Tag: अर्थव्यवस्था

  • यह नग्न बाजारवाद का बेशर्म परीक्षण है!

    यह नग्न बाजारवाद का बेशर्म परीक्षण है!

    इन दिनों वैसे तो अर्थव्यवस्था के क्षेत्र से आ रही लगभग सभी खबरें निराश करने वाली हैं, लेकिन सबसे बुरी खबर यह है कि आम आदमी को महंगाई से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। अनाज, दाल-दलहन, चीनी, फल, सब्जी, दूध इत्यादि आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। अंदेशा यही है कि…

  • दूसरे चरण में पहुंची रोजगार की लड़ाई, योगी से जवाब मांगने के लिए इलाहाबाद से निकला नौजवानों का जत्था

    दूसरे चरण में पहुंची रोजगार की लड़ाई, योगी से जवाब मांगने के लिए इलाहाबाद से निकला नौजवानों का जत्था

    इलाहाबाद। युवा स्वाभिमान मोर्चा की आज 28 सितंबर से युवा स्वाभिमान पदयात्रा शुरू हुई। 210 किलोमीटर की पदयात्रा में 49 युवा शामिल हैं। युवा स्वाभिमान पदयात्रा से सम्मानजनक रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा की मांग के साथ-साथ बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध, दमन के खिलाफ आवाज बुलंद की जा रही है। यह यात्रा इलाहाबाद से शुरू होकर लखनऊ…

  • ‘जनता खिलौनों से खेले, देश से खेलने के लिए मैं हूं न!’

    ‘जनता खिलौनों से खेले, देश से खेलने के लिए मैं हूं न!’

    इस बार के ‘मन की बात’ में प्रधानसेवक ने बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे पर देश का ध्यान आकर्षित किया है। बात इतनी महत्वपूर्ण है कि लगा यह ‘मन की बात’ नहीं ‘आत्मा की बात’ है। पता नहीं क्यों लोगों को लगता है की आत्मा की बातें वही होती हैं जो जनता के दुख-दर्द की बात हों।…

  • इलेक्टोरल बांड का रिटर्न गिफ्ट है निजीकरण

    इलेक्टोरल बांड का रिटर्न गिफ्ट है निजीकरण

    देश की अर्थव्यवस्था में हो रही गिरावट को समझने के लिए अर्थ सूचकांकों के अध्ययन करने की बहुत आवश्यकता नहीं है। बाजार और इंडस्ट्रियल एरिया का एक भ्रमण ही यह संकेत देने के लिए पर्याप्त है कि आर्थिक मोर्चे पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सरकार के पास एक ही नीति फिलहाल दिख…

  • देश के लिए खतरनाक है संवैधानिक संस्थाओं के भीतर की लोकतांत्रिक आत्माओं की मौत

    देश के लिए खतरनाक है संवैधानिक संस्थाओं के भीतर की लोकतांत्रिक आत्माओं की मौत

    पिछले कुछ दिन से बहुत चिंता पैदा करने वाले संकेत दिखाई दे रहे हैं। आर्थिक मोर्चे पर कुछ अत्यंत अप्रिय खबरें आईं। सीएसओ के अनुसार अप्रैल से जून के इस वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद में 23.9 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट आई है। अब हम जी-20 देशों में सबसे खस्ताहाल अर्थव्यवस्था…

  • एलाआईसी नहीं, लोगों के जीवन का सौदा कर रही है सरकार!

    एलाआईसी नहीं, लोगों के जीवन का सौदा कर रही है सरकार!

    चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य बताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 के बजट भाषण में एलान किया था कि एलआईसी का आईपीओ लाया जाएगा। इसके लिए सरकार संसद में एलआईसी एक्ट 1956 में छह बड़े बदलाव करने जा रही है। एलआईसी की स्थापना…

  • गलत नीतियों से शीर्ष पर कोरोना और रसातल में अर्थव्यवस्था

    गलत नीतियों से शीर्ष पर कोरोना और रसातल में अर्थव्यवस्था

    आज दो खबरें सुबह-सुबह मिलीं। पहली खबर कोरोना आपदा से संबंधित और दूसरी, देश की आर्थिकी यानी इकोनॉमी से जुड़ी। कोरोना में भारत अब केवल अमेरिका से नीचे है और अब भी संक्रमण की गति थमी नहीं है। अमेरिका, ब्राजील और भारत में लंबे समय से कोरोना संक्रमण को लेकर दुनियाभर में चिंता जताई जाती…

  • मोदी अर्थव्यवस्था की अर्थी ढोएंगे या ढूंढेंगे कोई इलाज?

    मोदी अर्थव्यवस्था की अर्थी ढोएंगे या ढूंढेंगे कोई इलाज?

    सरकार ने 31 अगस्त को, जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिए, जिसमें यह नकारात्मक रूप से 23.9 फ़ीसदी यानी माइनस 23.9% है। इस गिरावट को ऐतिहासिक और भारतीय अर्थव्यवस्था में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट माना जा रहा है। सरकार ने इसका प्रमुख कारण कोरोना महामारी के कारण लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन को बताया…

  • ‘एक्ट ऑफ गॉड’ नहीं जनाब, ये ‘एक्ट ऑफ सरकार’ है!

    ‘एक्ट ऑफ गॉड’ नहीं जनाब, ये ‘एक्ट ऑफ सरकार’ है!

    जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया से वित्तमंत्री ने कहा, “देश की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के रूप में सामने आए असाधारण ‘एक्ट ऑफ गॉड’ का सामना कर रही है, जिसकी वजह से इस साल अर्थव्यवस्था के विकास की दर सिकुड़ सकती है।” वित्त मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, जीएसटी क्षतिपूर्ति अंतर 2.35 लाख करोड़…

  • एक बहुवर्गीय लोकतांत्रिक मंच ही रोक सकता है बीजेपी-संघ का सांप्रदायिक रथ: अखिलेंद्र

    एक बहुवर्गीय लोकतांत्रिक मंच ही रोक सकता है बीजेपी-संघ का सांप्रदायिक रथ: अखिलेंद्र

    (देश एक बड़े आंदोलन के मुहाने पर खड़ा है। कोरोना संकट ने रही-सही अर्थव्यवस्था की भी कमर तोड़ दी और बात यहां तक पहुंच गई है कि राज्यों के जीएसटी के पैसे की अदायगी से भी केंद्र ने हाथ खींच लिया और वित्तीय संकट से उबारने की जगह उन्हें उधार लेने के लिए आरबीआई के…