Tuesday, April 23, 2024

पेरियार

अवसरवाद से पासवान नहीं बन सके, दलितों के पासबान

भारत में दलित राजनीति का एक विशेष अर्थ है और इसके विस्तार का इतिहास अतीत तक जाता है। इसमें संत और राजनीतिज्ञ दोनों सम्मिलित हैं। दलित आंदोलन और राजनीति भारत के महत्वपूर्ण विषयों में से एक अतिमहत्वपूर्ण विषय है।...

पेरियार पर आईं पुस्तकें बदलेंगी हिंदी पट्टी का दलित चिंतन

साहित्य के शोधकर्ताओं के लिए यह एक शोध का विषय है कि ईवी रामासामी पेरियार (17 सितंबर, 1879-24 दिसंबर, 1973) के मूल लेखन का कोई संग्रह आज तक उस तरह से हिंदी साहित्य में क्यों उपलब्ध नहीं था,...

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2024 के चुनाव में फासीवादी ताकतों को निर्णायक चोट दें: स्वदेश भट्टाचार्य

पटना। भाकपा-माले की स्थापना की 56वीं वर्षगांठ पर पार्टी महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने सभी पार्टी सदस्यों और शुभचिंतकों...