Thursday, April 25, 2024

shankh

ताली, थाली, घण्टी और शंखनाद का मनोविज्ञान

बात सिर्फ़ अंधभक्तों की ही नहीं है। अंधभक्तों की आंखों पर तो पट्टियां बंधी ही हुई हैं लेकिन आज राष्ट्रपति, डॉक्टर्स, इंजीनियर, प्रोफ़ेसर्स, मंत्री, संतरी, टीचर्स, और अन्य पढ़े-लिखे तबक़े सभी को आज थाली, ताली, घण्टी और शंख बजाते...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...