Tag: Barbara Rao
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भारत में अब लोकतंत्र, प्रजातंत्र और गणतंत्र जैसे शब्द बेमानी हो गए हैं
आखिर 84 वर्षीय वृद्ध, शक्तिहीन, बेबस, लाचार, कई बीमारियों तथा पर्किंसन बीमारी से ग्रस्त, लगभग पूर्णतः बहरे, कांपते हाथ वाले, ठीक से खाना-पानी तक अपने मुँह तक ले जाने में असमर्थ, आजीवन वंचितों आदिवासियों के हक-हूकूक के लिए संघर्ष करने वाले अथक योद्धा अपने पैरों को बेड़ियों में जकड़े हुए इस देश की क्रूरतम्, फॉसिस्ट,…