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  • बदायूं: दरिंदों ने पार की हैवानियत की सीमाएं, मंदिर में गैंगरेप के बाद प्राइवेट पार्ट में रॉड डालकर की महिला की हत्या

    बदायूं: दरिंदों ने पार की हैवानियत की सीमाएं, मंदिर में गैंगरेप के बाद प्राइवेट पार्ट में रॉड डालकर की महिला की हत्या

    उत्तर प्रदेश के बदायूं में 50वर्ष की एक महिला के साथ निर्भया कांड जैसी जघन्य वारदात हुई है। बदायूं जिले में मंदिर में पूजा करने गई महिला के साथ हैवानियत की इंतहां पार की गई। मंदिर के महंत समेत तीन लोगों ने न सिर्फ उसके साथ गैंगरेप किया बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड…

  • कोश्यारी ने एक बार फिर खुद को नालायक साबित किया है!

    कोश्यारी ने एक बार फिर खुद को नालायक साबित किया है!

    संविधान की अनदेखी कर मनमाने तरीके से काम करने और अपने सूबे की सरकार के लिए नित-नई परेशानी खड़ी करने के लिए कुख्यात महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने एक बार फिर उद्दण्डता और निर्लज्जता का परिचय देते हुए साबित किया है कि वे राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बने रहने की न्यूनतम पात्रता भी…

  • क्या भारत समाजवादी के बिना धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र हो सकता है?

    क्या भारत समाजवादी के बिना धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र हो सकता है?

    5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम-मंदिर के भूमि-पूजन की घटना बहुसंख्यक साम्प्रदायिकता की राजनीतिक-सामाजिक स्वीकृति पर मुहर कही जा सकती है। इस घटना पर संविधान और भारतीय गणतंत्र के हवाले से जितने लेख/न्यूज़-स्टोरी/सम्पादकीय/पार्टी-विज्ञप्तियां/टिप्पणियां आदि देखने में आए, उनमें एक बात समान रूप से मिलती है। वह यह कि किसी भी बुद्धिजीवी अथवा नेता ने…

  • कैसा होना चाहिए हमारे दौर का नायक?

    कैसा होना चाहिए हमारे दौर का नायक?

    घेरेबन्दी में पड़े अपने शहर के हालात को लेकर अपने जमाने का शायर कैसी प्रतिक्रिया देता है? अचानक इस बारे में कुछ कहना मुश्किल जान पड़ सकता है, अलबत्ता एक तरीका है फिलिस्तीन के महान कवि महमूद दरवेश के नक्शेकदम पर चलना जिनकी लम्बी कविता ‘मेमरी फार फरगेटफुलनेस’ अर्थात ‘भुलक्कडपन/स्मृतिलोप के लिए स्मृति’ वर्ष 1982…

  • दिल्ली: रिपोर्टिंग पर गए कारवां के तीन पत्रकारों पर भगवा गैंग का हमला, महिला पत्रकार को शिश्न खोलकर दिखाया

    दिल्ली: रिपोर्टिंग पर गए कारवां के तीन पत्रकारों पर भगवा गैंग का हमला, महिला पत्रकार को शिश्न खोलकर दिखाया

    नई दिल्ली। दिल्ली के भजनपुरा में एक रिपोर्ट के लिए गए ‘द कारवां’ मैगजीन के तीन पत्रकारों पर भगवा गैंग के लोगों ने हमला किया है। साथ में मौजूद एक महिला पत्रकार का सेक्सुअल हैरेसमेंट भी किया गया। उस महिला पत्रकार को युवा पुरुषों की एक भीड़ ने घेर लिया और फिर उसकी तस्वीरें और…

  • सौ साल पीछे छोड़ चुकी राह पर लौटती कांग्रेस!

    सौ साल पीछे छोड़ चुकी राह पर लौटती कांग्रेस!

    पिछले हफ्ते दो महत्वपूर्ण घटनायें हुईं जिन्होंने देश की जनता पर गहरा प्रभाव डाला है। एक तो राम मंदिर का भूमिपूजन था जिसका सरकार प्रायोजित भव्य और जोरदार जलसे के साथ संपन्न होना कोई आश्चर्य की बात नहीं कही जा सकती। जिस बात ने काफी लोगों को चौंकाया और जिसे दूसरी महत्वपूर्ण घटना कही जा…

  • माहेश्वरी का मतः राम मंदिर का शिलान्यास राज्य की धार्मिक निष्ठा की शक्ति का नग्न प्रदर्शन

    माहेश्वरी का मतः राम मंदिर का शिलान्यास राज्य की धार्मिक निष्ठा की शक्ति का नग्न प्रदर्शन

    आज सभ्यता के सबसे बड़े संकट के काल में भारत में राम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास का जो भव्य आडंबरपूर्ण कार्यक्रम संपन्न हुआ वह भारतीय राज्य की धार्मिक निष्ठा की शक्ति का नग्न प्रदर्शन था। जिस काल में राज्य की स्वास्थ्य, शिक्षा और जन-कल्याणकारी पाशुपत शक्ति को संजोने और पूरी निष्ठा के साथ उसको सामने…

  • जब ढहायी जाएंगी हजारों-हजार मूर्तियां!

    जब ढहायी जाएंगी हजारों-हजार मूर्तियां!

    आज अयोध्या में राम के मंदिर के लिए भूमिपूजन होने जा रहा है। हालांकि इसके पहले एक बार शिलान्यास हो चुका है एक दलित कामेश्वर चौपाल के हाथों। लेकिन शायद यह हिंदू धर्म की अपनी मान्यताओं के अनुरूप न रहा हो। वर्ण व्यवस्था की मान्यताओं के उल्लंघन के कथित दोषी शंबूक को मारने वाले राम…

  • 5 अगस्त को राम मंदिर भूमिपूजन यानी राष्ट्रीय शर्म और शोक का दिवस

    5 अगस्त को राम मंदिर भूमिपूजन यानी राष्ट्रीय शर्म और शोक का दिवस

    मेरे लिए 5 अगस्त राष्ट्रीय शर्म और शोक का दिवस है। वैसे तो किसी भी लोकतांत्रिक एवं आधुनिक मानस के व्यक्ति के लिए यह राष्ट्रीय शर्म एवं शोक का दिवस होना चाहिए।  क्योंकि यह वह दिन है, जब भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्षता के झीने आवरण का या मुखौटे का अंतिम संस्कार होगा और चांदी की…

  • नरेन्द्र मोदी को नहीं है राम मंदिर का शिलान्यास करने का अधिकार

    नरेन्द्र मोदी को नहीं है राम मंदिर का शिलान्यास करने का अधिकार

    2018 में स्वामी ज्ञान स्वरूप सांनद, जो पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर में अध्यापन करते समय प्रोफेसर गुरु दास अग्रवाल के नाम से जाने जाते थे, ने गंगा के संरक्षण हेतु प्रधानमंत्री को चार पत्र लिखे और अंततः 112 दिनों के अनशन के बाद 11 अक्टूबर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में प्राण त्याग…