नई दिल्ली। इजराइली सैनिकों ने गाजा सिटी में स्थित अल शिफा अस्पताल पर हमला कर दिया है। यह गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल था। अस्पताल के भीतर मौजूद एक डॉक्टर ने बताया कि इजराइली हमले ने मरीजों में भय पैदा कर दिया है। हेल्थ वर्कर और तमाम लोगों को अस्पताल छोड़कर भागना पड़ा है।
हालांकि बंधकों के वहां रखे जाने का अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है। लेकिन इसके बावजूद इजराइली सेना का लगातार कहना था कि अल शिफा अस्पताल के भीतर कमांड सेंटर है। और अब वो कह रहे हैं कि बंधकों में से किसी के होने का कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन वो लगातार वहां निगरानी जारी रखेंगे और इसके तहत वो अस्पताल के चारों ओर घूमते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वो अपने ऑपरेशन को और फैला रहे हैं। अभी तक यह नहीं साफ हो पाया है कि इसका क्या मतलब है। लेकिन ऐसा लगता है कि यह उसका बिल्कुल अंतरविरोधी है जिसमें उन्होंने आपरेशन को बहुत सीमित रखने की बात कही थी।
इस बीच यूएन की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आयी है। यूएन के एड चीफ मार्टिन ग्रिफिथ्स ने एक्स पर लिखा कि अस्पताल युद्ध के मैदान नहीं हैं। उन्होंने उसमें आगे जोड़ा कि वह इजराइल के हमले को लेकर चकित हैं। इसी में और आगे जोड़ते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानम घेब्रेयेसस ने कहा कि अल शिफा अस्पताल में सेना के घुसने की रिपोर्ट बेहद परेशान करने वाली है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों से एक बार फिर हम लोगों का संपर्क टूट गया है। हम उनके और उनके मरीजों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं।
अल जजीरा को अल शिफा से नया अपडेट हासिल हुआ है। जिसमें अस्पताल के डॉक्टर अहमद अल मोखाल्लालाती ने बताया कि परिस्थिति बेहद कठिन हो गयी है। और इजराइली टैंक अस्पताल के भीतर और उसके चारों तरफ हैं। पिछली शाम से ही इजराइली सेना भीषण तरीके से हमलावर है। गोलियां चल रही हैं और हमले हो रहे हैं।
अपने बच्चों को लेकर अस्पताल में शरण लेने वाले परिवारों के लिए यह बेहद बेहद भयानक और डरावना समय है। यह स्टाफ के लिए डरावना है। जो मरीजों की देखभाल कर रहे हैं और खुद मरीजों के लिए भी।
खाना और पीने का पानी लगातार छठे दिन अस्पताल में नहीं आया। और अब अस्पताल में किसी भी चीज के पहुंचने की संभावना नहीं है। अस्पताल के भीतर का आक्सीजन स्टेशन काम करना बंद कर दिया है। मौजूदा स्थिति बिल्कुल ध्वस्त व्यवस्था जैसी दिख रही है। जहां हम अपने मरीजों को कुछ भी नहीं दे सकते हैं।
जो हम महसूस कर रहे हैं वह आश्चर्यजनक है। और बुरा इस स्तर तक है कि पूरी दुनिया इस अपराध को देख रही है। और वह सब कुछ देख रही है जो सभी के सामने हो रहा है। और किसी ने अभी तक रोका नहीं है। और किसी ने भी जोर से यह भी नहीं कहा कि इसकी इजाजत नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय कहां है? अंतरराष्ट्रीय संगठन कहां हैं जिन्हें सहायता करने करने के लिए लगाया गया है। जिन्हें युद्ध वाले इलाके में स्वास्थ्य व्यवस्था को सहयोग देने के लिए लगाया गया है।
अस्पताल के भीतर मौजूद अज जजीरा के सूत्रों ने बताया कि तकरीबन 30 लोगों को अस्पताल की बिल्डिंग के बाहर ले जाया गया है। और वहां उनके कपड़े उतार कर उनकी छानबीन की गयी है। वो अस्पताल के बरामदे में हैं और उनकी आंखों पर पट्टी बांधी गयी है और उन्हें तीन टैंकों से घेरा गया है। एक टैंक इमरजेंसी विभाग के ठीक सामने है। और वह इमारत के भीतर किसी भी चलायमान चीज को निशाना बनाए हुए है।
स्पेशलाइज्ड सर्जरी बिल्डिंग के भीतर कमांडो सभी पार्टिशंस को फाड़ दे रहे हैं। कमरों के भीतर की सभी दीवारों को ध्वस्त कर दे रहे हैं। बेसमेंट में जा रहे हैं और सभी लोगों को एक के बाद एक कर बुला रहे हैं और फिर उनसे पूछताछ कर रहे हैं।
