‘मनुवादी तालिबानों का घोषणापत्र’ है गीता प्रेस से प्रकाशित ‘कल्याण’ का नारी विशेषांक
उन्नीसवीं सदी में नारी विषयक लेखन के विवेचन से यह स्पष्ट होता है कि उस समय के नारी विमर्श की अपनी सीमाएं थीं, अपनी विशेषताएं [more…]
उन्नीसवीं सदी में नारी विषयक लेखन के विवेचन से यह स्पष्ट होता है कि उस समय के नारी विमर्श की अपनी सीमाएं थीं, अपनी विशेषताएं [more…]
‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता’ से लेकर ’नारी तुम केवल श्रद्धा हो….’ तक भारतीय संस्कृति और साहित्य में ढोल-नगाड़ों के साथ काफी ‘लाउड’ तरीके [more…]