराइली मिस्र और जॉर्डन को तुरंत छोड़ें और इसके साथ ही मोरक्को में भी नहीं जाने की कोशिश करें।

टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल ने यह फैसला पूरी दुनिया और विशेष कर मध्यपूर्व के अरब देशों में इजराइल के खिलाफ भड़कने वाली भावनाओं को देखते हुए किया। 

इस घोषणा में इजराइली नागरिकों को बहरीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, मालद्वीव, तुर्की और यूएई में जाने से बचने की सलाह दी गयी है।

हमास ने अल जजीरा से बात की है। एक साक्षात्कार में हमास के पोलिटिकल ब्यूरो के एक सदस्य ने नागरिकों और मिलिट्री तथा सेटलर तत्वों के बीच भेद किया।

सदस्य मोहम्मद नाजाल ने कहा कि हमास उन नागरिकों को छोड़ देगा अगर इजराइली सेना हमला रोक देती है।

पिछली रात भर में हुए इजराइली हवाई हमले में गाजा में 46 नागरिकों की मौत हो गयी है। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक जबालिया में अल मोतावाक परिवार के 24 लोग इजराइली हवाई हमले के शिकार हो गए। जबकि अल अजरामी फैमिली के एक और परिवार पर हमले में दस और लोग मारे गए हैं। इसके साथ ही खादर परिवार के भी 5 लोगों की मौत हुई है।

दुनिया के स्तर पर फिलिस्तीनियों के पक्ष में विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया में बड़ी रैलियां आयोजित की गयी हैं। आस्ट्रेलिया के सबसे बड़े शहर सिडनी में आयोजित रैली में तकरीबन 15 हजार लोग इकट्ठा हुए थे। इसके साथ ही ब्रिस्बेन, पर्थ और होबर्ट में भी रैलियां आयोजित किए जाने की योजना है। न्यूजीलैंड के क्राइसचर्च में भी बड़ी तादाद में लोग जुटे।

इस बीच मिस्र के क्यारो में एक शांति सम्मेलन आयोजित किए जाने की योजना है। आज होने वाली इस बैठक में मिस्र के राष्ट्रपति अब्लेद फतह एल सीसी, फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला, बहरीन के किंग हमाद बिन इसा अल खलीफा, कतर के एमीर सशेख तामिम बिन हमद अल थानी, कुवैत के राजकुमार शेख मेशल अल अहमद अल सबाह, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज, ग्रीक की प्रधानमंत्री कारियाकोस मिटसोट्किस, साप्रियोट के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडस, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामफोसा, जर्मनी के विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबोक, फ्रांस के विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना, जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा, ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लीवरली, नार्वे के विदेश मंत्री इस्पेन बार्थ ईद, रूस के डिप्टी विदेश मंत्री मिखाइल बॉगडानोव, चीन के मध्यपूर्ण के दूत झाई जून, यूएन सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटर्स, यूरोपियिन कौंसिल के राष्ट्रपति चार्ल्स मिशेल, ईयू के विदेश नीति के चीफ जोसेफ बोरेल शामिल हैं।    

मिस्र के विदेश मंत्री सामेह शौकरी ने कहा है कि यह बैठक युद्ध को रोकने और मानवाधिकार संबंधी मदद को गाजा पट्टी में पहुंचाने जैसे मसलों पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि इसमें अमेरिका और इजराइल के प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना नहीं है।

(ज्यादातर इनपुट अल जजीरा से लिया गया है।)

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