Tag: migrant
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आग बड़वाग्नि से बड़ी है आग पेट की
रामकथा को घर-घर पहुंचाने वाले तुलसीदास के भूख और गरीबी के अनुभव का जिक्र वे नहीं करते जिन्हें उनसे राजनीतिक और धार्मिक लाभ लेना है। लेकिन जब भी हम इन पंक्तियों को पढ़ते या सुनते हैं कि `आग बड़वाग्नि से बड़ी है आग पेट की’ तो वह आज के दौर में चरितार्थ होती दिख जाती…
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तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर तीन दिनों से फंसे हैं झारखंड के 30 प्रवासी मजदूर
जहां पूरे विश्व में कोरोना की महामारी सुर्खियों में है, वहीं भारत में मजदूरों के बीच भूख का भय, बेरोजगारी की चिंता, अपनों से मिलने की बेताबी से पैदा हो रही अफरा-तफरी से उत्पन्न हो रहे माहौल की खबरों की सुर्खियां कोरोना के खतरों से भी ज्यादा चिंताजनक हो गई हैं। कहीं सैकड़ों मील पैदल…
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प्रवासी श्रमिकों के सवालों पर माले का राज्यव्यापी धरना, वर्कर्स फ़्रंट ने मज़दूरों की मौतों के लिए मोदी सरकार को ठहराया जिम्मेदार
लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त घर पहुंचाने, श्रम कानूनों को यूपी में तीन साल तक स्थगित करने का फैसला वापस लेने व अन्य मांगों के लिए शुक्रवार को राज्यव्यापी धरना दिया। इस मौके पर आंध्र प्रदेश में गैस लीक की घटना में मारे गए लोगों और महाराष्ट्र में मालगाड़ी…
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मजदूरों के रेल भाड़े की सब्सिडी का तिलिस्म
कोरोना संकट ने जिस तरीक़े से सत्ता और समाज के हर हिस्से के पाखंड को बेनकाब किया है, उसकी कोई और मिसाल नहीं दी जा सकती। हालिया मामला श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के किराये को लेकर मची तू-तू-मैं-मैं का है। जब सोशल मीडिया में आलोचना होने लगी थी कि घर वापस लौट रहे फंसे हुए और…
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मजदूरों की महायात्रा के अर्थ !
माथे पर बोझ लिए, छोटे-छोटे बच्चों का हाथ थामे या शिशुओं को गोद में उठा कर लगातार भागी जा रही भीड़ ने सब कुछ उघाड़ कर रख दिया है। विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक मानी जाने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था के चेहरे का पाउडर धुल चुका है। चिलचिलाती धूप में, बिना खाये-पिए चलते जाने की जिद कोई यूँ ही नहीं करता है ! बड़े-बड़े शहरों से भाग रहे…
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जन दबाव में बदलना पड़ा कर्नाटक सरकार को अपना फ़ैसला, प्रवासी मजदूरों के लिए चलेंगी ट्रेनें
प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए ट्रेन सेवाओं को चलाने का फैसला वापस लेने पर तीखी आलोचना के बाद कर्नाटक में यदियुरप्पा की सरकार बैकफुट पर आ गयी है और उसने ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने का फैसला लिया है। सरकार ने राज्य में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों,…
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डायरी: कोरोना काल की कत्लगाहें
सिर्फ भारत के आंकड़ों पर गौर करते हैं। कोरोना वायरस को विधिवत केंद्रीय हुकूमत ने जब ‘महामारी’ मानकर लॉक डाउन घोषित किया तो चंद दिनों में बेरोजगारी दर 23 फ़ीसदी आ गई और मजदूर दिवस यानी 1 मई तक यह 50 फ़ीसदी को छूने लगी। आलम यह है कि महज एक ईमेल या फोन पर…