आदिवासी ग्रामीण पी रहे फ्लाई ऐश के चुआड का पानी, मामला सीएम कार्यालय पहुंचा

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अनपरा, सोनभद्र। बेलवादह गांव के कैम्हा टोला के खरवार आदिवासियों द्वारा अनपरा तापीय परियोजना से निकली फ्लाई ऐश के पानी को चुआड से पीने का मामला सीएम कार्यालय पहुंच गया है। स्वराज अभियान नेता दिनकर कपूर के पत्र पर कार्रवाई करते हुए 23 मार्च तक एसडीएम दुद्धी से आवश्यक कार्रवाई कर जवाब मांगा गया है।

गौरतलब है कि दिनकर कपूर के नेतृत्व में मजदूर किसान मंच की टीम ने बेलवादह के इस आदिवासी टोले में जाकर जांच की थी। इस टीम में राजेश सचान, हरिनाथ खरवार, तेजधारी गुप्ता और रमेश सिंह खरवार शामिल थे। इस जांच के बाद स्वराज अभियान के प्रतिनिधिमण्डल ने डीएम से मिलकर पत्रक दिया था।

पत्रक में मांग की गई कि डीएम अनपरा प्रबंधन को निर्देशित करें कि वह सीएसआर के तहत इस गांव में जाने के लिए सड़क और सोलर वाटर पंप द्वारा तत्काल शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करें और फ्लाई ऐश की ऊंचाई बढ़ने से विस्थापित होने वाले वनाधिकार का पट्टा पाए इन ग्रामीणों को 2013 के पुनर्वास कानून के तहत मुआवजा दें और पुनर्वास करें।

डीएम को सौपें पत्रक में कहा गया है कि सोनभद्र जनपद देश के सर्वाधिक पिछड़े जनपदों में होने के कारण महत्वाकांक्षी जिला घोषित किया गया है। इस जिले में आदिवासी समाज की यह दुर्दशा दुखद और चिंताजनक है। आज तक शुद्ध पेयजल और सड़क तक मुहैया नहीं कराई जा सकी। यह हालत तब है जब महत्वकांक्षी जिला होने के कारण बड़ी घोषणाएं की जा रही हैं और कार्पोरेट सामाजिक दायित्वों में भी धन जमा किया जा रहा है।

हालत इतनी बुरी है कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन के लिए एसडीएम दुद्धी के नेतृत्व में अनपरा प्रबंधन की टीम इस गांव का दौरा करती है। परन्तु उसे आदिवासियों की यह दुर्दशा दिखाई नहीं देती। यहीं नहीं वनाधिकार कानून के तहत इस गांव के लोगों को पट्टा मिला वह उस जमीन पर पुश्तैनी बसे हैं। उनके मकान और खेती है।

आज अनपरा परियोजना द्वारा फ्लाई ऐश की ऊंचाई बढाई जा रही है। इससे यह बस्ती डूब जाएगी पर इन विस्थापितों को कोई पुर्नवास लाभ देने के लिए परियोजना प्रबंधन तैयार नहीं है, इसलिए डीएम से हस्तक्षेप कर कार्रवाई की मांग की गई है। अब यह मामला सीएम कार्यालय पहुंच गया है।

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