नई दिल्ली। ‘अनहद’ के नेतृत्व में नागरिकों के एक समूह ने केंद्रीय चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है जिसमें उसने गृहमंत्री अमित शाह के गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं को डराने, धमकाने और वोट देने से रोके जाने का आरोप लगाया है। और इस पूरे मामले की उसने तत्काल जांच की मांग की है।
दो जून को लिखे गए इस पत्र में बताया गया है कि 14-18 मई के बीच अहमदाबाद आधारित अर्थशास्त्री हेमंत शाह, महाराष्ट्र पीयूसीएल की महासचिव लारा जेसानी, दिल्ली आधारित नारीवादी और लेखिका कविता कृष्णन और गुजरात के सोशल एक्टिविस्ट देव देसाई ने कलोल के ढेर सारे वार्डों और बूथों के अलावा वेजलपुर नगरपालिका इलाके और सानंद तालुका के मतदाताओं से मुलाकात की उनसे उनकी शिकायतें सुनीं।
कुलदेवी की कसम खाओ वोट केवल अमित शाह को दोगे
सानंद तालुका के वकराना गांव में ढेर सारे दलित और ओबीसी मतदाताओं ने टीम को बताया कि वर्चस्वशाली जातियों के कई सदस्यों और गुजरात बीजेपी के पूर्व महासचिव प्रदीप सिंह वघेला के समर्थकों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि “तुम्हारे मोहल्ले से कोई भी अपना वोट देने नहीं जाना चाहिए। अगर तुम वोट देते हो तो गांव का कोई भी तुम्हें काम पर नहीं रखेगा।”
दूसरों ने बताया कि बीजेपी के आदमियों द्वारा उनको और पड़ोसियों को एक जगह सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होने के लिए कहा गया और फिर उन्हें बताया गया कि उनको इसी शर्त पर वोट देने की इजाजत दी जाएगी अगर वो कुलदेवी के नाम की शपथ लें कि वोट केवल अमित शाह को ही देंगे।
अमित शाह के चेले जीतू वाघानी पर आरोप
सानंद तालुका में स्थित एक गांव कनेठी में एक दलित महिला मतदाता ने बताया कि भावनगर से बीजेपी विधायक और अमित शाह के चेले जीतू वाघानी उर्फ जीतू भाई ने उसे मतदान करने से रोक दिया। उसने आरोप लगाया कि “जब मैं मतदान केंद्र पर पहुंची तो जीतू भाई ने कहा कि तुम्हारे साथ क्या समस्या है? क्या तुम इस गांव या फिर देश के विकास से खुश नहीं हो? इसी लिए तुम वोट देने आयी हो? इस गांव के हितों का ख्याल करो और उसकी भलाई के लिए लौट जाओ। तुम्हारा वोट पहले ही अमित शाह को पड़ चुका है।”
टीम ने केंद्रीय चुनाव आयोग को बताया है कि उसी गांव के एक शख्स ने उनसे कहा कि जीतू भाई एक खतरनाक आदमी है। वह अमित शाह के बहुत करीबी हैं। उनसे उलझने का मतलब परिवार पर हमले का खतरा मोल लेना।
पुलिस और मतदानकर्मियों के खिलाफ आरोप
सानंद तालुका में ही स्थित एक गांव गीधपुरा में बड़ी जमीन के जोत वाले दरबारा समुदाय के एक युवक ने बताया कि बीजेपी के कार्यकर्ता पोलिंग बूथ को जाम कर देते हैं जबकि असली मतदाताओं को बूथ के बाहर खड़ा कर पुलिस उनसे यह कह देती है कि समय पूरा हो गया है और मतदान बंद हो गया है।
अंदेज नाम के एक गांव में एक दलित मतदाता जिनकी आयु 67 साल थी, ने टीम को बताया कि मैंने पहले सुबह 8 बजे मतदान करने का प्रयास किया। मतदानकर्मियों ने बताया कि वहां बिजली नहीं है बाद में आओ। जब मैं दोबारा 12 बजे गया तो उन्होंने कहा कि लंच ब्रेक हो गया है। बाद में फिर से प्रयास करो। और फिर मेरे चार बजे के तीसरे प्रयास में उन्होंने मुझे वोट करने दिया।
