इजराइल की जवाबी कार्रवाई में 198 फिलिस्तीनियों की मौत, 1610 से ज्यादा घायल

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नई दिल्ली। गाजा स्थित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजराइल के जवाबी हमले में 198 फिलिस्तीनियों की मौत हो गयी है और 1610 घायल हैं। गौरतलब है कि इसके पहले फिलिस्तीन से जुड़े हमास के चरमपंथियों ने इजराइल पर राकेटों से हमला किया था जिसमें 40 इजराइलियों के मारे जाने की खबर है। इस तरह से इजराइल और फिलिस्तीन के बीच भीषण संघर्ष शुरू हो गया है। हमास द्वारा ताबड़तोड़ इजराइली ठिकानों पर हमले के बाद इजराइल ने अब जवाबी हमला शुरू कर दिया है। उसने इसे युद्ध का नाम दिया है और कहा है कि वह इसे जीत कर रहेगा।

इज़राइल रक्षा बलों ने कहा कि शनिवार को “हमास द्वारा लॉन्च किए गए रॉकेटों की बौछार के जवाब में” गाजा में उन्होंने हमास के ठिकानों पर हमला करना शुरू कर दिया है। इजराइली रक्षा मंत्री योएव गैलेंट ने भी कहा कि “इजराइल युद्ध जीतेगा” फिलिस्तीनी संगठन ने शनिवार सुबह गाजा पट्टी से हमला शुरू किया है। हमास ने दावा किया है कि उसने दक्षिणी इज़राइल में 5,000 रॉकेट लॉन्च किए हैं, जिसे अभूतपूर्व पहल के रूप में देखा जा रहा है। इस बीच इज़राइल के सैन्य प्रवक्ता ने 2,500 रॉकेटों की गिनती कंफर्म किया है। इजराइल निवासियों को घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है, और इज़राइल की आपातकालीन सेवाओं और बचाव एजेंसी “मैगन डेविड अलोम” ने रक्तदान अभियान शुरू किया है।

भले ही सेना ने हमास की गतिविधियों के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी, लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि इजराइली सीमावर्ती शहर सेडरोट के अंदर वर्दी पहने बंदूकधारी दिख रहे हैं। वीडियो में गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है। मैगन डेविड एडोम ने कहा कि दक्षिणी इज़राइल में एक इमारत पर रॉकेट गिरने से 70 वर्षीय महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। अन्यत्र, रॉकेट के छर्रे से एक 20 वर्षीय व्यक्ति मामूली रूप से घायल हो गया। 

रॉकेट दागे जाने की घटना वेस्ट बैंक में भारी लड़ाई के दौरान हुई है, जहां इस साल इजराइली सैन्य हमलों में लगभग 200 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इजराइल का कहना है कि छापेमारी ‘आतंकवादियों’ को निशाना बनाकर की गई है, लेकिन पथराव करने वाले प्रदर्शनकारी और जो लोग हिंसा में शामिल नहीं हैं वो लोग भी मारे गए हैं। इज़राइली ठिकानों पर फ़िलिस्तीनी हमलों में 30 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर आई है।

ये तनाव गाजा तक भी फैल गया है, जहां हमास से जुड़े कार्यकर्ताओं ने हाल के हफ्तों में इजराइली सीमा पर हिंसक प्रदर्शन किए थे। हालांकि, इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के बाद सितंबर के अंत में प्रदर्शनों को रोक दिया गया था।

अगस्त 2022 में इजराइल के द्वारा किए गए हवाई हमलों में एक वरिष्ठ इस्लामिक जिहाद कमांडर पर हमले की खबर के बाद से शुरू हुई तीन दिनों की हिंसा में 15 बच्चों सहित कम से कम 44 लोग मारे गए। इज़राइल का कहना है कि ये हमले ईरानी समर्थित उग्रवादी आंदोलन द्वारा कमांडरों और हथियार डिपो को निशाना बनाने वाले हमले के खिलाफ एक एहतियाती कार्रवाई थी। जवाब में, इस्लामिक जिहाद ने इज़राइल की ओर 1,000 से अधिक रॉकेट दागे। इज़राइल की आयरन डोम वायु रक्षा प्रणाली किसी भी गंभीर क्षति या हताहत से बचाती है।