ब्लूमबर्ग में प्रकाशित एक नयी रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे ही मौतों की संख्या बढ़ रही है ह्वाइट हाउस इजराइल के व्यवहार से लगातार फ्रस्टेट हो रहा है। पब्लिकेशन ने बातचीत से परिचित विभिन्न लोगों के हवाले से कहा है कि गठबंधन के लोगों में एक गहरी खाई पैदा हो गयी है। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारी अपने इजराइली समकक्षों से बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनकी कॉलों का कोई जवाब नहीं आ रहा है।
सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी अधिकारियों की अधीरता बढ़ती जा रही है और अब उन्होंने प्राइवेट संदेश भेजने शुरू कर दिए हैं। उसी समय राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन अभी भी इजराइल के हथियारों की मांग को पूरा करता जा रहा है। और इजराइल को किसी भी तरह का नतीजा भुगतने की चेतावनी नहीं दी है।
गाजा सरकार की मीडिया ऑफिस ने अल शिफा अस्पताल में नरसंहार को अंजाम देने के खिलाफ इजराइल को चेतावनी दी है। अपने एक बयान में उसने कहा है कि तकरीबन 9000 मेडिकल स्टाफ, मरीजों और कॉम्प्लेक्स में विस्थापित लोगों की मौजूदगी के बावजूद इजराइली सेना ने अस्पताल पर छापा मारा है। इजराइल की कार्रवाई को उसने एक युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध की संज्ञा दी है।
मीडिया ऑफिस ने इसके लिए इजराइल, अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जिम्मेदार ठहराया है।
अल जजीरा के मुताबिक जैसा कि उनसे पहले भी रिपोर्ट किया था। इजराइली सेना ने अल शिफा अस्पताल पर छापा कथित हमास सुरंग, हथियारों और बंधकों को पाने के लिए की। लेकिन दोहा इंस्टीट्यूट फॉर ग्रेजुएट स्टडीज के प्रोफेसर तमर करमाउट ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह समय इजराइली खुफिया पर सवाल करने का है जिसने छापे को न्यायोचित ठहराने के लिए ऐसा किया था।
आइये हम उनके आधिकारिक रूप से घोषित लक्ष्यों को हासिल करने के उनके बयान को देखते हैं जिसको युद्ध की शुरुआत में उन्होंने जारी किया था: इजराइल ने इस बात को साफ कर दिया है कि वह क्या चाहता है- कम से कम इस मौके पर-गाजा के उत्तरी इलाके पर पूरा नियंत्रण। अब जबकि हम बात कर रहे हैं बिल्कुल यह धीरे-धीरे हो रहा है। यह इजराइल के लिए आसान युद्ध नहीं है। यह कोई पिकनिक नहीं है। हमास प्रतिरोध कर रहा है लेकिन नागरिक इस नरसंहारी युद्ध की पूरी कीमत अदा कर रहे हैं। ऐसा करमाउट ने अल जजीरा को बताया।
उन्होंने कहा कि इजराइल अमेरिका के साथ मिलकर गलत नरेटिव बना रहा है।
अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और मध्य पूर्व के तमाम देश इजराइल के साथ अपने रिश्तों को तोड़ लिए हैं। इसमें बहरीन, चाड, चिली, कोलंबिया, होंडुरास, जॉर्डन, तुर्की ने अपने राजनयिक वापस बुला लिए हैं। जबकि बोल्विया, बेलाइज और दक्षिण अफ्रीका ने अपने सारे राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं।
दिलचस्प बात यह है कि अल शिफा अस्पताल में मौजूद पत्रकारों को इजराइली सेना प्रताड़ित कर रही है। एक पत्रकार जिहाद अबु शनाब के साथ उसने ऐसा ही सुलूक किया है। जिसके चलते वह बिल्कुल डर गए हैं। उनके साथ बर्बर तरीके से पूछताछ की गयी है। और इस तरह से वो बेहद अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने अल जजीरा को फोन कर बताया कि पिछली रात से यह इतना भयानक था जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
जॉर्डन ने अल शिफा अस्पताल पर हमले की निंदा की है। उसने इसे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन बताया है।
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने गाजा में युद्ध के खिलाफ बेहद कड़ा बयान जारी किया है। अपने एक भाषण में उन्होंने कहा कि हम एक बर्बर हमले और अपने लोगों के खिलाफ गाजा और वेस्टबैंक में एक खुले नरसंहार वाले युद्ध का सामना कर रहे हैं।
(ज्यादातर इनपुट अल जजीरा ले लिया गया है।)