Monday, May 29, 2023

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पूंजीपतियों की संपत्ति में इजाफे का खेल है एनपीए

नई दिल्ली। कहा जा रहा है कि दिन पर दिन देश की ग़रीब जनता का लाखों करोड़ रुपया अंबानी-अडानी, माल्या, चोकसी, मोदी आदि की तिजोरियों में जाकर नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट यानी एनपीए बनता जा रहा है। मेरा मानना है...

जाति व्यवस्था का घिनौना सच! मदुरई के एक गांव से गुजरने से पहले दलितों को उतारने पड़ते हैं चप्पल

तमिलनाडु में मुदरई के पास एक गांव का ये नंगा सच है। जिन्हें लगता है कि जाति व्यवस्था और छुआछूत प्रथा समाप्त हो गयी है उनकी बंद आंखों को खोलने के लिए ये वीडियो काफी है। इसमें एक गांव...

कविता और पत्रकारिता की खरी आवाज का स्मृति शेष होना

खाली जगह ---------------- किसी आदमी के जाने के बाद  कोई दूसरा भला कैसे भर सकता है  खाली जगह  खाली जगह में  अब उसकी तस्वीरें हैं  एक मेज है उसकी  उसकी एक कलम है  है उसकी डायरी  जिसके पन्ने हैं खाली खाली  खाली-खाली पन्नों में  अब कहता है  वह आदमी  कभी न ख़त्म होने वाली अपनी...

शमशेर सिंह बिष्टः पहाड़ का एक प्रखर पब्लिक इंटेलेक्चुअल

वह ठेठ पहाड़ी थे। उत्तराखंड के पहाड़ी ग्राम्य जीवन का एक खुरदुरा, ठोस और स्थिर व्यक्तित्व। जल, जंगल और ज़मीन को किसी नारे या मुहावरे की तरह नहीं बल्कि एक प्रखर सच्चाई की तरह जीता हुआ। शमशेर सिंह बिष्ट...

साहित्य से निकालकर मंटो को पर्दे पर लाने के लिए नंदिता दास के साहस को सलाम

कल मंटो फिल्म देखी । पता नहीं किनके लिये इस फिल्म की पटकथा लिखी गई है । जिन्होंने मंटो की कहानियों को नहीं पढ़ा है और मंटो के साहित्य की चर्चा से परिचित नहीं हैं, हम नहीं जानते वे...

भगत सिंह और उनकी विरासत का सवाल

भगत सिंह हमारी राष्ट्रीय चेतना में कितने गहरे बसे हैं इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि धुर दक्षिणपंथी दलों से लेकर धुर वामपंथी दलों तक उन्हें अपना नायक बनाने और उनसे अपनी परम्परा से जोड़ने...

सांप्रदायिकता के खिलाफ अपने नायकों से भी टकराने का साहस रखते थे भगत सिंह

हवा में रहेगी मेरे ख्याल की बिजली ये मुश्ते- खाक है फानी, रहे न रहे ! 27/28 सितंबर शहीदे-आज़म भगत सिंह का जन्म-दिन है! कहते हैं कि किसी को याद करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि यह समझा जाय की...

बीएचयू : “प्रधानमंत्री जी! क्या आप पार्टी पालित गुंडो-लठैतों का नेतृत्व कर रहे हैं?”

सनातन धर्म की सांस्कृतिक नगरी काशी में नवरात्रि के दिनों में देवियों से पूछा जा रहा है -"वापस लौटेंगी या रेप करवाने तक यहीं रुकेंगी।" कल (शुक्रवार) से बनारस पर नजर थी इसलिए भी कि लड़कियों का साहसी और मुखर...

“काश! यह बेटियाँ बिगड़ जाएँ…इतना बिगड़ें के यह बिफर जाएँ”

दुआ काश! यह बेटियाँ बिगड़ जाएँ इतना बिगड़ें के यह बिफर जाएँ   उनपे बिफरें जो तीर-ओ-तीश लिए राह में बुन रहे हैं दार-ओ-रसन और हर आज़माइश-ए-दार-ओ-रसन इनको रास्ते की धूल लगने लगे काश! ऐसा हो अपने चेहरे से आँचलों को झटक के सब से कहें ज़ुल्म की हद जो तुम ने खींची थी उस को पीछे...

मुंबई हादसा : “हम मर नहीं सकते क्योंकि हम ज़िंदा भी नहीं हैं”

मेरे शहर की स्पिरिट कमाल है। हम मर नहीं सकते क्योंकि हम ज़िंदा भी नहीं हैं। 22 लोग आज काम पर गए थे पर वे लौटेंगे नहीं। उनके साथ जो बाकी लोग उस भगदड़ का हिस्सा थे, लेकिन बच गए...

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घर में नहीं हैं दाने, मामा चले हवाई तीर्थ कराके वोट भुनाने

बहुत ही घबराए और बिल्लियाये हुए हैं शिवराज सिंह चौहान और उतनी ही सिड़बिल्याई हुयी है भाजपा और जनादेश...