Thursday, March 28, 2024

Maj Dhyanchand

‘खेल रत्न’ से क्यों जुदा हुआ ‘भारत रत्न’?

मेजर ध्यानचंद अपनी मौत के 42 साल बाद भी खेलों की प्रेरणा बनने को जिन्दा हैं तो यही उनकी अहमियत है। मगर, 1928 में ही ओलंपिक में 14 गोल कर ‘हॉकी के जादूगर’ का तमगा ले चुके इस अजर-अमर...

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केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर दुनिया भर की निगाह के मायने 

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