पश्चिम बंगाल उपचुनाव : बीजेपी की बढ़त के क्या हैं मायने

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सत्येंद्र प्रताप सिंह

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर की दक्षिण कांथी विधानसभा सीट के उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार व पूर्व कानून मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने भाजपा प्रत्याशी सोरिंद्र मोहन जेना को 42526 मतों के अंतर से हराया। उपचुनाव के नतीजे से साफ है कि राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का जादू बरकरार है, पर भाजपा ने ऊंची छलांग लगायी है। भाजपा दूसरे स्थान पर रही, जबकि वाम मोरचा और कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी।

 

वोट का गणित

दक्षिण कांथी की सीट तृणमूल कांग्रेस के पूर्व विधायक दिवेंदू अधिकारी के इस्तीफा से खाली हुई थी। उन्होंने इस सीट से इस्तीफा देकर तमलुक लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। गौरतलब है कि उपचुनाव में 82.33 फीसदी मतदान दर्ज हुआ था। उपचुनाव में 2016 के विधानसभा चुनाव की तुलना में भाजपा को सबसे अधिक 22 फीसदी मतों का फायदा हुआ है, जबकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के मत प्रतिशत में तीन फीसदी का इजाफा हुआ है। कांग्रेस व वाम मोरचा ने 2016 का विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था। उपचुनाव में न केवल इन दोनों पार्टियों का मत प्रतिशत गिरा है, बल्कि इनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी।

मां, माटी, मानुष की धमक बरकरार

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार को मिली कामयाबी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, “दक्षिण कांथी विधानसभा उपचुनाव में जीत के लिए मैं मां, माटी व मानुष को बधाई देती हूं।

इस जीत के लिए तृणमूल के कार्यकर्ता भी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने काफी मेहनत की। विकास कार्यों के प्रति लोगों के समर्थन के लिए हम उनके आभारी हैं। लोगों ने हमारे प्रति जो समर्थन दिखाया है, उससे हमें उनके लिए शांति से काम करने में मदद मिलेगी।”

 ममता ने बीजेपी की बढ़त को दरकिनार किया

उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार के दूसरे स्थान पर आने को किसी प्रकार की अहमियत देने से इनकार करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि, “आप लोगों का हिसाब-किताब ठीक नहीं है। कौन नंबर दो बना या किसने तीसरा स्थान हासिल किया, यह देखना हमारा नहीं, लोगों का काम है। हम केवल इतना ही जानते हैं कि लोगों ने हमें कामयाब बनाया और दोबारा सेवा करने का मौका दिया है।”

चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति राज्य की जनता का विश्वास बढ़ा है। इसलिए 2016 की अपेक्षा उपचुनाव में जीत का अंतर भी बढ़ा है।”

भाजपा के वोट में हुई वृद्धि के संबंध में उन्होंने कहा कि यह तो अब साबित हो गया है कि भाजपा व माकपा के बीच गुप्त समझौता है। इसलिए उन्हें हराने के लिए भाजपा को अधिक लोगों ने वोट दिया। लेकिन राज्य की जनता सब देख रही है।

कांथी दक्षिण सीट पर एक वर्ष पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 15,223 वोट मिले थे और इस बार उपचुनाव में भाजपा को लगभग 350 प्रतिशत अधिक वोट मिले हैं। उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार सौमेंद्र नाथ जेना को 52,843 वोट मिले हैं।

बीजेपी बढ़त की राह पर

इस उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन राज्य की अन्य विरोधी पार्टियां भाजपा के मुकाबले कमजोर होती जा रही हैं। दरअसल बंगाल की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी तेजी से उभरती नजर आ रही है। राज्य की एकमात्र कांथी दक्षिण विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा का जनाधार जिस तरह से बढ़ा है, इससे केंद्रीय नेतृत्व का बंगाल में जनाधार बढ़ाने का रास्ता भी साफ दिख रहा है।

यही कारण है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व बंगाल पर विशेष ध्यान दे रहा है। भाजपा के 36 से भी अधिक केंद्रीय नेता पिछले एक सप्ताह से बंगाल दौरे पर हैं और राज्य के विभिन्न जिलों में जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। इस संबंध में बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने विशेष बातचीत के दौरान बताया कि,“उपचुनाव में भाजपा को मिले वोट यह दर्शाते हैं कि यहां भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी बन चुकी है।”

अब पंचायत चुनावों की तैयारी

भाजपा यहां अगले वर्ष होनेवाले पंचायत चुनाव में अपनी भागीदारी बढ़ाना चाहती है। पंचायत चुनाव के पहले सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को टक्कर देने के लिए भाजपा ने विशेष वाहिनी का गठन करने का फैसला किया है। यह वाहिनी भाजपा के 10 हजार कार्यकर्ताओं को लेकर तैयार की गयी है, जो 26 अप्रैल से राज्य के सभी जिलों के पार्टी के लिए प्रचार शुरू करेंगे।

इस वाहिनी के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गये एकाधिक विकास योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारियां देंगे और उन्हें यह सुविधा मिल रही है या नहीं, इसकी भी जानकारी लेंगे। 26 अप्रैल से 15 दिनों तक यह वाहिनी प्रचार अभियान चलायेगी। पंचायत स्तर पर अपनी सांगठनिक शक्ति को मजबूत करने के लिए प्रदेश भाजपा ने बूथ कमेटी पर सदस्यों का जुटाना शुरू कर दिया है।

जमीन पर होगा जोर

भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश नेताओं को स्पष्ट कर दिया है कि अब नेताओं को अधिक समय जिलों में बिताना और वहां सांगठनिक शक्ति को मजबूत करना होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के प्रत्येक जिले में सांगठनिक कार्यों की समीक्षा के लिए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अमित शाह बंगाल दौरे पर आ रहे हैं और उनके दौरे के पहले राज्य सरकार यहां उत्तर व दक्षिण बंगाल के प्रत्येक जिले में बूथ कमेटी तैयार करने का काम पूरा कर लेना चाहती है।

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