जनवरी 2023 में इजराइली सैनिकों द्वारा एक शरणार्थी शिविर पर हमला करने और सात फिलिस्तीनी बंदूकधारियों और दो नागरिकों को मारने की खबर के बाद गाजा में इस्लामिक जिहाद ने इजराइल की ओर दो रॉकेट दागे। रॉकेटों ने सीमा के पास इजराइली समुदायों में अलार्म बजा दिया लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। इजराइल ने गाजा पर हवाई हमले कर जवाब दिया था।

अक्टूबर 2023 में हमास ने गाजा पट्टी में इज़राइल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया, जो सीमा पार कर रहे बंदूक धारियों पर रॉकेटों की भारी बौछार के साथ एक चौंका देने वाला हमला था। इस्लामिक जिहाद का कहना है कि उसके लड़ाके हमले में शामिल हो गए हैं। इज़राइल की सेना ने कहा कि हम जंग में प्रवेश कर रहे हैं, हमने गाजा में हमास को निशाना बनाकर हमले किए हैं और रिजर्व सैनिकों को भी बुलाया गया है।

इज़राइल रक्षा बलों ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि शनिवार को “हमास द्वारा लॉन्च किए गए रॉकेटों की बौछार के जवाब में” हमने गाजा में हमास के ठिकानों पर हमला किया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका में इज़राइल के राजदूत माइकल हर्ज़ोग ने शनिवार सुबह इज़राइल के दक्षिणी हिस्से में हमास में हुए घुसपैठ पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा, “यह हमला अनुत्तरित नहीं होगा और हम उम्मीद करते हैं कि स्वतंत्र दुनिया स्पष्ट रूप से इसकी निंदा करेगी और इज़राइल की आत्मरक्षा की कार्रवाई का समर्थन करेगी।”

माइकल हर्ज़ोग ने बताया कि “यह हमला तब शुरू किया गया जब इजराइली धार्मिक यहूदी अवकाश मना रहे थे।”

इजराइल में फ्रांसीसी दूतावास ने फिलिस्तीनी संगठन हमास द्वारा इजराइल के दक्षिणी हिस्से में किए गए हमलों की निंदा की और कहा कि वह इजराइल और इजराइलियों के साथ खड़ा है। दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि “देश के दक्षिण से आने वाली खबरों से भयभीत हैं। ये आतंकवादी हमले अस्वीकार्य हैं और सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए। हम इजराइल और इजरायलियों के साथ खड़े हैं।”

आधिकारिक समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए के हवाले से आई खबर के अनुसार फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि फिलिस्तीनी लोगों को “बसने वाले और कब्जे करने वाले सैनिकों के आतंक” के खिलाफ अपनी रक्षा करने का अधिकार है। अब्बास ने फिलिस्तीनी प्राधिकरण के कई शीर्ष अधिकारियों के साथ रामल्ला में आयोजित एक आपातकालीन बैठक में बोल रहे थे।

लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह ने एक बयान जारी कर कहा कि वह गाजा की स्थिति पर करीब से नजर बनाये हुए हैं और “फिलिस्तीनी प्रतिरोध के नेतृत्व के साथ सीधे संपर्क में है।” गाजा लड़ाकों द्वारा इजराइल पर रॉकेट दागने की घटनाओं के बाद, बयान में कहा गया कि यह “इजराइल के निरंतर कब्जाने की कोशिश का एक निर्णायक प्रतिक्रिया है और इजराइल के साथ सामान्यीकरण की मांग करने वालों के लिए एक संदेश।”

हालांकि इस मामले को लेकर भारत का पक्ष इजरायल के तरफ है, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले को लेकर एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि इजराइल में आतंकवादी हमलों की खबर से गहरा सदमा लगा है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। हम इस कठिन समय में इज़राइल के साथ एकजुटता से खड़े हैं।

हमास के इस भीषण हमले के पीछे प्रमुख वजह इजराइल और सऊदी अरब के बीच रिश्तों को ठीक करने के लिए चल रही कवायद है। कहा जा रहा है कि अगर ऐसा हो गया तो मध्यपूर्व की भू-राजनीतिक स्थिति बिल्कुल बदल जाएगी जिसमें फिलिस्तीन का बहुत ज्यादा नुकसान होगा। लिहाजा इस पूरी कवायद को कैसे पटरी से उतारी जाए उसको सुनिश्चित करने के लिए इस हमले को अंजाम दिया गया है। हालांकि इसके अलावा और भी कई कारण हैं जिनमें प्रमुख तौर पर पिछले एक सालों में तकरीबन 200 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौतें हैं जिससे पूरे समुदाय में गुस्सा उबल रहा था।

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