अंदेज में 19 साल की एक महिला जो अपने पहले चुनाव के मतदान के लिए बहुत उतावली थी, ने बताया कि चुनाव कर्मचारी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम शिक्षित हो? मैंने उत्तर दिया कि मुझे स्कूल जाने का कभी मौका नहीं मिला। इस पर उसने कहा कि तो तुम कैसे वोट दे पाओगी। मैं तुम्हें वोट देने में मदद के लिए एक गाइड करता हूं। उसके बाद उसने आरोप लगाया कि चुनावकर्मी ने एक अज्ञात आदमी को मेरे साथ ईवीएम तक जाने के लिए कहा जहां उसने हमारी इच्छा के खिलाफ कमल के फूल वाले बटन को दबा दिया।
वोटिंग के दिन मुस्लिम मतदाताओं को अजमेर भेज दिया गया
सानंद तालुका के गांव शांतिपुरा में वोटिंग के दिन मुसलमानों के लिए बीजेपी ने अजमेर जाने के लिए एक बस की व्यवस्था कर दी। एक मुस्लिम नागरिक जो वोट देने के लिए रुका हुआ था ने बताया कि पुलिस ने उन्हें यह कहते हुए घर जाने के लिए कह दिया कि किसी भी रूप में तुम्हारा वोट बेकार है। क्योंकि नतीजा पहले ही पता चल चुका है गृहमंत्री की जीत निश्चित है।
अपराधियों और शरारती तत्वों की धमकी
कलोल नगर निगम क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के छुटभैइये अपराधी जिनमें से कुछ को अभी चुनाव के मौके पर जेल से पैरोल पर छोड़ा गया है, मतदाताओं को पोलिंग स्टेशन पर पहुंचने से रोकने के लिए लामबंद हो गये थे। अहमदाबाद के जुहापुरा में मतदाताओं को खतरनाक अपराधी कालू गर्दन द्वारा धमकाया गया। ऐसा कहा जाता है कि उसका कालू गर्दन इसलिए नाम पड़ा क्योंकि वह अपने इलाके में किसी भी चुनौती देने वाले की गर्दन काट देता है।
तीन बार लौटाया गया फिर चौथे प्रयास में वोट करने दिया गया
कलोल म्यूनिसिपल्टी इलाके के रहीमपुरा इलाके की ज्यादातर महिला मतदाताओं ने बताया कि अपने पहले मतदान करने के प्रयास में उन्हें लौटा दिया गया। कुछ मतदाताओं ने बताया कि उन्हें कम से कम तीन बार मतदान केंद्र से लौटाया गया और फिर चौथे प्रयास में वोट कर सकीं।
अमित शाह देश में सबसे बड़ी मार्जिन से चुनाव जीतना चाहते हैं
पत्र में चुनाव आयोग से इस आरोप की भी जांच की मांग की गयी है कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि अमित शाह देश में सबसे बड़ी मार्जिन 10 लाख से जीतें।
इस बात की जांच हो कि क्या गृहमंत्री के नाम पर संवैधानिक अधिकारों की कटौती की जा रही है?
पत्र में मांग की गयी है कि ईसीआई को इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या मतदाताओं के संवैधानिक तौर पर गारंटीकृत अधिकारों को गृहमंत्री और उनके लोकसभा क्षेत्र के नाम पर कम किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि जिस तरह से मतदाताओं को दबाए जाने का आरोप है वह गैर बीजेपी मतदाताओं खास कर लेकिन केवल और केवल नहीं दलित, ओबीसी और मुस्लिम या फिर हाशिये के समुदायों को मतदान से वंचित और हताश करने की कोशिश का हिस्सा है। ये आरोप अगर सत्य हैं तो यह भारत के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया की साख और भारत के लोकतांत्रिक भविष्य पर एक धब्बा है।
टीम के सदस्यों ने बताया कि नागरिक अपने मत के अधिकार का प्रयोग करने के लिए कितने दृढ़ हैं इसको देखने के लिए हम गए थे। पत्र में कहा गया है कि चुनाव आयोग को गांधी नगर और पूरे देश के मतदाताओं की लोकतांत्रिक भावना के साथ न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। मतदाता औपचारिक तौर पर शिकायत करने से डर रहे हैं। इसलिए टीम के सदस्यों ने एक स्वतंत्र जांच की मांग की जहां गांधीनगर के मतदाता प्रतिशोध के डर के बिना गवाही दे सकें।