clarification
पहला पन्ना
सुप्रीम सफाई: बलात्कार के आरोपी से कभी पीड़िता से शादी करने को नहीं कहा
कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों...! दुष्यंत कुमार की ये लाइन उच्चतम न्यायालय के चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की कथित टिप्पणी पर चरितार्थ हो गयी है। चीफ जस्टिस...
Latest News
लोकतंत्र का संकट राज्य व्यवस्था और लोकतंत्र का मर्दवादी रुझान
आम चुनावों की शुरुआत हो चुकी है, और सुप्रीम कोर्ट में मतगणना से सम्बंधित विधियों की सुनवाई जारी है, जबकि 'परिवारवाद' राजनीतिक चर्चाओं में छाया हुआ है। परिवार और समाज में महिलाओं की स्थिति, व्यवस्था और लोकतंत्र पर पितृसत्ता के प्रभाव, और देश में मदर्दवादी रुझानों की समीक्षा की गई है। लेखक का आह्वान है कि सभ्यता का सही मूल्यांकन करने के लिए संवेदनशीलता से समस्याओं को हल करना जरूरी है।
You must be logged in to post a comment.