भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने से उत्तराखंड में 47 व केरल में 27 लोगों की मौत

देश के सभी हिस्सों में बेमौसम बारिश हो रही है। लेकिन उत्तराखंड और केरल में तो कहर आया हुआ है। जहां भारी मात्रा में जान-माल की क्षति हुयी है। उत्तराखंड में अब तक 47 लोगों की मौत बारिश के चलते हुयी है जिसमें कल मंगलवार को बाढ़ और बारिश की वजह से हुए हादसों में 42 लोगों की मौत हुई है। ज्यादातर मौतें बादल फटने और भूस्खलन की वजह से हुई हैं। कई लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है । सबसे ज्यादा मौतें नैनीताल जिले में हुईं हैं। अल्मोड़ा में लैंडस्लाइड से मकान गिरने के कारण 3 बच्चों की दबकर मौत हो गई। 

स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के सचिव एसए मुरुरेसन ने बताया है कि उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में राज्य में 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है। सोमवार को बारिश के चलते पौड़ी और चंपावत में 5 मौतें हुई थीं। इसमें नेपाल के तीन मजदूर भी शामिल थे।

वहीं केरल के भी कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई है, जिसके चलते बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। राज्य के अलग-अलग इलाकों में बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाओं में 27 लोगों की मौत हुई है। कुछ लोगों के लापता होने की भी ख़बर है। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि इस दक्षिणी राज्य में 1 से 19 अक्टूबर के बीच 135% ज्यादा बारिश हुई है। सामान्य तौर पर इस अवधि में 192.7 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल 453.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

उत्तराखंड में दो दिन की भारी बारिश में 46 लोगों की मौत हो चुकी है। DIG नीलेश आनंद भरने ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि अकेले कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 के पार हो गई है। इस पहाड़ी राज्य में सोमवार को भी 5 मौतें हुई थीं। मंगलवार को हुईं 42 मौतों में नैनीताल जिले में 28, अल्मोड़ा और चंपावत में 6-6 और पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।  

बेमौसम बरसात की वजह से सड़कें सहित नेशनल हाईवे टूट गए, पुल टूट गये। पुल टूटने से जगह-जगह यात्री फंस गए हैं। नैनीताल का संपर्क राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है। यहां तक आने वाली तीनों सड़कें भूस्खलन के चलते ब्लॉक हो गई हैं। वहीं भारी बारिश के चलते नैनीताल जिले में काठगोदाम रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली रेलवे लाइन भी बह गई है।

पुल टूटने से लेकर नेशनल हाईवे तक बाधित हुए हैं। मैदानी इलाकों से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। नैनीताल जिले में सोमवार सुबह से मंगलवार सुबह तक कुल 251.74 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज हुई है। इस बेमौसमी बारिश ने अक्तूबर माह में सर्वाधिक वर्षा का 104 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले अक्तूबर 1917 में 188.7 मिलीमीटर बारिश पूरे माह में दर्ज़ की गई थी। 

तीर्थयात्रियों को यात्रा नहीं करने की सलाह 

भारी बारिश की वजह से उत्तराखंड में उपजे हालात पर सरकार ने लोगों को सलाह दी है कि लोग अनावश्यक यात्रा पर निकलने पर फिलहाल परहेज करें। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रियों से अपील की है कि वे जहां हैं वहीं रहें। मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा फिर से शुरू न करें। खासकर कुमाऊं मंडल में अतिवृष्टि की अधिकता के कारण वहां अतिरिक्त एहतियात बरता जाए। रास्ते खुले होने की सूचना मिलने पर ही यात्रा पर निकलने की योजना बनाएं। 
राहत और बचाव कार्य

भारतीय वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर्स को राहत और बचाव कार्यों में लगाया गया है। इनमें से दो हेलिकॉप्टर को नैनीताल में तैनात किया गया है। बता दें कि यह जिला बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां सड़कों से मलबा हटाने का काम जारी है। 

NDRF की टीमों ने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों से 300 से ज्यादा लोगों को बचाया है। बता दें कि राज्य में एनडीआरएफ की 15 टीमें तैनात की गई हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा की वजह से जान गंवाने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने डीएम को निर्देश दिए कि अतिवृष्टि पीड़ितों के साथ ही उत्तराखंड आए यात्रियों को हर संभव सहयोग और सहायता दी जाए। आपदा की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जिला आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ एवं आपदा से सम्बंधित सभी विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।गौरतलब है कि कल मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री ने भारी बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। बाद में उन्होंने रुद्रप्रयाग पहुंचकर नुकसान के आकलन की समीक्षा भी की। उनके साथ राज्य के मंत्री धन सिंह रावत और राज्य के DGP अशोक कुमार भी थे।

अन्य राज्यों में अलर्ट जारी 


मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु सहित देश के अन्य हिस्सों से बारिश की सूचना मिली है। बुधवार को भी कई इलाकों में तेज बारिश का अनुमान है।

वहीं उत्तराखंड और नेपाल में हो रही भारी बारिश का असर अब उत्तर प्रदेश में भी दिखाई देने लगा है। उत्तर प्रदेश में कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। लखीमपुर खीरी, सीतापुर और बाराबंकी में बाढ़ का अलर्ट जारी हुआ है। नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। दरअसल, उत्तराखंड से बनबसा बैराज से पानी छोड़ा गया है। इसकी वजह से रामपुर इलाके में कोसी नदी क़हर बरपाने लगी है। नदी से सटे दर्जनों गांवों में बाढ़ का ख़तरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भारी बारिश और बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 21 लोगों की मौत हो गई है और 24 लोग लापता हैं। नेपाल के गृह मंत्रालय ने बयान जारी करके बताया है कि देश के 19 जिले बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। 

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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